Monday 21 November 2011

HW 18 Arpit Shah

हा, मैं कभी कभी भूल करता हूँ. हर आदमी भूल करता है. भूल करना बहुत आसन है. एक बार मेरे से बहुत बड़ी भूल हुई थी. जर्मी की छुट्ठिया में, मैं भारत जा रहा था. मेने मेरी टिकेट दस दिन पहेले खरदी थी. मैं बहुत संदीप्त था. भारत जाना मुझे बहुत पसंद है. मैं बॉम्बे, बरोदा, गोवा, और न्यू दिल्ली जा रहा था. मुझे हवाई अड्डे 
जाना भी बहुत पसंद है और हवाई जहाज में बेठना भी पसंद  है. हवाई जहाज में फिल्म देखता हूँ और गायन सुनता  
हूँ.  भारत जाने के एक दिन पहेले, मेने सामान पैक किया. मेरी उड़ान रात में छे बजे थी. मैं सुबह में दस बजे उठा था. 
मेर सारा परिवार पहेले सी भारत था. दो बजे मैं घर से निकला. एक घंटे के बाद मैं हवाई अड्डे में आया. मेने मेरी गाड़ी 
पार्क की और सामान निकाला. मैं टिकेट काउंटर में गया. टिकेट काउन्टर  पर बहुत लम्भी  लाइन थी. आधे घंटे के बाद 
मेरा तूर्ण आया. मेने मेरी टिकेट टिकेट अगेंट को दी. टिकेट अगेंट ने कहा " आपने उड़ान मिस्सेद (missed) कर दी.
मेने कहा  " आप क्या बात कर रहे हो, मेरी उड़ान रात  में छे बजे है. टिकेट अगेंट ने कहा, " नहीं साहब, आप की उड़ान 
छे  बजे सुबह में थी. टिकेट अगेंट ने मुझे टिक्के वापस की. मेने टिकेट में समय देखा और पढ़ा  6 A.M. मैं बहुत हेरान था.
लेकिन टिकेट अगेंट बहुत अच्छी  थी. उसने  मुझे अगले दिन की उड़ान देदी. मेने उसको धन्यवाद दिया और वापस घर 
गया. अगले दिन मेने सही समय पर हवाई अड्डे गया. 

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