Tuesday, 22 November 2011
भूल हुई है - अवि अमिन
बचपन में मैं ने एक दिन माँ को जन्म दिन भूल गया। माँ बहुत परेशान थी। लेकिन मैं माँ को माफ़ी मांगी और सुब कुछ अच्छा होगा। जब मैं दस साल था, तब मुझ को एक बड़े भूल हुई। मेरी माँ घर पर थी और मेरे पापा काम पर थे। मैं ने एक दिन एक खेल खेला। मैं एक कमरा में गया और माँ को छिपाया। मेरी माँ पूरा दिन खोजा लेकिन मेरी एक गलती थी। मैं सो गया और मैं ने माँ को आवाज़ नहीं सुना। मेरी माँ पोलिसे को फ़ोन किया क्योंकि उसने सोचा कि मैं घर पर नहीं था। जब पोलिसे घर में अन्दर आया तब मैं उता और माँ के पास गया। माँ बहुत नाराज़ थी। यह मेरी भूल थी। जब मैं सोलह साल था तब मुझ को दूसरा भूल हुई। मैं एक दिन स्कूल के लिए देर हो चुकी थी। मैं गाडी से उठकर अन्दर भागा। तीन बजे मैं बाहर गया और मैं ने चाबी निकाला लेकिन चाबी जेब में नहीं थी। मैं गाडी से अन्दर देखा और चाबी अन्दर थी। मैं पापा को फ़ोन किया और पापा ने कहा कि हमारे पास दुसरे चाबी नहीं है। पापा मुझ पर बहुत नाराज़ थे। मैं ने मरम्मत आदमी को फ़ोन किया और उस ने चाबी निकाला। मैं घर आकर पापा के पास गया। पापा कमरे में थे और टी.वी. देख रहे थे। पापा ने कहा कि मैं एक हफ्ता के लिए स्कूल बस से जाऊँगा। मैं अपनी सबक सिखा। और मैं फिर चाबी गाडी के अन्दर नहीं भुला।
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