Sunday 6 November 2011

Aniket HW 15

अगर मैं भारत जाता हूँ, मैं बहुत खुश हूँगा. मैं भारत जाकर, अपना परिवार मिलूँगा. वास्तव में, मेरी माँ काल भारत जा रही है. मेरा कजिन की शादी है दो हफ्ते के बाद. इसलिए मैं अकेला नहीं जाऊँगा. मेरा पूरा परिवार भारत में है. मेरे पिता का परिवार लुधिअना और दिल्ही में रहता है. मेरा जन्म लुधिअना में हुआ. जब मैं दिल्ही में हूँ, मैं बहुत कुछ कर सकता हूँ. हर कजिन बड़े और आदमी हैं. एक कजिन, सैहिल, बहुत अजीब है. उसने  पिछले साल शादी किया. और अब मेरा दूसरा कजिन, वरून, शादी कर रहा है.  हम दिल्ही में बहुत शौपिंग करते हैं क्योकि दिल्ही में बहुत अच्छी दूकान हैं. जब मैं मेरे पिता का परिवार नहीं मिल रहा हूँ, मैं जल्हंदर में हूँगा. मेरी माँ का परिवार जल्हंदर में रहता है. ये कजिन मुझसे छोटे हैं. जल्हंदर मैं अपना कजिन के साथ "पिंग-पोंग" खेलता हूँ. मैं क्रिकेट भी खेलता हूँ लेकिन मेरा कजिन के साथ नहीं. मैं अपनी पर्ड़ोसी के साथ खेलता हूँ क्योकि मेरा कजिन बहुत गन्दा खेलता है. लेकिन वह हॉस्टल में सब से अच्छा पिंग-पोंग प्लेयर है. मैं हर खेल हारता हूँ. जब हम जल्हंदर जाते हैं, हम हमेशा एक मंदिर जाते हैं. मेरी माँ का दादा जी ने बनाया. इस मंदिर जल्हंदर में सब से सुन्दर है. मेरा मामा एक गार्ड़ी का दूकान "ओवन" करता है. मुझे गार्ड़ी की शौंक है सो मैं दुखान देखने चाता हूँ. अंत में, अगर मैं भारत जाऊँगा, मैं हिन्दी बोलने की खोशीश करूँगा. अब मैं अपना परिवार के साथ हिन्दी में बोल सकता हूँ! 

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