Sunday 6 November 2011

अगर में भारत जाती...

बचपन से मैं कभी भारत में नहीं रही. इसीलिए जभी में भारत जाती हूँ मुझे बहुत ख़ुशी आती है क्योंकि मैं पूरा परिवार को मिल सकती हूँ. हर साल मेरी परिवार भारत जाने की कोशिश करते हैं और हर साल मैं और भी उत्तेजत हो जाती हूँ. 

अगर में भारत जाती तो मुझे पता है की एक सांस लेने के लिए बहुत मुश्किल है क्योंकि बहुत सरे करने के चीजों है. पहले तो मैं अपनी दादा, दादी और नानी से मिलती हूँ. वे सब दिल्ली में रहतें हैं तो मेरे लिए आसान रहता है. मेरे ताऊ और ताई गुडगाँव में रहते हैं तो में उनसे भी मिलने जाती हूँ 

लोगों मिलने के आलावा, अगर में भारत जाती तो में खूब खरीदारी करुँगी. मुझे पता है की भारत में अच्छे कपडे और चीजों मिलती हैं. सब से अच्छी बात यह है की भारत में यह सब चीजों सस्ते भी है. मैं एक सलवार कमीज़ भी खरीदूंगी क्योंकि इस साल मुझे दिवाली का दिन पर कुछ भारतीय कपडे पेहें ने के लिए थे नहीं. 

अंत में अगर में भारत जाउंगी तो में ज़रूर खूब हिन्दुस्तानी खाना कहूंगी. मुझे चाट बहुत अच्छी लगती है. दिल्ली में एक चाट वाला है और मैं हर साल वहां जाती हूँ. मैं कभी दिल्ली से वापिस नहीं आती हूँ अगर उसका चाट नहीं खाई! 

No comments:

Post a Comment