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Tuesday, 27 October 2009

मन पसंद किताब

बचपन से, मैं बहुत किताबें पढ़ती हूँआजकल, मैं सिर्फ़ गर्मी में पढ़ सकती हूँपिछले गर्मी में, मेरी मन पसंद किताब "काप्पुचिनो दुस्क" थीकोंकोना बासु इस किताब ने लिखाकहानी में, एक बड़ी बंगाली परिवारसाथ-साथ रहते हैंवे सब मुंबई में रहते हैं। किताब मैं, परिवार को खूब मुश्किल संकल्प करने पड़ा. बासु की किताब बहुत ही सुंदर है . मुझे भारत के लेकक बहुत पसंद है क्योंकि मैं चरिन्न के साथ "relate" करती हूँ . जब मैंने ये सब किताबें पढ़ी, मैं भारत "miss" करती हूँ!

- Nina

Sunday, 25 October 2009

मेरी पसंदीदा किताब

मेरी पसंदीदा किताब का नम थे कैट रनर है। यह किताब एक अफ्घनी आदमी (आमिर) के जीवन की कहानी है। किताब का पहला विमाग आमिर के बचपन के बारे में है। आमिर को याद आता है बीता समय बचपन का जब वह अपने नौकर जो उसका दोस्त भी था के साथ खेलता था। आमिर याद करता है एक बुरी घटना जो उसके जीवन को बदल देती है। उस घटना के बाद आमिर अपने पिता के साथ अमेरिका जाता है। वहां जाकर आमिर जवान होकर शादी करता है। फ़िर उसे पता चलता है की हस्सन (आमिर का नौकर) मर गया और हस्सन उसका सौतेला भाई था। किताब का दूसरा भाग आमिर की सफर अफगानिस्तान के बारे में है। उसका बतिजा अफगानिस्तान में है और आमिर को उसे बचाना है। मुझे यह किताब अच्छी लगी क्योंकि इसकी कहानी दिलचस्प और अची तरह से लिकी थी।

मन पसंद किताब

मेरी मन पसंद किताबें का एक Catch-22 है। उसका लेखक जोसेफ हेलर है और वह १९५५ में प्रकाशित होता था। मुझे यह किताब पसंद है क्योंकि यह बहुत मजेदार और दिलचस्प है। कहानी WWII में यूरोप में है। नायक का नाम योसारियन (Yossarian) है। वह पायलट है, लेकिन उसको युद्ध में लड़ना नहीं पसंद है। योसारियन घर जाना चाहता है, लेकीन उसको बहुत मिशन उड़ाने पड़ते हैं। मिशन की राशि बढ़ती रहती है। किताब के बारे में उसके अनुभव हैं। ये अनुभव कभी कभी मजेदार और कभी कभी उदास हैं। वे अक्सर दोनों मजेदार और उदास हैं। किताब में बहुत "पैराडाक्स" भी हैं। यहाँ एक्सैम्पल है: एक आदमी अपने दफ्तर में ही लोगों से मिलता है, लेकिन जब यह आदमी अपने दफ्तर में है तब लोग उसके दफ्तर में नहीं जा सकते हैं! मुझे जोसेफ हेलर की किताब "Something Happened" भी अच्छी लगती है।

Thursday, 22 October 2009

नैंसी द्रव

आज कल मुझे किताबें का एतना शौक नहीं रा। लेकिन बचपन में मुझे नैंसी द्रव की किताबें पसंद आती थी। मुझे वे किताबें पसंद थे जिस में कोई राज़ या रहस्य थी क्योकि मुझे पढ़ने में मज़ा आता। हर नैंसी द्रव कहानी में कोई न कोई बदमाश होता जो कुछ बदमाशी करता। और जब नैंसी द्रव को पता करना पड़ता कि यह बदमाश कौन था तभी मुझे किताब पढ़ने का मज़ा आता। जैसे नैंसी द्रव को कुछ सबूत मिल जाता तब ही धीरे-धीरे बदमाश का जान-पहचान और नजदीक आता। कई बार नैंसी द्रव कि जान पर हमला होता था और मुझे कभी-कभी डर लगता था खासकर जब मैं रात को पढ़ती थी। लेकिन हमेशा की तरह नैंसी द्रव कामयाब होती और वह बदमाश को पाकर लेती। मुझे ऐसी कहानियाँ मज़ेदार लगती - जिस में कोई मुजरिम हो और कहानी उसकी तैलाश के बारे में होती।