मुझे नाचने का शौक बचपन से है। जब मैँ तीन या चार साल कि थी, मेरी मामी ने मुझे हिंदी गाने पर एक नाच सिकाया और मैँ दिवाली पार्टी में स्टेज पर एस गाने पर नाची। उस दिन ले कर आज तक मुझे अपने आप और दूसरों के लिए नाचना पसंद करती हूँ।
मेरे माँ - बाप राजस्थान से हैं, लेकिन मुझे घुमर नहीं आता, लेकिन मुझे भंगरा, रास, और बॉलीवुड नाच पसंद हैं। अभी मैँ बहुत भंगरा करती हूँ क्योंकि मैँ भंगरा टीम पर हूँ। भंगरा के लिए बहुत उर्जा चाहिए और पैरों को बहुत ऊँचे लाने पड़ते हैं। और भंगरा में तीन तरफ के आधारीय स्टेप्स हैं - हम ये तीन स्टेप्स को तोडा सा बदलकर गाने पर नाचते हैं। क्योंकि मेरा टीम बहुत ही आधुनिक है, हम बहुत कुछ बदलते हैं और नए - नए स्टेप्स डालते हैं। आज कल लडकियाँ भी भंगरा करती हैं, लेकिन पुराने ज़माने में (प्राचीन और क्रमागत भंगरा) लडकियाँ भंगरा नहीं करती थी, सिर्फ लड़के करते थे। अभी भी भंगरा में कई चीज़े अनुचित हैं। जैसे लडकियाँ अपने जांघों को मार नहीं सकती और वे लड़कों के कांधों पर खड़ीं नहीं हो सकतीं। भंगरा में लड़कियों को लड़कों के जैसे नाचना पड़ता है।
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Tuesday, 2 February 2010
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