मेरी ज़िन्दगी में भूल होते रहते हैं | पिछले हफ्ते मैं अपने चाबियाँ घर पर भूल गया, और एक हफ्ते के लिए बहुत परिशानियां हुई | हर दिन, मुझको अपना रूममेट को बुलाना पड़ता था क्योंकि मेरे पास चाबी नहीं थी | जब मैं अपने परिवार से हिंदी बोलता हूँ, मैं हमेशा भूलता हूँ के जब मैं बात कर रहा हूँ, बड़ों को इजात देना होता है | इसलिए मैंने पिछले हफ्ते अपने पिता जी को "तुम" कह दिया | वे नाराज़ नहीं हुए क्योंकि उनको मालूम था के मैं गलती से बोल गया | जब मैं इस साल ऍन आर्बर आ रहा था, मैं अपना बैकपैक भूल गया घर पर, और इसलिए उस ही दिन वापिस जाना पड़ा | मैं हमेशा अपना वल्लेट या चाबी घर पर भूल जाता हूँ | लेकिन फिर भी | मेरा सब से बुरा भूल था जब मैं कॉलेज ऐप्लिकेशुन्स भर रहा था, मैं एक कॉलेज के बारे में भूल ही गया जब आंखरी हफ्ता था , और डेट छूट गया | मुझको बहुत गुस्सा हुआ अपने आप पर, क्योंकि मैंने इतनी महेनत की उस ऐप्लिकेशुन के लिए, और मैं ठीक समक पर भेजना ही भूल गया | लेकिन इस बात का, या किसी भी भूल का ज्यादा अफ़सोस नहीं है, क्योंकि मुझे लगता है की हम गलतियां से ही सीखते हैं, और सब कुछ एक कारण के लिए होता है |
Monday 21 November 2011
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