हर समय मैं "वाशिन्ग्तों डी.सी." जाती हूँ, मैं निशानियाँ देखना अच्छी लगती हैं. वहां, सारी निशानियाँ के इतिहास खूब दिलचस्प हैं और निशानियाँ का निर्माण भी सुन्दर हैं. इस शहर में,मेरी मन पसंद निशानी "वर्ल्ड वर II" हैं. जो लोग युद्ध में मर गए, यह निशानी उनको आदर करता है. WWII "मेमोरिअल" २००४ में खुला और दिन भर खुला रहता है. रात में, मुझे इस निशानी को देखने पसंद है. निशानी "लिंकोलं मेमोरिअल" और "वाशिन्ग्तों मेमोरिअल" के बीच में खड़ी है. इस निशानी में, ५६ खम्भा एक छोटी झील को गांसते हैं. बहुत लोग को झील के आस-पास बैठने पसंद हैं क्योंकि वहां जगह बहुत शांत है.
मुझे "मेमोरिअल" का इतिहास के बारे में सिखने पसंद है क्योंकि अम्रीका और दुसरे देशों के लिए यह समय ख़ास है. मैंने यह निशानी पहली बार देखा चार और पांच साल पहले. हालाँकि मैं जवान थी, मुझे निशानी का अर्थ अच्छा लगता था और मुझे अभी भी पसंद है. इस गर्मी में, जब मैं "वाशिन्ग्तों डी.सी." में काम करूंगी, मैं निशानी के पास और समय बिताने सकती हूँ. इस शहर में और *मशहूर निशानियाँ हैं जो मैं देखना चाहती हूँ.
- नीना
Showing posts with label मेरी मन पसंद निशानी. Show all posts
Showing posts with label मेरी मन पसंद निशानी. Show all posts
Saturday, 10 April 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)