मेरे बचपन की स्मृती
मैं बहुत स्कूल गया. ज़रुरी है कि आधिक स्कूल था. जब मुझे तीन साल था, मैंने प्रीस्कूल शुरू किया. शुरू में, मैं अंग्रेज़ी का वर्णमाला पढ़ा. एक साल के बाद, मैं आसान किताबें पढ़ सकता था. जब मुझे चार साल था, मैंने नंबर पढ़ा, अंग्रेज़ी और सपैनिश में. मेरा मनपसंद चीज़ प्रीस्कूल में नैप्टाइम था. मेरी मनपसंद सहली का नाम एजा था. एक बार, वह मेरे घर में थी, और मैंने उसके बाल प्लैस्टिक कैंची के साथ कटाये. इस के बाद, मैं बहुत परेशानी में था.
जब मैं प्रीस्कूल खत्म हुआ, मैंने एलेमेन्टरी स्कूल शुरू किया. इस स्कूल में, मैंने कुछ नई चीज़ें पढ़ी और मेरे पास कुछ नये दोस्त थे. किंडर्गार्डन में हमने कोई नहीं पढ़ी. हमनें खाना और प्लेयडो पकाये और अध्यापक ने हम को कहानियाँ पढाई. पहला ग्रेड मे, पढ़ाई शुरू किया. हमने वर्तनी, गणित, विज्ञान, और मिशिगन की इतिहास पढ़े. तब भी हमने खाना पकाया, लेखिन कम.
एलेमेन्टरी स्कूल में, मेरे दोस्त अक्सर बदल गये। मेरा पहला दोस्त का नाम, केनी था। मैंने उसको किताब पढ़ना सीखा, क्योंकि उस पर कठिन था। हम बहुत विडियोगेम्ज़ खेले भी। उस के बाद, मेरा दोस्त का नाम बाबी था. बाबी और मैं नें बहुत मज़ाक चीज़ें करे. मेरा बचपन नहीं रोचक था.
जकब बोल्टन
Showing posts with label बचपन की स्मृत्या. Show all posts
Showing posts with label बचपन की स्मृत्या. Show all posts
Monday, 25 January 2010
Sunday, 24 January 2010
मेरे बचपन की स्मृतियाँ
मेरे बचपन में मुझे कभी-कभी चोट लगी। एक बार मैं और मेरे दोस्त एक छोटे जंगल में थे। हम लोग साइकिलों पर दौड़ रहे थे और मैं पाताल पर गिरा। मेरी टांग में छोटी ही चोट लगी, लेकिन मैंने मेरी टांग देखकर बहुत खून देखा। मैं और एक दोस्त मेरा घर गए और मैं और मेरे माता-पिटा अस्पताल गाड़ी चलाए। मुझे मेरी टांग में कुछ स्टिचज मिलने थे। मैं मेरे माता-पिता को रोया कि मुझे स्टिचज मिलना नहीं पसंद था। लेकिन अब मुझे मालूम है कि स्टिचज अनुकूल थे। अब मेरे दायेंवाले टांग पर मेरा निशान है। आज मैंने अंग्रेज़ी की क्लास के लिए इस बचपन की स्मृति के बारे में एक कविता लिखी।
मेरे यंग जीवान में मुझे मेरे दोस्त के साथ साइकिलों पर शहर घूमना अच्छा लगता था। हम लोग को शहर में स्केटबोर्ड करना भी अच्छा लगता था। मैं स्केटबोर्ड करने में अच्छा कभी नहीं था, लेकिन वह मज़ेदार था। कुछ दोस्त अच्छे थे, और वे बहूत दिलचस्प ट्रिक्स कर सकते थे। कुछ दिनों हम साथ-साथ सूरज के अस्त को सूरज के उदय से थे। अनदर हम बहुत विडीओ-खेल खेले और बहुत फ़िल्में देखे। बाहर हम अक्सर स्पोर्ट्स खेले: ड्राइव-वे में बास्केटबॉल, यार्ड में बेसबॉल, और सड़क में फुटबॉल। हम्हें फुटबॉल खेलकर गारी के लिए चलना था। बचपन में मैं एक लीग में बास्केटबॉल खेला, और मिडल-स्कूल में मैं मेरे स्कूल के टीम के लिए बास्केटबॉल और फुटबॉल खेला।
मेरे यंग जीवान में मुझे मेरे दोस्त के साथ साइकिलों पर शहर घूमना अच्छा लगता था। हम लोग को शहर में स्केटबोर्ड करना भी अच्छा लगता था। मैं स्केटबोर्ड करने में अच्छा कभी नहीं था, लेकिन वह मज़ेदार था। कुछ दोस्त अच्छे थे, और वे बहूत दिलचस्प ट्रिक्स कर सकते थे। कुछ दिनों हम साथ-साथ सूरज के अस्त को सूरज के उदय से थे। अनदर हम बहुत विडीओ-खेल खेले और बहुत फ़िल्में देखे। बाहर हम अक्सर स्पोर्ट्स खेले: ड्राइव-वे में बास्केटबॉल, यार्ड में बेसबॉल, और सड़क में फुटबॉल। हम्हें फुटबॉल खेलकर गारी के लिए चलना था। बचपन में मैं एक लीग में बास्केटबॉल खेला, और मिडल-स्कूल में मैं मेरे स्कूल के टीम के लिए बास्केटबॉल और फुटबॉल खेला।
मेरा बचपन
मैं अपना बचपन बहुत प्यार से याद करता हूँ. मेरा परिवार में मैं बड़ा हूँ. सिर्फ चिराग मुझसे बड़ा है. वह तीन महीने से मेरा बड़ा है. लेकिन, वह मेरा भाई नहीं है, चिराग मेरा मामा है. मेरी मां और चिराग चचेरा भाई बहन हैं. थोडा साल के बाद, मेरी पीडी पुरु हो गयी. हम ८ बच्चे थे. मैं, मेरा छोटा भाई विजय, चिराग, अपनी छोटी बहन सपना, मयूर, अपनी छोटी बहन आरती, अखिल, और अपनी छोटी बहन कृष्ण. हम ८ कुछ करते थे. हर हफ्ते, हम किसी का घर जाते थे. बहुत मज़ा आये थे. हम खेलते थे, खाने थे, टीवी देखते थे, और मस्ती करते थे. हम बहुत मस्ती करते थे. एक दिन, चिराग का पुराना घर में हम एक नृत्य की पार्टी रखा था. हम दलेर मेहँदी का गीतों पर नाचते थे, और स्त्रोबे लिघ्ट्स रखा था.
लेकिन, सब कुछ एक दिन रोकेंगे. कृष्ण ने बहुत ख़राब अल्लेर्गिएस था, और वह कुछ वर्षो के लिए भारत गए, अपनी मामा के साथ रहेना. और अखिल और अपना माता पिता फिलाडेल्फिया गए थे. चिराग और सपना और अपने परिवार वार्रें से ट्रॉय में रहने गए. मैं और विजय और हमारा माता पिता फर्मिन्ग्तों से वेस्ट ब्लूम्फ़िएल्द रहने गए. और सुब का माता पिता बहुत व्यस्त बन गए थे. हर हफ्ते हर महीने बन गया, और अखिल हर गर्मी में मेरा घर में रहना आता था. लेकिन, हमारा पीडी में बहुत प्यार और दोस्ती है, और हर गर्मी हम पिकनिक में गए थे, और मेरा घर के पीछे सोकर खेलते थे.
आज, हमारा परिवार फिर एक साथ है. मैं, चिराग, अखिल, मयूर, विजय, और सपना इस उनिवेर्सित्य में जह रहे हैं. हम हर गुरूवार मोजो में खा रहे हैं.
लेकिन, सब कुछ एक दिन रोकेंगे. कृष्ण ने बहुत ख़राब अल्लेर्गिएस था, और वह कुछ वर्षो के लिए भारत गए, अपनी मामा के साथ रहेना. और अखिल और अपना माता पिता फिलाडेल्फिया गए थे. चिराग और सपना और अपने परिवार वार्रें से ट्रॉय में रहने गए. मैं और विजय और हमारा माता पिता फर्मिन्ग्तों से वेस्ट ब्लूम्फ़िएल्द रहने गए. और सुब का माता पिता बहुत व्यस्त बन गए थे. हर हफ्ते हर महीने बन गया, और अखिल हर गर्मी में मेरा घर में रहना आता था. लेकिन, हमारा पीडी में बहुत प्यार और दोस्ती है, और हर गर्मी हम पिकनिक में गए थे, और मेरा घर के पीछे सोकर खेलते थे.
आज, हमारा परिवार फिर एक साथ है. मैं, चिराग, अखिल, मयूर, विजय, और सपना इस उनिवेर्सित्य में जह रहे हैं. हम हर गुरूवार मोजो में खा रहे हैं.
मेरे बचपन की स्मृतिया
मेरा बचपन तो बहुत ही रंगीन था। मुझे मेरे बचपन की काफी कहानियाँ याद हैं और मेरे माँ - बाप मुझी बहुत कहानियाँ बताते हैं।
जब मैँ तीन या चार साल कि थी, मेरी ममी हर रोज़ काम के लिए छ: बजे उठती थी. और मैँ हर रोज़ ममी के साथ - साथ उठती थी क्योंकि मुझे मज़ा आता था जब ममी सजती थी। जैसे जब वे बालियाँ पहनती जाती थी और अपने चेहरे और होंठ">होंठ पर गुलाबी रंग लगाती थी। तो एक दिन जब ममी अपने दफ्तर">दफ्तर के लिए चले गयी, मैँ ने देखा कि ममी ने गलती से अपना लिपस्टिक ड्रेसर">ड्रेसर पर रख दी जहा मेरा हाथ पहुँच सकता था . मुझे बच्चों जैसी असामान्य">असामान्य आने लगी। मैँ काफी कोशिश के बाद ही उस लिपस्टिक का दखन को खोल पायी। तब मैंने लिपस्टिक के साथ थोड़ी खेली, मतलब मैंने पहेले उसको देखा तब कुछ हाथ पर लगाया। तब मुझे याद आया कि हर सवेरा ममी यह चीज़ अपने होंठ">होंठ पर लगती हैं। तो खुश होकर अपने चेरे पर लिपस्टिक लगाने लगीअसामान्य">। मुझे बहुत ही मज़ा आया, और एतना मज़ा आ रहा था कि मुझे पता ही नहीं चला जब मेरे ममी और पापा कमरे मैँ आये. वे मेरे पीछे खड़े होकर फोटो ले रहे थे। क्योंकि जब मैंने लिपस्टिक के साथ खेलना बंद कर दिया, मेरे पूरे चेरे पर लिपस्टिक ही लिपस्टिक था। ममी और पापा को बहुत हंसी आई क्योंकि मुझे मालुम था कि ममी लिपस्टिक कहाँ लगाती हैं लेकिन मैंने लिपस्टिक अपने होंठ">होंठ के अलावा हर जगा लगा दिया था। तो ममी का लिपस्टिक एक दम ख़राब हो गया था, लेकिन मुझेअसामान्य"> तो बहुत ही मस्ती आयी थी।
जब मैँ तीन या चार साल कि थी, मेरी ममी हर रोज़ काम के लिए छ: बजे उठती थी. और मैँ हर रोज़ ममी के साथ - साथ उठती थी क्योंकि मुझे मज़ा आता था जब ममी सजती थी। जैसे जब वे बालियाँ पहनती जाती थी और अपने चेहरे और होंठ">होंठ पर गुलाबी रंग लगाती थी। तो एक दिन जब ममी अपने दफ्तर">दफ्तर के लिए चले गयी, मैँ ने देखा कि ममी ने गलती से अपना लिपस्टिक ड्रेसर">ड्रेसर पर रख दी जहा मेरा हाथ पहुँच सकता था . मुझे बच्चों जैसी असामान्य">असामान्य आने लगी। मैँ काफी कोशिश के बाद ही उस लिपस्टिक का दखन को खोल पायी। तब मैंने लिपस्टिक के साथ थोड़ी खेली, मतलब मैंने पहेले उसको देखा तब कुछ हाथ पर लगाया। तब मुझे याद आया कि हर सवेरा ममी यह चीज़ अपने होंठ">होंठ पर लगती हैं। तो खुश होकर अपने चेरे पर लिपस्टिक लगाने लगीअसामान्य">। मुझे बहुत ही मज़ा आया, और एतना मज़ा आ रहा था कि मुझे पता ही नहीं चला जब मेरे ममी और पापा कमरे मैँ आये. वे मेरे पीछे खड़े होकर फोटो ले रहे थे। क्योंकि जब मैंने लिपस्टिक के साथ खेलना बंद कर दिया, मेरे पूरे चेरे पर लिपस्टिक ही लिपस्टिक था। ममी और पापा को बहुत हंसी आई क्योंकि मुझे मालुम था कि ममी लिपस्टिक कहाँ लगाती हैं लेकिन मैंने लिपस्टिक अपने होंठ">होंठ के अलावा हर जगा लगा दिया था। तो ममी का लिपस्टिक एक दम ख़राब हो गया था, लेकिन मुझेअसामान्य"> तो बहुत ही मस्ती आयी थी।
Subscribe to:
Posts (Atom)