Sunday, 6 November 2011

अगर मैं भारत जाती...

मैं पुणे वापस जाएगी! मेरे चार दोस्त पुणे में रहते हैं: आसिफ, गिरधर, नवनीत, और मुनमुन. पहले मैं चाहती हूँ कि आसिफ को मिलूं क्यूंकि वह मेरा भाई की तरह है. जब मैं भारत रही, वह मुझे ख्याल रखा. अगले मैं चाहती हूँ कि वह, नवनीत, गिरधर, और मुनमुन मेरे पास खाने के लिए जाएं. हम वैशाली रेस्टोरेंट में खाएंगे. अगर हम वहां जाएं, तो हम डोसा या इडली और संबर खाएंगे. पुणे में वैशाली का खाने सबसे अच्छे खाने हैं. 
खाना खाकर हम ट्रेन पर पुणे से बनारस को जाएंगे. नवनीत हमेशा चाहता है कि मैं बनारस मिलूं क्योंकि उसका जन्मस्थल वहां है. हम बहुत मंदिर देखेंगे और गंगा में स्नान करेंगे. 
यह तस्वीर का बनारस है: 


बनारस के बाद हम गोआ को जाएगे. वहां हम टीटोस में पार्टी करेंगे. हम सुबह तक नुत्य होगे. भी जब हम गोआ रहेंगे, हम सागर में तैरेंगे और सेंट फ्रांसिस जेवियर की कब्र का दौरे करेंगे. (वह विदेशी भूमि में मिशिनारियों के सेंट है.) यह तस्वीर का टीटोस है:


अंत में हम पुणे को वापस जाएंगे और होली मानेंगे. (हाँ, मैं भारत में होली के दौरान रहूंगी!) मैं और मुनमुन हमारे हाथों पर मेहँदी आकर्षित करेंगीं और हम सब बहुत बहुत सुंदर रंग का पौडर खरीदेंगे... और फिर हम होली खेलेंगे! 


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