हर रोज़ कुछ न कुछ होता है मेरी ज़िन्दगी में, जो मैं चाहती हूँ की नहीं होना चाहिए था. कोई न कोई भूल हो जाती है, लेकिन छोटी- मोती भूलें होती हैं- कुछ ज़बरदस्त बात नहीं. जब मैं एलेमेन्टरी स्कूल में थी, मैं सहेलियों के साथ रीसेस में खेल रही थी. हम बहर दोड़ रहे थे. अपनी मस्ती में दोड़ रही थी. मैं नहीं देख रही थी की कहाँ दोड़ रही थी या अगर कोई पास में था या नहीं. गलती से मैं एक दोस्त के साथ ठुख्रा गयी. लेकिन मेरी सहेलियों और मैं खेलते रह गए और मैंने नहीं देखा की उस लड़के ने एक टीचर को बताया की मैंने उसका मारा था. थो टीचर मेरे ऊपर गुस्सा हुई की मैंने ऐसा कैसा काम किया. मैं थो डर गयी, क्योंकि मैंने कुछ जानबूजकर नहीं किया, मै सिर्फ खेल रही थी. लेकिन टीचर ने कहा की मुझे "सॉरी" कहना चाहिए था. थो मैंने अपने दोस्त को "सॉरी" कहा और फिर वापस खेलने चली गयी. मुझे बुरा लगा की टीचर को मुझे साइड पर बुलाना पड़ा और मुझे अपने दोस्त से माफ़ी मंगनी पड़ी. मैंने ऐसा पहले कभी गलती या भूल करी थी. पर कोई बात नहीं, छोटे बच्चों को इन चीज़ें को सीखनी ज़रूरी होनी चाहिए. बच्चों को अच्छी आदतें सीखने चाहिए, ताकि जब वेह बड़े होंगे, उन्हें अच्छी आदतें लग जाएँगी और तमीज होगी. लेकिन इस भूल से मैंने बहुत कुछ सिखा और ऐसा कोई भूल दुबारा नहीं किया.
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