Sunday 28 November 2010

क्या आपसे कभी कोई भूल हुई है

हमेशा मैं भूल हुई हूँ। कभी कभी मैं मेरी चाबियाँ भूली। कल मैं मेरी चाबियाँ भूली। मैं कार का दरवाज़ा नहीं खोल सकी। मैं अपने घर के अंदर चला गई। मैं मेज़ के नीचे खोजी, लेकिन चाबियाँ वहाँ नहीं थे। फिर मैं रसोई गई। मैं काउंटर पर देखी और मैं कुर्सीयां पर देखी। चाबियाँ वहाँ भी नहीं थे! मैं हैरान थी। चाबियाँ कहाँ हैं? आमतौर पर मैं दरवाज़े पर रखती हूँ। मैं मेरा कमरा गई। फिर मैं याद की-- चाबियाँ मेरे कमरे में कुर्सी पर है! मैं चाबियाँ ली। मैं बाहर चला गई। मैं कार को चाल गई। मैं कार में मिली और मैं खाना की दूकान गाड़ी। दूकान से मैं कई चीज़ें खरीदी। मैं रोटी, सेम, स्पघेत्ति, चोला, चावल, और चन्ना खरीदी। मैं कार गई और फिर मैं याद थी-- मैं गोमांस भूली! इतना मैं दूकान में गई और मैं गोमांस खरीदी। मैं घर पर गई और मैं खाना पकाई।

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