Monday, 22 November 2010

मेरी एक भूल

मुझसे बहुत भूल हुई हैं। मेरी ज़िंदगी में मैं ने बहुत गलती किया, अौर मुझे मालूम है कि मैं गलती करूँगा। क्यों? क्यों कि सब लोगों का जीवन मुश्किल है। जीवन के बारे में कोई नहीं को मालूम है। हमेशा हम अंदाजा लगाते हैं, अौर एक छूट है सब विधि हम बनाते हैं के लिए। एक बार, जब मैं एक बच्चा था, मैं, मेरा भाई, अौर चिराग ने मंदिर में नगर पाल गण को फोन किया। हम ने तीन चार बारे फोन किया, लेकिन अाखिरी बार नगर पाल गण मंदिर में अाये। मंदिर में अाकर, वे अादमी के साथ बोले। इस के बाद, अादमी हमारे साथ बोले, अौर वे अादमी बहुत गुस्से हुए। वे अादमी मेरी माँ के साथ बोले, अौर मेरी माँ भी गुस्सी हुई। मेरी माँ हम को चीखी अौर मेरी माँ ने हम को मार शुरू किया। इस के बाद, मेरे शरीर में बहुत दर्द हुए। मेरी माँ ने भी मुझ से अौर मेरे भाई से कहा कि हम कभी नहीं चिराग को देख सकेंगे। लेकिन अगले हफ़्ते में हम चिराग को देखे। इस भूल के बाद, ज़्यादा भूल हुई, अौर हम तीन बहुत शरारती थे लेकिन हम ने कभी नहीं नगर पाल गण के साथ हंसी किया।

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