Tuesday, 23 November 2010
एक दिन में मेरी दोस्तो मेरी घर आई. शाम में मै खाना बनाई. मै रोटी, पकोरा, आलू सब्जी, उंडा का कर्री और चवोल बनाई. लेकिन मुझ को मालूम नहीं है कि हिन्दुस्तानी खाना बनाई. मेरी माँ घर में नहीं था तो मै सवाल पुचा नहीं था. मै इन्टरनेट गया और रेसिपे प्रिंट किया लेकिन मुझ को मालूम नहीं है कि मसलीदार कहा था. मेरी माँ फ़ोन किया और वे बताया कि मसलीदार पंत्री में था. पहले मै रोटी बनाई. स्तोवे में रोटी बनाई और बहुत आसानी था. फिर मै पकोरा तलती थी. यह भी बहुत आसानी था लेकिन तेल बहुत गर्मी था और तेल हर जगह चला गया. उस दिन यह पहली गलती थी. मेरी रसोईघर बहुत गन्दा था और मै साफ किया लेकिन यह बार नहीं था. मेरी दोस्तो आई और खाना तयार नहीं था तो सब से लोग को बहुत भूकी था.
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वाह क्या बात है
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