Monday, 22 November 2010
मेरी भूल की कहानी
मेरे जीवन में मेरी कई भूल हुई हैं. जब मैं आठ साल का था, मैं मेरे परिवार के साथ हिमालय देखने गए थे. जाने से पहले मेरी माँ कुछ खाने की चीज़े खरीद लिए. थोड़ी बिस्कुइत और एक चीज़ की तिन. जब मैं छोटा था, तब मैं बहुत खाता था. मेरा सबसे अच्छा खाना चीज़ था. मेरी माँ एक होटल से जाकर ले आती थी. मुझे यह चीज़ खाकर बहुत ख़ुशी आती थी. यात्रा के लिए मेरी माँ ने सभी लोग के लिए एक बड़ी सी चीज़ की तिन खरीदी. हम शनिवार पर हमारी यात्रा शुरू करने थे. गुरुवार को मुझे बहुत भूख लगी. घर में महाराज नहीं था. घर में खाना ही नहीं था. परन्तु वह चीज़ की तिन थी. मैंने उस तिन को खोल कर सब चीज़ खा लिया. मैं सोचा की मैं नया तिन खरीद लूँगा. लेकिन मैंने भूल गया. फिर अगले हफ्ते जब हम सब धरमसाला में थे और हमने बैग खोले, तो मम्मी देखि की सिर्फ बिस्कुइत थे.सब लोग हसे क्योकि उनको मालूम था की सिर्फ मैं ही पूरा तिन चीज़ खा सकता था. मुझे बहुत शर्म आई. यह है मेरी भूल की कहानी.
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