Monday, 29 November 2010
thanksgiving
बहुत सरे लोग थान्क्स्गिविंग को मनाते है. थान्क्स्गिविंग एक अंग्रेजी त्यौहार है. इस त्यौहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि जब पहले लोग अमेरिका आये तोह उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था. जब सरदी कि मासूम आई थो उनके पास खाने और पीने के लिए कुछ नहीं था. वंहा कुछ लोग रहेते थे. उन्होंने नए अँगरेज़ को खाना दिया और भगवन को शुक्रियादा करने के लिए उन लोगों ने थान्क्स्गिविंग मनाई. थान्क्स्गिविंग सिर्फ एक ही तरह नहीं मनाई जाती है. कुछ लोग थान्क्स्गिविंग पर अपने दोस्त से मिलते हैं. कुछ लोग अपने परिवार के साथ मानते है. लेकिन सब लोग इस दिन पर बहुत सारा खाना खाते हैं. थान्क्स्गिविंग खाने का त्यौहार है. बहुत सरे अंग्रेजी लोग इस दिन पर मुर्गी और टर्की खाते हैं. मेरे सरे दोस्त को यह त्यौहार सब से पसंद है.
परिवार, खाना, और धन्यवाद
सब से अहम बात थान्क्स्गिविंग को है कि आप अपने परिवार के साथ हैं| बहुत खाना खाना भी थान्क्स्गिविंग का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है| मैं अपने परिवार के थान्क्स्गिविंग का उपलक्ष का वर्णन करुँगी|
बहुत लोग को खाना बनाना पड़ते हैं| कोई और सब्जियां बनाने लगता है| वह आलू और सेब छीलता है दुसरे सब्जियां छोटे छोटे टुकड़े करके भाप में पकाता है| कोई न कोई मिठाइयाँ तैयार करता है| वह कद्दू के पाई और सेब के पाई की तरह कुछ मिठाइयाँ सेकता है| मेरी माँ मांस बनाता है| वह तुर्की और सूअर का मांस के तड़का देता है तो उनको ढककर भुनता है| मेरा पिताजी मांस के पकाने के ख़त्म करते के बाद उनको काटता है| मेरे परिवार में, बच्चों को मेज़ तैयार करके खाना लगाता है| खाना तैयार होने के बाद सब लोग साथ-साथ रसोई में चक्कर करते हैं| हर कोई बारी लेकर धन्यवाद देना जैसे चाहता है| हर कोई बारी करने के बाद, हम खाना खाते है तक और खाना नहीं खा सकते हैं| तो हम साथ-साथ रसोई साफ करते हैं| वैसे हम साथ-साथ घर में आराम करने के लिए रखते हैं|
बहुत लोग को खाना बनाना पड़ते हैं| कोई और सब्जियां बनाने लगता है| वह आलू और सेब छीलता है दुसरे सब्जियां छोटे छोटे टुकड़े करके भाप में पकाता है| कोई न कोई मिठाइयाँ तैयार करता है| वह कद्दू के पाई और सेब के पाई की तरह कुछ मिठाइयाँ सेकता है| मेरी माँ मांस बनाता है| वह तुर्की और सूअर का मांस के तड़का देता है तो उनको ढककर भुनता है| मेरा पिताजी मांस के पकाने के ख़त्म करते के बाद उनको काटता है| मेरे परिवार में, बच्चों को मेज़ तैयार करके खाना लगाता है| खाना तैयार होने के बाद सब लोग साथ-साथ रसोई में चक्कर करते हैं| हर कोई बारी लेकर धन्यवाद देना जैसे चाहता है| हर कोई बारी करने के बाद, हम खाना खाते है तक और खाना नहीं खा सकते हैं| तो हम साथ-साथ रसोई साफ करते हैं| वैसे हम साथ-साथ घर में आराम करने के लिए रखते हैं|
थान्क्स्गिविंग
थान्क्स्गिविंग के लिए, बहुत चीजों करना सकता है। मुझे तुर्की नही पसंद है। पिछले साल, मैं दोस्त का घर दुसरे दोस्त के साथ गयी । मेरे परिवार मैं कोई भी वहा नही हैं। क्योकि मेरी माँ उताह में रहती है और मेरे भाई औउर बहने चिकागो में रहते हैं। मैं औउर मेरे दोस्त तुर्की नही खाए । बजाय , हम रेकॉर्ड्स सुने और चेर्री पाई बनाये । मुझे लगती हूँ कि इस अच्छा था क्योकि मुझे बहुत साल के लिए तुर्की खाना चहिये । हम ची पास्ता बनाये । उल्लेख नही है , हम ने भी बीर पिए। मुझे लगती हूँ कि मैं हमेशा अपने चेहरे पर एक मुस्कान था। यह आच्छा है लोगों के साथ कि आपको प्यार लगते हैं । इस साल, मेरे पिता जी का घर गयी । मैं ने मेरी छोटी बहेन चिकागो से देखी । मैं ने तुर्की खायी । मैं ने पकाना की मदद नही की । क्योकि मेरी सूतेली माँ सब खाना पकाई । मैं और मेरी बहन शाकाहारी हैं लेकिन हम ने तुर्की खाया क्योकि हमको भूक लगती हैं । उस दिन , हम ने बहुत बहुत फिल्म देखी ! अगले दिन, जब ज़्यादातर लोग खरीदना गाये , हम भी ने शौपिंग गाये लेकिन, हम इस थ्रिफ्ट दूकान जहाँ सब कुछ एक डोल्लर था ! मैं ने बीस चीजों के बारे में केवल बीस दोल्लार्स के लिए मिले ।
थान्क्स्गिविंग
हर साल, एमेरिका में, लोग थान्क्स्गिविंग बनाते हैं. सब लोगो की छुट्टी होती है और बच्चो को स्कूल नहीं जाना होता हैं. सब लोग के परिवार उन से मिलने आते हैं. पुरी परिवार एक साथ होती है. थान्क्स्गिविंग की सबसे अच्छी बात वह है कि बहुत सारा खाना मिलता है. बहुत लोग थान्क्स्गिविंग पर तुर्की खाते हैं. लोग पाई भी खाते हैं. मेरे घर में हम पाई खाते हैं, लेकिन सबसे अच्छी चीज़ मेरी माँ का काक होता है. मेरी माँ एक बहुत अच्छा काक हर साल बनाती हैं. वे इस काक को सेब से बनाती हैं. थान्क्स्गिविंग पर हम बहुत सब्जीय भी खाते हैं, जैसे कि श्क्र्गन्दी, सेम, औउर गाजर. हम हर साल बहुत सारा खाना खाते हैं. मुझे थान्क्स्गिविंग बहुत पसंद है, लेकिन मुझे अच्छा नहीं लगता कि हमारा परिवार इतना दूर है. वे सब भारत में रहते हैं. लेकिन भारत में लोग थान्क्स्गिविंग नहीं बनाते हैं. सिर्फ एमेरिका और कनाडा में होता है. हमारा परिवार दूर हैं, लेकिन हमारे बहुत दोस्त यहाँ हैं. थान्क्स्गिविंग पर हम सब एक परिवार के घर जाते हैं और सब एक साथ खाना कथे हैं. जब से मैं कॉलेज में हूँ, मैं इन लोगो को बहुत मिलती नहीं हूँ. थान्क्स्गिविंग पर लेकिन, मैं इन सब से मिली, और मुझे अच्छा लगा. थान्क्स्गिविंग एक बहुत अच्छा वक्त पर आता है. इस लिए कि स्कूल के सिर्फ दो या थीं हफ्ते रहते हैं, और फिर हम सब घर जाते हैं.
थान्क्स्गिविंग
लोग थान्क्स्गिविंग अलग अलग तरीके से मनाते हैं। कई लोग तुर्की खाते हैं। तुर्की एक मशहूर तरीका थान्क्स्गिविंग मनाने के लिए। हमारे घर में कई लोग शाकाहारी हैं। इस लिए हम सिर्फ तुर्की नहीं खाते हैं। अक्सर हम भारतीये खाना भी खाते हैं। मेरा सारा परिवार घर आता है थान्क्स्गिविंग मानाने के लिए। मेरे दो भाई आते हैं, मैं एन अर्बोर से आती हूँ, और मेरे पापा के भाई-बहन आते हैं। मेरी माँ का परिवार भारत में रहता है इस लिए वे नहीं आ सकता। कई लोग थान्क्स्गिविंग की छुट्टी पर कहीं जाते हैं। मेरा एक दोस्त म्य्र्तले बीच गयी थी। और एक और दोस्त फ्लोरिडा गया था। मेरी एक सहेली मेक्सिकान खाना बनाई थी। कई लोग थान्क्स्गिविंग के लिए कुछ नहीं करते हैं। वे थान्क्स्गिविंग नहीं मनाते। इस साल मेरा एक भाई घर नहीं आया क्योंकि वह तीन हफ्ते में घर आ रहा हैं। तीन हफ्ते में हम हवाई जा रहे हैं। थान्क्स्गिविंग के लिए वह भारतीये खाना खाया था लेकिन अपने घर में। हमारे घर में पुम्प्किन पीइ देस्सेर्ट के लिए होता है। वह बहुत स्वादिष्ट है। मिठाई भी होती है।
थान्क्स्गिविंग
थान्क्स्गिविंग को मनाने बहुत तरीके हैं। हर साल मेरा परिवार थान्क्स्गिविंग को अलग तरीका से मनाता हैं। पिछले साल मैं थान्क्स्गिविंग पर अकेला था। मेरी माँ, मेरे पापा और मेरा भाई अरिजोना में थे। मैँ ने थान्क्स्गिविंग एक दोस्त के घर मैँ गुज़री थी। मेरी माँ शाकाहारी हैं इस लिए मेरे घर में तुर्की नहीं बनती हैं लेकिन मेरे दोस्त की माँ मसहरी हैं। उन के घर में मैं ने तुर्की और हम खायी थी। मैं तुर्की और हम पसंद करता हूँ। मुझे दोस्त के घर में बहुत मज़ा आई थी लेकिन परिवार भी बहुत याद आया था। इस साल मेरी माँ और मेरा भाई घर पर थे। मेरे पापा इस थान्क्स्गिविंग पर भी घर पर नही थे। वे बहुत कम करते हैं। इस थान्क्स्गिवंग मैं ने थान्क्स्गिविंग मेरी माँ, मेरे भाई और दोस्तों के साथ मनायी थी। मेरे दोस्तों दुबई और सिंगापोरे से हैं। ये दोनों मेरे घर पर आये और हम सब ने भारतीय खाना खाया था। खाना खाने के बाद हम ने एक फिल्म देखि थी। यह थान्क्स्गिवंग बहुत अच्छी थी। पिछले साल भी थान्क्स्गिविंग में मजा आई थी और इस साल भी आई थी।
रसोई घर में गलती
रसोई मैं, मैं कई गलतियाँ की है । कई बार, आग लगाया । स्टोव के साथ , मैं सहज नही हूँ। यह भी , मुझे आग पसंद है। कभी कभी मुझे आश्चर्य है अगर उद्देश्य पर मैं चीजों आग लगाती हैं। एक बार, मैं ने कुकीज़ बनाना की कोशिश किया । पहले , मैं कटोरे में चीनी, अंडे, माकन, आटा डाली . तब, मैं ने सब कुछ मिलाये । तब, मैं ने आटा बेला । उसके बाद, मैं चोकोलाते के साथ भोजन को सजाई और शीर्ष गरम किये । तब, मैं कूकीज सेकी। यह एक दुर्घटना थी क्योकि मैं खाना पकाने भूल गया। ! मैं कमरे मई गया और रेकॉर्ड्स सुनना शुरू हुआ । तब मैं ने अपनी माँ को फोन किया। एक घंटा तरह से कुकीज़ के बारे में भूल गया। तो, में निचे चला गया औउर कुकीज काले पता लगाया। बाप रे बाप! में ने कहा " हे भगवन ! अगली बार में कोकीज़ पर ध्यान लगाएगी ."
थान्क्स्गिविंग
थान्क्स्गिविंग अमेरिका में एक राष्ट्रीय छुट्टी है जो हर साल चौथे गुरुवार को मनाई जाती है। बहुत लोग इस छुट्टी मनाते है और अलग अलग तरीकों से इस छुट्टी मनाते हैं। थान्क्स्गिविंग पहले पिलग्रिम और नातिवे अमेरिकेन एक साल के फसल के लिए तीन दिन मनाती थी। तब से आज लोग इसे दूसरे तरीके से मनाते हैं लेकिन इस छुट्टी का मतलब अब भी वही है। थान्क्स्गिविंग हमेशा भोजन, परिवार, खेल, और धन्यवाद देने के बारे में थी और आज भी है।
मेरे परिवार थान्क्स्गिविंग मनाते है। हम जादा कुछ नहीं करते क्योंकि अमेरिका में हमारे इतने रिश्तेदार नहीं है। मेरी माँ हमारे लिए चिकेन बनाती है क्योंकि हमको तुर्की पसंद नहीं है। माँ देसी खाना बहुत बनाते हैं क्योंकि बह हमको जादा पसंद है। थान्क्स्गिविंग दिन पर मैं कभी कभी अपनी बहनों के साथ फिल्म देखती हूँ और मेरे भाई के साथ वीडियो गेम खेलती हूँ। थान्क्स्गिविंग मैं और मेरे परिवार के लिए एक बहुत ही आराम का दिन है।
मेरे परिवार थान्क्स्गिविंग मनाते है। हम जादा कुछ नहीं करते क्योंकि अमेरिका में हमारे इतने रिश्तेदार नहीं है। मेरी माँ हमारे लिए चिकेन बनाती है क्योंकि हमको तुर्की पसंद नहीं है। माँ देसी खाना बहुत बनाते हैं क्योंकि बह हमको जादा पसंद है। थान्क्स्गिविंग दिन पर मैं कभी कभी अपनी बहनों के साथ फिल्म देखती हूँ और मेरे भाई के साथ वीडियो गेम खेलती हूँ। थान्क्स्गिविंग मैं और मेरे परिवार के लिए एक बहुत ही आराम का दिन है।
थान्क्स्गिविंग
अमेरिका में थान्क्स्गिविंग एक बड़ा दिन है . उस दिन पर बहुत लोग साथे खाते हैं . थान्क्स्गिविंग पर कुछ लोग स्कूल से छुट्टी होती हैं. थान्क्स्गिविंग सिर्फ अमेरिका में मनाता है. अमेरिका में कुछ लोग तुर्की खाते है, थान्क्स्गिविंग पर. लेकिन कुछ लोग और खाते हैं. मेरा परिवार हिन्दुस्तानी खाना पकाते है, थान्क्स्गिविंग पर. मेरा परिवार यह करते हैं क्यों कि मेरा परिवार में सारे लोग शाकाहारी हैं. हमारे परिवार में तुर्की खाना नहीं अच्छा लगता क्यों कि हम लोग मॉस नहीं खाते हैं. लेकिन हम फिर भी थान्क्स्गिविंग मानते है तुर्की के बिना. थान्क्स्गिविंग की छुट्टी में सारे लोग अपने परिवारों के साथ समय बिताते हैं . सारे लोग भी बहुत अच्छा मसालेदार खाना खाते है. हर साल मेरा परिवार थान्क्स्गिविंग मानते है. हम सब कुछ रिश्तेदार के घर में थान्क्स्गिविंग मानते हैं. मेरा परिवार मेरा पिता जी के परिवार के साथ थान्क्स्गिविंग मानते है. हम मेरी माँ का परिवार के साथ नहीं मानते. हम यह नहीं करता क्यों कि मेरी माँ का परिवार हिंदुस्तान में है, और मेरा पिता जी का परिवार यहाँ है. हम सब गुजराती खाना बनाते है और खाते है. खाने के बाद, हम सब एक कमरे में बैट थे हैं और कुछ बात चीत करते हैं. इस साल हमारा परिवार हमारे घर पर आया था और हम सब बहुत मज़ा किया.
Sunday, 28 November 2010
थान्क्स्गिविंग
अमेरिका में थैंक्सगिविंग बहुत बड़ी छुट्टी होती है. अमेरिका में बहुत लोग थान्क्स्गिविंग पर तुर्की पकाते हैं. मेरा परिवार और मै शाकाहारी है. मुझे टर्की खाना अच्छा नही लगता हैं क्योके मै मास नही खाता. लेकिन हम फेर भी थान्क्स्गिविंग मानते है तुर्की के बिना. थान्क्स्गिविंग की छुट्टी में लोग अपने परिवार के साथ समय बिताते है और बहुत अच्छा खाना खाते है. हर साल मैं और मेरा परिवार थान्क्स्गिविंग मानते है. मेरी माँ कि परिवार के साथ हम लंच का खाना खाते है और मेरा पिताजी कि परिवार के साथ दिननेर खाते है. सब लोग शाकाहारी है इसलिए हम लोग तुर्की नहीं खाते है. मेरे पिताजी कि परिवार के साथ हिन्दुस्तानी खाने खाते है और मेरे माँ कि परिवार के साथ हम अमेरिकेन खाने खाते है. इस साल मैं पानी पुरी और पिज्जा खाया था. कुछ लोग अपने दोस्तों के साथ थान्क्स्गिविंग मानते है. कुछ लोग अपने परिवार से बहुत दूर है और अपने दोस्तों के साथ मानते है. कुछ लोग रेस्तौरांत मे जाते है थान्क्स्गिविंग के लिए क्योके वो अपने घर नही जा सकते. हर साल बहुत लोग दूकान में शौपिंग करने के लिए जाते है. थेंक्सगिविंग के दुसरे दिन होता है "बलैक फ्रिदय". इस दिन पर सब चीज़े सस्ते सस्ते होते हैं. इस साल मै एक नया बड़ा (५० इनचेस) टी.व्. ख़रीदा था.
थान्क्स्गिविंग
मेरी परिवार बहुत बरा थान्क्स्गिविंग दिननेर था. हम दुसरे परिवार मंगाते. वहा चार परिवारों थे और कोई मेरी अम्र के लोग थे. सब से लोग अच्छा कपरे पहते थे. हम परिवार बात किया और छोटा खाना खाया. तो हम एक गेम खेल किया. इसका गेम तबू खा जाता है. सब से लोग दो टीम बनाता थे. मै बहुत ख़ुशी था क्यों कि यहाँ मेरी सब से पसंद खेल है. उस दिन मेरी टीम अच्छा था लेकिन मेरी भाई का टीम अच्छा था तो यह खेल मुश्किल था. कुछ समय के बाद मेरी टीम जीता. मेरी भाई बहुत अड़स था लेकिन वह कुछ खाना मिल गया. खेल के बाद सब से लोग थान्क्स्गिविंग दिननेर खाया. वहा तुर्की, स्तुफ्फिंग, पास्ता, मशेद आलू, स्वीट आलू, ग्रीन बेंस, सलाद, बराद रोल्स, और शेपर्ड्स पी था. सब से लोग बहुत ख़ुशी था क्यों कि खाना बहुत अच्छा था और हम सब साथ थे. हम गपशप किया और ज्यादा खाना खाया. हम खाना किया के बाद हम फिल्म देकना चाहेये लेकिन नया फिल्म नहीं था और हम ठेअतरे में नहीं जाना चाहेये. तो हम तोय स्टोरी ३ मेरी बसेमेंट में देकते थे. यहाँ बहुत अच्छा थान्क्स्गिविंग था क्यों कि मेरी जन्म दिन में था. तो फिल्म देकना के बाद सब से लोग गाया और केक खाया.
मेरी बड़ी भूल
कभी कभी मुझसे भूल ही जाती हैं| कई बार ये भूलें छोटी होती हैं और कुछ बार ये भूलें थोड़ी ज्यादी मुसीबत हो जाती हैं| आम्तैर पर मैं मेरा कम्प्यूटर बहुत ख्याल से रखती हूँ| मेरा कम्प्यूटर एक बहुत आवश्यक चीज़ हैं मेरे लिए क्योंकि मैं हर रोज इस का इस्तेमाल करती हूँ इमेल पढने के लिए और अपना होमवर्क भी करने के लिए | एक दिन मैं बहुत व्यस्त थी और इस के वजय से मैं दोपहर का खाना कम्प्यूटर के सामने खाती थी| मैं ने अपनी कलम को फर्श पुर गिरा दिया| कान में संगीत सुनती सुनती मेरा मन कहीं और था शायद... लेकिन जब मैने कलम उठाया, मैने कोहनी से खुली कोक की बातल मरी| बातल कम्प्यूटर पर गिर गई और इस में से लगभग एक कप कोक कम्प्यूटर पर गिरा| तुरंत मेरा कम्प्यूटर की बिजली चली गई और मनिटर अँधेरा पढ़ गया| मेरी आँखों में आँसू भर आये क्योंकि मुझे एहसास हुआ की मेरा कम्प्यूटर हमेशा के लिए टूट गया था| यह भूल बहुत महंगी गलती बन गयी जब मैने कम्प्यूटर को रिपैर शाप पर भेजा| चार - पांच साल का बचाया हुआ पैसा मुझे देना पड़ा मेरा कम्प्यूटर रिपैर करने के लिए| अब मैं कम्प्यूटर के सामने खाना - पीना कभी नहीं लूंगी!
थान्क्सगिविंग
थान्क्सगिविंग कई तरह से मनाई जा सकती है | कई लोग अपने परिवार के साथ मनाना चाहते हैं और कई लोग अपने दोस्तों के साथ इसे बिताना चाहते हैं | थान्क्सगिविंग पर सारे लोग आम तौर पे कई करीब लोगों के साथ बहार खाना खाने जाते हैं और उनके साथ पूरा दिन गुज़रते हैं | पर ऐसे हर कोई नहीं कर सकता | में अमरीका में कॉलेज में पढता हूँ और मेरा परिवार भारत में रहता है | थान्क्सगिविंग की तीन या चार दिन की छुट्टी होती है और इतने में भारत तोह वापिस जाया जा नहीं सकता इसलिए मेरे जैसे लोगों को अपने परिवार के साथ ये त्यौहार मानाने की ख़ुशी नहीं मिल सकती | लेकिन मेरा भाई अमरीका में ही रहता है और मेरे भारत के कई दोस्त भी अमरीका में पढ़ते हैं जिनके साथ में ये त्यौहार आम तौर पे मनाता हूँ | जैसे पिछले साल में कुछ दोस्तों को मिलने गया था और इस बार में अपने भाई को मिलकर आया | कई और लोग भी हैं जो इस त्यौहार पर कुछ भी नहीं करते | मेरे साथ कॉलेज में जो रहता है उसने इस बार कुछ भी नहीं किया और बस कमरे में बैठकर पढाई करी | यहाँ पर मेरे कई दोस्तों ने ऐसा किया था क्यूंकि उनके परिवार यहाँ पर हैं नहीं और उनको यहाँ रहने के इलावा और कोई चारा भी नहीं था |
इसलिए हमने देखा की थान्क्सगिविंग पे वैसे तोह सभ लोग आराम ही करते हैं, पर फिर भी सभ लोग इससे अपने अपने ढंग से मानते हैं |
इसलिए हमने देखा की थान्क्सगिविंग पे वैसे तोह सभ लोग आराम ही करते हैं, पर फिर भी सभ लोग इससे अपने अपने ढंग से मानते हैं |
थान्क्स्गिविंग
थान्क्स्गिविंग एक बहुत अलग और आचा चुटी है। लोग बहुत तरह से थान्क्स्गिविंग मना सकते हैं. बहुत लोग थान्क्स्गिविंग पर तुर्की पकाते हैं। टर्की में लोग स्तुफ्फिंग डालते और मानते है। मुझे टर्की खाना बहुत अच्छा लगता हैं।
मेरा पिछले थान्क्स्गिविंग पर मैं मेरा परिवार और दोस्तों के सात की थी। हम सब मिलके काना बनाते है। तुर्की, स्तुफ्फिंग, और पी मेरी सब से ज्यादा कने है। ये सब काना के प्रेपेरातिओं बहुत समय लेते है, लेकिन ये काना बहुत आचा है, और परिवार और दोस्तों के सैट मुजा आता है।
मेरा परिवार हर साल हमारा घर और हमारा परोसन का घर में थान्क्स्गिविंग मानते है। हमारा परोसन हमारे परिवार के सब से आचे दोस्त है। हर साल हम इस परिवार के सात थान्क्स्गिविंग मानते है।
थान्क्स्गिविंग एक बहुत मशहूर और महत्वपूर्ण चुटी है। थान्क्स्गिविंग के बारे में बहुत सरे इतिहास है, और कहानियाँ है।
मेरा पिछले थान्क्स्गिविंग पर मैं मेरा परिवार और दोस्तों के सात की थी। हम सब मिलके काना बनाते है। तुर्की, स्तुफ्फिंग, और पी मेरी सब से ज्यादा कने है। ये सब काना के प्रेपेरातिओं बहुत समय लेते है, लेकिन ये काना बहुत आचा है, और परिवार और दोस्तों के सैट मुजा आता है।
मेरा परिवार हर साल हमारा घर और हमारा परोसन का घर में थान्क्स्गिविंग मानते है। हमारा परोसन हमारे परिवार के सब से आचे दोस्त है। हर साल हम इस परिवार के सात थान्क्स्गिविंग मानते है।
थान्क्स्गिविंग एक बहुत मशहूर और महत्वपूर्ण चुटी है। थान्क्स्गिविंग के बारे में बहुत सरे इतिहास है, और कहानियाँ है।
थैंक्सगिविंग
हर एक परिवार थैंक्स गिविंग अलग तरीके से मनाता है| थैंक्स गिविंग एक अमेरिकेन और कनेडियन त्योह्हर है| इस लिए कई अमेरिकेन परिवारों में थैंक्स गिविंग एक बहुत विशेष दिन है| इसी दिन पर रिश्तेदारें नज़दीक और दूर से भी मिलते हैं| मेरी सहेलियों और मेरे दोस्तों के घर में शायद बीस-तीस लोग मिलते हैं| बहुत बार सभी लोग माता - पिता के घर पर आते हैं लेकिन कभी कभी वे दादा-दादी या नाना-नानी के घर पर भी मिलते हैं| थैंक्स गिविंग से पहले हर घर में सभी औरतें बहुत खाना पकती हैं| घरों में से कई बार एक बहुत खूबसूरत खुशबू आती है क्योंकि टर्की, पाय, आलू, और आदी स्वादिष्ट सब्जी/फल बनाया जाता हैं| मेरे परिवार में थैंक्स गिविंग थोड़ा अलग तरीका से मनाया जाता हैं क्योंकि मेरा माता-पिता अमेरिका में नहीं बड़े हुए हैं| जब मैने प्रीस्कूल से एक दिन घर आकर मम्मी से पूछा की "हम थैंक्स गिविंग क्यों नहीं मनाते?" तब मम्मी को समझ हुआ की थैंक्स गिविंग का मतलब क्या हैं| मैं बहुत छोटी थी लेकिन मैं बहुत बोलती थी और मैने मम्मी को थैंक्स गिविंग के बारे में सब कुछ बता दिया| उस मम्मी ने एक नया परंपरा शुरू किया की हम हर थैंक्स गिविंग पर कुछ नया खाना बनायें और खाने के बाद एक एक कर के हम एक दूसरे को बताएं की हम किस बात पर आभारी हों|
थान्क्स्गिविंग
थान्क्स्गिविंग एक बहूत अचछी छुट्टी है। थान्क्स्गिविंग में, सब लोग घर जाते हैं अौर परिवार के साथ रहते हैं। लोग दोसतों के साथ मिलतें हैं अौर उनके साथ मजा करतें हैं। थान्क्स्गिविंग खाना के लिए, सब लोग अलग अलग चिजें करते हैं। कूछ लोग टर्की पकाते अौर खाते हैं अौर कूछ लोग बतख खाते हैं। कूछ लोग अलू खाते हैं अौर कूछ लोग स्तुफ्फिंग खाते हैं। लेखिन, मेरें परिवार में, सब लोग शाकाहारी। इसलिए हम टर्की अौर बतख नहीं खाते हैं। हर साल, हमारे घर में, एक थिम है। इस साल, इटेलिोन थिम था। घर में, इटेलिोन खाना बनाया। बरेढ सिकस, सलाढ, अौर लसानिया खाया। पिछले साल, मेसिकेन थिम था। यह मेरा मन पसंद थिम था। लोग अलग अलग करते हैं, लेखिन सब लोग हमेशा खूशी होते हैं अौर बहूत खाते हैं।
थान्क्स्गिविंग
लोग बहुत तरह से थान्क्स्गिविंग मना सकते हैं. बहुमत लोग थान्क्स्गिविंग पर तुर्की पकाते हैं. टर्की में लोग स्तुफ्फिंग डालते हैं. मुझे टर्की खाना बहुत अच्छा लगता हैं. मेरा पिछले थान्क्स्गिविंग पर मैं मेरा परिवार के साथ चिकागो गया. वहा मेरे कई दोस्त रहते हैं. थान्क्स्गिविंग पर सभी परिवार और अच्छे दोस्तों मिलते हैं. अक्सर सिर्फ एक या दो लोग पुरे परिवार के लिए खाना पकाते हैं. अगर किसी के परिवार में कोई शाकाहारी है तो उसके लिए दूसरा खाना पकाना पड़ता है. मेरे परिवार में यह होता है. मेरे भाई और मेरी माँ शाकाहारी हैं. इस लिए उनके लिए मेरी दादी माँ और कुछ खाना पकाती. वे इस थान्क्स्गिविंग के लिए उनके लिए भारतीये खाना बनाई. थान्क्स्गिविंग पर सब लोग खुश होते हैं और बहुत मज़ा मचाते हैं. थान्क्स्गिविंग पर सब लोग बहुत खाते हैं. यह बहुत ज़रूरी है. मेरा थान्क्स्गिविंग पर मेरे दादा और दादी मुझे पैसे और उपहार देते हैं. इस के कारण भी मुझे थान्क्स्गिवंग बहुत अच्छा लगता है.
थान्क्स्गिविंग मनाना कैसे
वहां कुछ अलग थान्क्स्गिविंग समारोह है। सबसे अधिक परिवारों के साथ जश्न मनाने। मेरी परिवार में हम बहुत खाना पकाए। मेरी माता और पिता के दोस्त अपने घर आये। मेरे भाई और उस के दोस्त घर भी आये। मैं माता के साथ सेम बनाई। हम पाई और आलू भी बनाई। मेरी पिता को खाना बनाना प्यार करते हैं। वे मिठा आलू, टर्की, भराई, और चिकन पकाए। हमने खाकर बैठे और बात की। मेरा भाई और मैं "स्क्रेब्ब्ले" खेले। मेरी माता, पिता, और उस के दोस्तों कुर्सीयाँ पर बैठे और बात की। हमने आराम करके फिर खाए। हम पाई और "चीसेकाके" खाए।
थान्क्स्गिविंग बहुत मज़ा और आराम है। थान्क्स्गिविंग मेरा पंसदीदा छुट्टी है। छुट्टी सिर्फ तीन दिन, लेकिन यह छुट्टी में मैं बहुत सोई!
थान्क्स्गिविंग बहुत मज़ा और आराम है। थान्क्स्गिविंग मेरा पंसदीदा छुट्टी है। छुट्टी सिर्फ तीन दिन, लेकिन यह छुट्टी में मैं बहुत सोई!
थान्क्स्गीविंग
थान्क्स्गिविंग एक बहुत मजेदार छुट्टी है। हर बहुत खाना खाती है। दुनिया में हर थान्क्स्गिविंग खाना खाती है। अमेरिका में हर टर्की खाती है। अंदर टर्की सब्जी के साथ है। अमेरिका में लोग भी स्तुफ्फिंग और पाई खाना है। लोग मांस नहीं खाते टर्की खाने का नहीं है। मेरी परिवार मांस खाना नहीं करता है। थान्क्स्गिविंग पर मेरी परिवार भारतीय खाना है। हम आलू, सब्जियों, रोटी, और नान खाते हैं। हर परिवार के साथ समय है। लोग थान्क्स्गिविंग पर अपने परिवारों के साथ हैं। थान्क्स्गिविंग पर लोगों को लगता है के बारे में क्या लिए थान्क्फुल है। अमेरिका में लोगों को भी ब्लैक फ्राइडे के लिए तैयार है। इस दिन हर कोई खरीदारी जाता है। वहाँ थान्क्स्गिविंग पर स्कूल और काम नहीं है। यह एक बहुत ही आराम की छुट्टी है । फिर भी यह बहुत छोटा है। छात्रों के लिए थान्क्स्गिविंग जाना है। वे अच्छा खाना खाना चाहता हूँ। कुछ लोगों को बाहर नहीं जाते है क्योंकीयह बाहर ठंडा है। हमेशा थान्क्स्गिविंग परिवार के साथ। थान्क्स्गीविंग के लिए एक मजेदार छुट्टी है ।
क्या आपसे कभी कोई भूल हुई है
हमेशा मैं भूल हुई हूँ। कभी कभी मैं मेरी चाबियाँ भूली। कल मैं मेरी चाबियाँ भूली। मैं कार का दरवाज़ा नहीं खोल सकी। मैं अपने घर के अंदर चला गई। मैं मेज़ के नीचे खोजी, लेकिन चाबियाँ वहाँ नहीं थे। फिर मैं रसोई गई। मैं काउंटर पर देखी और मैं कुर्सीयां पर देखी। चाबियाँ वहाँ भी नहीं थे! मैं हैरान थी। चाबियाँ कहाँ हैं? आमतौर पर मैं दरवाज़े पर रखती हूँ। मैं मेरा कमरा गई। फिर मैं याद की-- चाबियाँ मेरे कमरे में कुर्सी पर है! मैं चाबियाँ ली। मैं बाहर चला गई। मैं कार को चाल गई। मैं कार में मिली और मैं खाना की दूकान गाड़ी। दूकान से मैं कई चीज़ें खरीदी। मैं रोटी, सेम, स्पघेत्ति, चोला, चावल, और चन्ना खरीदी। मैं कार गई और फिर मैं याद थी-- मैं गोमांस भूली! इतना मैं दूकान में गई और मैं गोमांस खरीदी। मैं घर पर गई और मैं खाना पकाई।
थैंक्सगिविंग
थैंक्सगिविंग अलग अलग तरीकों से मनाई जाती है। इस देश में, सब लोग तो नहीं मनाते, लेकिन ज़्यादातर लोग थैंक्सगिविंग मनाते हैं। हमारे घर में, हम थैंक्सगिविंग हर साल मनाते हैं। हम आपने सारे परिवार के सदस्यों को बुलाते हैं और सारे दोस्तों को भी बुलाते हैं। हम सब मिलकर थैंक्सगिविंग मनाते हैं। ज़्यादातर लोग अपने सारे परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ ऐसे ही थैंक्सगिविंग मनाते हैं। थैंक्सगिविंग के मौके पर, बहुत सारा खाना बंता है। आमतौर पर, लोग टर्की खाते हैं और दुसरे अलग अलग प्रकार के खाने खाते हैं। इस देश में, ज़्यादातर लोग ऐसे ही थैंक्सगिविंग मनाते हैं। हमारे परिवार में, हम बहुत सारे लोगों के साथ थैंक्सगिविंग मनाते हैं। लेकिन, कहीं लोग बहुत सारे लोगों के साथ नहीं थैंक्सगिविंग मनाते। कहीं लोग अपने घर वालों के साथ ही थैंक्सगिविंग मनाते हैं। फिर भी, अगर बहुत सारे लोग हों, या सिर्फ घर वाले हूँ, ज़्यादातर लोग थैंक्सगिविंग इसी तरह से मनाते हैं। इतने अलग तरीकों से लोग थैंक्सगिविंग नहीं मनाते, लेकिन कभी कभी लोग अलग तरीकों का खाना बनाते हैं। लेकिन, थैंक्सगिविंग मनाने का तरीका लगभग एक जैसे ही होता है। जब ज्यादा लोग हों, तो थैंक्सगिविंग मनाने का मज़ा सारे लोगों के साथ ज्यादा होता है।
थैंक्सगिविंग
थैंक्सगिविंग एक बड़ी छुट्टी है। अमेरिका में कइ लोग परिवार के साथ एक रात को उपस्थित रहते हैं। अमेरिका में लोग अपनी परिवार के साथ नहीं रहते हैं, अौर इस लिए थैंक्सगिविंग बहुत ख़ास है। अमेरिका में कइ लोग माँसाहारी हैं, अौर वे टर्की खाते हैं। लोग टर्की में स्टफिंग अौर दूसरा चीज़ रखते हैं। लेकिन शाकाहारी लोग टर्की खा नहीं सकते हैं, वे लोग क्या करते हैं? वे लोग दूसरा खाना खाते हैं, लेकिन वे भी अपनी परिवार के साथ उपस्थित रहते हैं। कइ लोग अपने देश का खाना खाते हैं, मेरी परिवार थैंक्सगिविंग के लिए भारतीय खाना खाते हैं, लेकिन मेरा जापानी दोस्त ने थैंक्सगिविंग के लिए जापानी खाना खाता है। कइ लोग अपनी परिवार के साथ नहीं उपस्थित रहते हैं थैंक्सगिविंग के लिए, लेकिन वे लोग अपने दोस्तों के साथ उपस्थित रहते हैं। अमेरिका में लोग कभी नहीं अकेला हैं थैंक्सगिविंग में। थैंक्सगिविंग में सब लोग सोचते हैं क्या क्या चीज़ें के लिए वे धन्यवादी हैं। थैंक्सगिविंग एक बहुत खुश छुट्टी है क्यों कि कोई नहीं अकेला है अौर अमेरिका में स्कूल नहीं है तो छात्र भी अपनी परिवार के साथ हैं। थैंक्सगिविंग में, रात को कइ लोग दुकान में जाते हैं क्यों कि दिन थैंक्सगिविंग के बाद ब्लैक फ्रायडे है अौर इस दिन में बहुत चीज़ें सस्ती हैं।
थान्क्स्गिविंग
थान्क्स्गिविंग एक ख़ुशी का दिन है। इस दिन पर हमसब याद करते है कि हम क्या शुक्रगुजार है। मेरे घर में थान्क्स्गिविंग के लिए हम सब एक घर में रहेते हैं। इस थान्क्स्गिविंग, मेरा परिवार मेरे मौसी के घर में चले। वहां मेरी भी नानी थी। थान्क्स्गिविंग में मैं तुर्की खता हूँ। तुर्की मुर्गी जैसा दीखता है लेकिन उसका स्वाद अलग है। मुझे तुर्की पसंद है। मैं एक तुर्की का पूरा पैर खाया। थान्क्स्गिविंग में मैं बहुत खाना खता हूँ। इस दिन पर खाना बहुत अच्छा होता है। तुर्की के साथ स्तुफ्फिंग क्रन्बेर्रिएस और मशेद पोताटेस भी है। मेरा सारा परिवार थान्क्स्गिविंग में फूत्बल्ल देखता है। फूत्बल्ल देखना एक परंपरा है थान्क्स्गिविंग में। क्योंकि मेरी नानी शाकाहारी है, उसके लिए मेरी माँ कुछ और खाना बनती है। थान्क्स्गिविंग एक समय है परिवार के लिए। यह समय बहुत अच्छा है क्योंकि सारा परिवार एक साथ है और यह अक्सर नहीं होता है।
थैंक्सगिविंग
मेरा परिवार थैंक्सगिविंग बहुत तरीके से मनाता है. बूधार को हम टर्की बनाने लगाता है. घुरवार को हम सब से बड़ा रात का खाना खाता है. इस बार हम्हारा परिवार साथ- साथ था. सारा दिन मै और मेरी बहन खाना पकाते रहे थे. हम बहुत मज़ा किया. शाम को मै ने मेज़ को सजाया. रात को मेरे माँ और पिता जी भारत से घर आये. हमने मिलकर खाना खाया. शुक्रवार को सेवरे में मै और मेरी बहन मॉल गये. उस दिन सब से अच्छी सेल होती है. हम बहुत दुकान गये और बहुत समय पिताया. थोड़ी बार देर हम कॉफी का बरेक लि. उस दिन बहुत कपरे खरीदे. हम ने घर आकर
एक फ़िल्म देखा. मेरे भाई ने भी फ़िल्म हम के सल्ल्थ देखी. हम क्रिसमस फ़िल्म एल्फ देखे. शनिवार को हम ने फ़ुटबॉल देखे. मै मिशिगन की खेल देखने जाहती थी लेकिन मेरी बहन और भाई मिशिगन स्टेट की खेल देखने काहते थे. तो हम ने मिशिगन स्टेट देखे. वे जीते तो मेरे बहन और भाई ने बहुत खुशी लगी थी. रात को मै स्कूल की सहेलियों से मिली. मेरी सहेली का घर पर हम कफी देर तक बात रही थी. थैंक्सगिविंग का समय सहेलियाँ और परिवार के साथ बितनी के लिए बहुत अच्छा है.
एक फ़िल्म देखा. मेरे भाई ने भी फ़िल्म हम के सल्ल्थ देखी. हम क्रिसमस फ़िल्म एल्फ देखे. शनिवार को हम ने फ़ुटबॉल देखे. मै मिशिगन की खेल देखने जाहती थी लेकिन मेरी बहन और भाई मिशिगन स्टेट की खेल देखने काहते थे. तो हम ने मिशिगन स्टेट देखे. वे जीते तो मेरे बहन और भाई ने बहुत खुशी लगी थी. रात को मै स्कूल की सहेलियों से मिली. मेरी सहेली का घर पर हम कफी देर तक बात रही थी. थैंक्सगिविंग का समय सहेलियाँ और परिवार के साथ बितनी के लिए बहुत अच्छा है.
Saturday, 27 November 2010
थैंक्सगिविंग
अमेरिका में थैंक्सगिविंग बहुत बड़ी होती है | इस दिन पर सभी शुक्रिया देते है | सभी अपने जीवन के अच्छी चीजों के लिए शुक्रिया देते है | आप के पास परिवार हो तो आप उन के साथ थैंक्सगिविंग मनाना चाहिए | आप दुसरे परिवार के घर पर जा सकते है और वहां खा सकते हैं | आप के परिवार दूर हो तो आप अपने दोस्तों और प्यारे सहपाठियों के साथ खा सकते है | हम अपनी परिवार के साथ मनाते है | इस में बहुत मजा आता है | हर साल हम किसी और के घर जाते है और हर साल अलग जगह पर होता है | कभी भी हमारे घर में होता है | जब हमारे घर पर डिनर होता है तो हम पहले एक मेनू की सूची बनाते हैं और फिर सब मेहमान को बुलाते है | डिनर में सब खाना देसी खाना होता है | बिलकुल शाकाहारी खाना होता है | इस दिन पर कुछ लोगों बेघर को मदद करते है | वे आश्रय पर खाना ले जाते हैं और सभी को खाना देते हैं | इन लोगों को बड़ा दिल होता है और उन को मदद करने कि जुनून है |
थैंक्सगिविंग के बाद "ब्लैक फ्रईदय" आता है | यह शुक्रवार को लोग सुबह उठकर दुकान पर जाते है और बहुत पैसे खर्च करते है | मैं ने भी बहुत पैसे खर्च की | मैं ७ बजे उठकर ८ बजे दुकान पर पहुंची और बारे बजे तक मैं ने खरीदारी की |
Friday, 26 November 2010
प्रियांग का थैंक्सगिविंग
थैंक्सगिविंग अमरीका का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। थैंक्सगिविंग अमरीका में नवम्बर में मनाया जाता है। थैंक्सगिविंग के दिन सब लोग अपने घर या रिश्तेदारों के घर जाते हैं। मुझे लगता है कि लोग अपने मित्रों को भी अपने घर बुलाते है। सब लोग साथ मिलकर खाते है और खूब मज़ा करते हैं। वे जरुर टर्की और कद्दू का पाई खाते हैं। मुझे लगता है कि वे खाने से पहले हाथ जोड़कर भागवान से प्राथना करते हैं। वे भागवान को सारी चीजें के लिए धन्यवाद भी कहते हैं। अमरीका की आबादी बहुत विविधतापूर्ण (असमान) है। इसलिए लोग अलग प्रकारों से थैंक्सगिविंग मनाते है। मेरा परिवार भारतीय है, इसलिए हम भी अलग तरीके से थैंक्सगिविंग मनाते हैं।
थैंक्सगिविंग के दिन में घर जाता हूँ। मेरा भाई भी घर आता है। बहुत सारे भोजन शाले बंद होते हैं, इसलिए मेरी माँ घर में खाना बनाती है। मेरा परिवार साथ बैठकर हिन्दुस्तानी खाना खाता है। खाने के बाद हम साथ बैठकर हिंदी फ़िल्म देखते हैं। इस साल मेरी माँ ने मेरी सबसे मनपसंद सब्जी, भिंडी, बनायी थी! मेरी माँ ने नान और समोसे बहार से मँगाये थे। मेरे परिवार ने इस साल "उठ जा सिड" फ़िल्म देखी। हम रात को जल्दी सो जाते है क्योंकि हम सुबह में जल्दी उठ सकें। उठखर हम 'काले शुक्रवार ' की खरीदारी के लिये जाते हैं। इस साल हम चार बजे उठकर खरीदारी के लिए मॉल गए। हमने 'कोल्स' और 'जेसी पेनी' से कपड़े ख़रीदे। मेरी माँ को सवेरे में नौकरी थी, इसलिए वह हमारे साथ न आ सकी। इस साल 'काले शुक्रवार' के दिन हम 'हेरी पोट्टर' देखने के लिये भी गए थें !
Thursday, 25 November 2010
विधि का थान्क्स्गिविंग
अमेरिका मै थान्क्स्गिविंग एक बहुत बड़ा त्यौहार होता है. इस दिन पर तीन-चार परिवार सात सात मिलकर खाना खाते है और बहुत मज़ा भी करते है. अक्सर, खाने मै तुर्की, मशेद आलू, दिन्नेर रोल्स, ग्रीन बान कास्सेरोले और स्तुफ्फिंग होती है. यह खाना बहुत अच्छा है लेकिन इतना खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. इसके कारण, मै कुछ परिवार को जानती हू जो थान्क्स्गिविंग पर यह सारा खानअ नहीं खाते है. यह परिवार भी हिन्दुस्तानी है और थान्क्स्गिविंग पर यह सब सात मिलकर भारती खाना खाते है. मै कुछ लौग को भी जानती हू जो थान्क्स्गिविंग के शाम पर चिनेसे खाना खाते है.
थान्क्स्गिविंग दिन्नेर बनाने मै बहुत वक्त लगता है क्यों कि खाना बहुत बनाना पड़ता है. इसलिए कुछ लौग थान्क्स्गिविंग पर बहार से खाना लाते है. मेरी परिवार मै ऐसा नहीं होता है. हमको खाना बनाने मै भी बहुत मज़ा आता है क्यों कि सब सात मै खाना बनाते है. हर साल मेरी माँ तुर्की बनती है और मै ग्रीन बीन कास्सेरोल बनती हू.
हम पूरा थान्क्स्गिविंग दिन्नेर करते है. दिन बार, मै और अपनी माँ सात सात यह सारी चीज़े बनाते है और फिर हम सब शाम को सात मै खाते है. अक्सर, हम बहुत ज्यादा कहते है और फिर हुम्हे अफ़सोस होती है. लेकिन कोई बात नहीं. एक रात के लिए हम भी अपनी सेहत भूल सखते है और कुछ मज़ा कर सखते है.
Wednesday, 24 November 2010
थान्क्स्गिविंग का मज़ा!
अमेरिका में बहुत सारे त्योहार हैं। नवेम्बर का सबसे मशहूर त्योहार "थान्क्स्गिविंग" है। बीट कल से अमेरिका का असली लोग और अमेरिका का नया लोग एक बड़ा खाना थायर करते थे। बहुत मज़ा आया और सब जो दोस्ती बनाया। इस लिए आजकल हम फिर से धूम धाम करते है।
हमारे घर में एक छोटा सा पार्टी होते है। दो थीं परिवार आये और हम सब साथ साथ खाना खाए। बाद में हम सब अन्ताक्षरी खेलते है। हम तुर्की नहीं खाते हैं। हम देसी का थान्क्स्गिविंग करते हैं। मेरी माँ अच्छी मसाला डोसा बनेगी और मेरे पिताजी दो पनीर बनेंगे। माँ गाजर का हलवा और काजू कतली भी बनाती है। मैं सिर्फ चावल बनाती हूँ क्यूँ मैं खाना अच्चा से नहीं पका साथी हूँ। यह सब थान्क्स्गिविंग का दिन होते हैं।
शुक्रुवार हम मेरा कोउसिं का घर जायेंगे। बहुत मज़ा है। हम सब बहुत सारे कार्ड गमेस खेलते है और एक दम अच्चा हिन्दुस्तानी खाना खाते हैं।
शुक्रुवार बहुत सारे शौपिंग भी होता है। सुभाय से चार बजे से सब को बहुत शौपिंग करते हैं और बहुत मज़ा आएगा।
शुभ थान्क्स्गिविंग!
हमारे घर में एक छोटा सा पार्टी होते है। दो थीं परिवार आये और हम सब साथ साथ खाना खाए। बाद में हम सब अन्ताक्षरी खेलते है। हम तुर्की नहीं खाते हैं। हम देसी का थान्क्स्गिविंग करते हैं। मेरी माँ अच्छी मसाला डोसा बनेगी और मेरे पिताजी दो पनीर बनेंगे। माँ गाजर का हलवा और काजू कतली भी बनाती है। मैं सिर्फ चावल बनाती हूँ क्यूँ मैं खाना अच्चा से नहीं पका साथी हूँ। यह सब थान्क्स्गिविंग का दिन होते हैं।
शुक्रुवार हम मेरा कोउसिं का घर जायेंगे। बहुत मज़ा है। हम सब बहुत सारे कार्ड गमेस खेलते है और एक दम अच्चा हिन्दुस्तानी खाना खाते हैं।
शुक्रुवार बहुत सारे शौपिंग भी होता है। सुभाय से चार बजे से सब को बहुत शौपिंग करते हैं और बहुत मज़ा आएगा।
शुभ थान्क्स्गिविंग!
सागर कि भूल
मैं दो हफते पेले केफाटिरिा में काम शूरू किया। केफाटिरिा में मैं सरवर हू। मैं मेजें साफ करता हू अौर मैं खाना बनाता हू. जो कूछ काम केफाटिरिा में है, तो मैं करूगा। पिछले हफते में, मैं खाना बना रहा था। मैं लसानया बनाना सिखा तो में यह बना रहा था। मैं बहूत तेल पैन में डाल दिया अौर यह ओवन में रखा। पाछ मिनट में, मैं कूछ सूधा, ओवन में। मैं ओवन खोला अौर देखा कि मैं लसानया में अांग लगाया। मैं शर्मिंदा था। मैं ओवन बंद किया अौर लसानया देखा। मैं टेसट किया। लसानया अचछा नहीं था। मैं यह एक थाली पर डाल दिया। थाली उठकर, मैं डरोप किया। वहाँ एक बड़ी गड़बड़ थी अौर उसके बाद, मैं यह साफ किया। मेरे दिल में, यह सबसे बऱा भूल था। अजकल, केफाटिरिा में, मैं कूछ नहीं बनाता हू
मेरी बड़ी भूल
मुझे जयपुर से दिल्ली जाने के लिए बस पकड़ी| मैंने जाने के दिन के पहले ए/सी वोल्वो बस का टिकट ख़रीदा| मेरा यह आखिरी दिन जयपुर में मैं बहुत व्यस्त थी| मुझे डाक-घर, बैंक और अपने स्कूल जाना था| मैंने बहुत देर से बस अड्डे पर पहुछी| इसलिए लगभग मेरी बस छूट चुकी थी| मुझको नहीं मालूम कि मेरी बस कौन सी थी| मैं वोल्वो वाली बस देखकर दौड़कर वहां पहूछी ताकि मैं बस पकड़ सकूँ| जेल्दी से बस पर चढ़ी और बस दिल्ली के लिए जाना हो गई| मैं सोचने लगी, "हे भगवन! इस बस में कितनी गर्मी है| ए/सी कहाँ है?" फिर, एक आदमी ने मुझे सामने आकर कहा कि मुझको बस का टिकट खरीदना पड़ेगी| मैंने उसको अपनी टिकट देखाई| उसका चेहरा देखकर मुझे लगा कि मैंने कोई गलती की| आदमी ने हिंदी में मुझे कुछ कहा लेकिन मुझे समझ नहीं आया की उसने क्या कहा| मैंने अंग्रेजी में पूछा की मुझे नहीं मालूम की मुझे क्या करना चाहिए| मेरे पास बैठी एक लड़की ने मेरी टिकट लेकर देखी| उसने मुझे बताया की मैं गलत बस में चढ़ गई हूँ| मैं अपनी गलती पर बहुत झुंझलाई| बहुत परेशानी के बाद मैं दिल्ली पहुछ गई लेकिन यह मेरी सबसे बड़ी भूल थी|
Tuesday, 23 November 2010
एक दिन में मेरी दोस्तो मेरी घर आई. शाम में मै खाना बनाई. मै रोटी, पकोरा, आलू सब्जी, उंडा का कर्री और चवोल बनाई. लेकिन मुझ को मालूम नहीं है कि हिन्दुस्तानी खाना बनाई. मेरी माँ घर में नहीं था तो मै सवाल पुचा नहीं था. मै इन्टरनेट गया और रेसिपे प्रिंट किया लेकिन मुझ को मालूम नहीं है कि मसलीदार कहा था. मेरी माँ फ़ोन किया और वे बताया कि मसलीदार पंत्री में था. पहले मै रोटी बनाई. स्तोवे में रोटी बनाई और बहुत आसानी था. फिर मै पकोरा तलती थी. यह भी बहुत आसानी था लेकिन तेल बहुत गर्मी था और तेल हर जगह चला गया. उस दिन यह पहली गलती थी. मेरी रसोईघर बहुत गन्दा था और मै साफ किया लेकिन यह बार नहीं था. मेरी दोस्तो आई और खाना तयार नहीं था तो सब से लोग को बहुत भूकी था.
mistake
ज़िन्दगी में मैं कोशिश करती हूँ कि मुझसे कोई भूल न हो लेकिन कभी कभी कोई भूल हो जाती है. एक दिन मैं अपने परिवार के साथ इंडिया जा रही थी. हम अम्स्तेर्दम में पलने के लिए इंतज़ार कर रहे थे. टाइम पास करने के लिए हम सो जाते या अप्पस में कुछ बात चित करले थे. एक बार मुझे जोर से बाथरूम जनता. फ़ोन पर उस्सी समय मुझे एक टेक्स्ट मेसेज भी मिला. मैं नीचे अपने फ़ोन पर देखते बाथरूम कि तलाश कर रही थी. मैं नहीं देख रही थी कि मैं कहा जा रही हूँ और गलती से मैंने लड़कों कि बाथरूम में गयी. उस्सी वक़्त एक आदमी बाथरूम से बार निकल रहा था. इस्स्लिये मैं बाथरूम में जाने से बच गयी नहीं तो जाने क्या हो जाता. सब लोग गलतियाँ करते हैं. गलती को माफ़ करना चाहिए. कभी कभी मेरी माँ मेरी गलतियाँ पर नाराज़ हो जाती हैं लेकिन वे जानती हैं कि मैंने ये बात जान बच कर नहीं कि.
भूल
रोज़ रोज़ कोई लोग भूल जाते हैं . कुछ दिनों में मैं भी भूल जाता हूँ . मेरी ज़िन्दगी में मैंने भी बहुत भूल किया है . अगले साल मैं गर्मी का मौसम में कैलिफोर्निया गया था . वहां मैं मेरा परिवार के साथ रहता था . हम सब लोग एक घर में रहते थे . एक दिन, हम सब समुद्र तट पर गए थे . सुबह में दस बजे हम गया था . बहार बहुत गर्मी थी. वहां हम पानी में खेल रहे थे और मज़ा कर रहे थे . मैं और मेरा दोनों दोस्तों के साथ चालना के लिए निकल गया . अचानक हम रास्ते भूल गया . किस्सी को खबर नहीं थी कि हम कहा से वापस जाना है. हम तीनों को डर लगता था क्यों कि हम एक विदेश स्टेट मई थे . मेरे एक दोस्त को आईडिया था कि हम पोलिसे को फोन करना चाहिए . इस लिए हम एक शेरिफ को मिला और उसको पूछा कि हम कहाँ है और कहाँ से वापस जाना है . वोह आदमी बहुत अच्छा था और हम तीनों ने बताया कि हम वहां से वापस जाना है, हमारे परिवार को मिलने के लिए. उस दिन से हम बहुत कुश थे क्यों कि हमारे परिवार से वापस मिला . मुझे लगा कि मैं कभी नहीं रास्ता भूल जाऊ .
मेरे जीवन के भूल
मुझे लगता है कि हर मनुष्य से कभी न कभी तो भूल होती है. यह भूल छोटी या बड़ी भी हो सकती है. कुछ लोग यह भी सोचते है कि भगवान् से भी कभी गलती हो जाती है। मुझसे भी बहुत बार भूल हुई है.
एके दिन बहार बहुत ठंड थी। मेरी माँ ने सुबह में मुझे फोन से कहा था कि प्रियांग, "तुम बहार जाकेट पहनकर जाना"। मैंने मेरी माँ की बात नहीं सुनी और ठंड में बहार घूमने चला गया। दूसरे दिन जब में सवेरे में उठा तब मुझे खूब सर्दी और खाँसी हो गई थी। यदि मैंने मेरी माँ की बात सुनी होती तो शायद में बीमार न होता। *तस्वीर में मैंने जाकेट पहना है। उस दिन मैंने मेरी माँ की बात सुनी थी और बीमार न हुआ था !
जब में छोटा था तब मैंने अनजाने में बहुत सारे भूल किये थे। मेरे माता-पिता मुझे मेरे पहले फुटबाल का खेल में ले गये थे। फुटबाल खेलतें वक्त मेरा हाथ बल लग गया था। मुझे लगा कि सामने वाला गोल मेरी टीम का था। मैं उस ओर भागने लगा. सारे माँबाप पुकार रहे थे, "प्रियांग उस तरह नहीं," लेकिन मैंने किसी की आवाज नहीं सुनी थी। इसलिए मैंने बल को जोर से लात दी और बल गोल के अंदर चला गया। अंत में सारे लोग मुझे पर हँस रहे थे और मैं अपने भूल के कारण रोने लगा।
एक बार..मैं कुछ भूल हुई है...
मैं एक रीसिर्च लैब में काम कर रही हूँ। वहां पर बहुत सारे लोग काम कर रहे हैं। मैं बहुत देर से वहां पर काम कर रही हूँ। एक दिन, मैं लैब दस बजे थक रहा था। मैंने पूरा लैब अंधार से कोई नहीं मिले। इस लिए मैंने एक बात सोचती थी। इतना मज़ा आया अगर मैं लैब मैं बॉलीवुड की संगीत लगा और नाच भी किया! देख देख कर मैंने फैसला किया। कोई नहीं था। मैंने लैपटॉप से यूटूब लगा दिया। बहुत सारे गाना है। मैंने मेरे सबसे मन पसंद घाने सेलेक्ट किया। मरजानी बिल्लू फिल्म से, गल मिट्ठी मिट्ठी बोल एषा फिल्म से, डोलू बजे हम दिल दे चुके है सनम फिल्म से और काफी और। मैंने बहुत लैपटॉप बहुत आवाज़ दिया और खुश से घाना सुनती थी।
लैब में एक काम दो घंटे इंतज़ार समय था। मैंने सोचा, यह तो बुरा और अच्छी बात है। बुरा बात क्यूंकि मेरे पास बहुत होम्वोर्क है, लेकिन अच्छी बात है क्यूँ की मैं यहाँ पर नाच कर सकती हूँ! फिर से मैं पूरा लैब देख देख कर और फिर से फैसला किया। गाना आवाज़ दिया और मैंने नाचती थी! दस मिनट, बीस मिनट के बाद मैंने एक और आवाज़ सुनती थी। लेकिन मैंने सोचा, "कोई बात नहीं, यहाँ पर कोई नहीं है!" लेकिन कोई था! लैब का सब से बड़ा बॉस और दुसरे भी फिर से आया। हम थीं कुछ नहीं कहे। कुछ वक़्त बाद में, मैं माफ़ी मांगने के लिए जाये और दोनों मुझे बहुत मजाक किया। बादमें सब को नाचने किया और फिर हम घर जाते थे।
लैब में एक काम दो घंटे इंतज़ार समय था। मैंने सोचा, यह तो बुरा और अच्छी बात है। बुरा बात क्यूंकि मेरे पास बहुत होम्वोर्क है, लेकिन अच्छी बात है क्यूँ की मैं यहाँ पर नाच कर सकती हूँ! फिर से मैं पूरा लैब देख देख कर और फिर से फैसला किया। गाना आवाज़ दिया और मैंने नाचती थी! दस मिनट, बीस मिनट के बाद मैंने एक और आवाज़ सुनती थी। लेकिन मैंने सोचा, "कोई बात नहीं, यहाँ पर कोई नहीं है!" लेकिन कोई था! लैब का सब से बड़ा बॉस और दुसरे भी फिर से आया। हम थीं कुछ नहीं कहे। कुछ वक़्त बाद में, मैं माफ़ी मांगने के लिए जाये और दोनों मुझे बहुत मजाक किया। बादमें सब को नाचने किया और फिर हम घर जाते थे।
सपना कि भूल
सभी लोग को अक्सर भूल होते है | मेरी ज़िन्दगी में मैंने भी भूल किये | अगले साल मैं सर्दी में बाहर चल रही थी | सड़क पर बर्फ था | मैं और मेरी सहेली दोनों क्लास के लिए निकले थे | सुबह में दस बजे हम क्लास के लिए निकले | अचानक मैं फिसल गयी और निचे गिर गयी | मेरे सरे कपडे गीले हो गये | मुझे समय नहीं था वापस घर जाने के लिए क्यों कि मेरी क्लास शुरू होने वाला था | वह दिन बहुत बुरी थी | उस दिन पर मुझ को चार क्लास में जाना पड़ा | मेरे पंत बहुत गंदे हो गये और बहुत गीले थे | और इस कि वजह से मैं बीमार हो गयी | एक गिरने कि भूल से मेरा सारा दिन और हफ्ता बिगड़ गया क्यों कि मैं बीमार हो गयी | सारा दिन मेरी सहेली मुझे छेड़ी और मुझे यह पसंद नहीं आया |
Monday, 22 November 2010
गलती से भूल कर जाना
हर आदमी से अक्सर भूल हो जाती है और वह अक्सर कई काम कर जाते हैं जिनका उन्हें पता भी नहीं होता | में भी हमेशा ध्यान रखने की कोशिश करता हूँ की में गलती से कोई ऐसे काम न कर जून सो में बाद में पछताऊं | इतना सभ कुछ सोचे के बाद भी में काफी बार किसी को कुछ कह जाता हूँ या कोई ऐसा काम कर देता हूँ जिसका लोग बुरा मान जाता हैं जबकि मैंने ऐसा करना चाह भी नहीं था |
मैंने हमेशा चाह है की में कोई ऐसी भूल न करून, लकिन मैंने यह करने में अक्सर बहुत गलतियां करी हैं | एक बार में अपने दोस्त के लिए उसके जनम दिन पर एक तोफा लेकर आया जो मुझको लगा की वह देखकर बहुत खुश हो जायेगा लकिन जब मैंने उससे वोह दिया तोह उससे किस्सी बुरी चीज़ की याद आ गयी और वह रोने लग गया | उसने मुझसे एक हफ्ते के लिए बात नहीं करी क्यूंकि उससे लगा की मैंने जानबूझकर उससे वह दिया था | एक बार में एक बूढ़े आदमी की मदद करने की कोशिश कर रहा था पर उन्हें लगा की में उन्हें तंग कर रहा था और उन्होंने ने मेरी बहुत दांत लगाई और आसपास के सभ लोग मुझे बुरी नज़रों से देखने लगे जैसे में गलत इरादों से कुछ कर रहा था |
ऐसे बहुत सी घटनाएँ हुई हैं जभ लोगों ने मेरे काम का गलत मतलब निकल लिया और मुझे बाद में लगा की वह मेरी भूल थी की मैंने वह काम किये | लकिन इस सभ के बाद भी मुझे लगता है की हमे इस बात का अगर हमेशा डर लगेगा तोह हम कुछ करेंगे ही नहीं, इसलिए हमे बस पूरे दिमाग से सोचकर कुछ काम करना चाहिय लकिन अपने आपको आचे काम करने से रोकना नहीं चाहिए यह सोचकर की शायद हम कोई भूल न कर दें |
मैंने हमेशा चाह है की में कोई ऐसी भूल न करून, लकिन मैंने यह करने में अक्सर बहुत गलतियां करी हैं | एक बार में अपने दोस्त के लिए उसके जनम दिन पर एक तोफा लेकर आया जो मुझको लगा की वह देखकर बहुत खुश हो जायेगा लकिन जब मैंने उससे वोह दिया तोह उससे किस्सी बुरी चीज़ की याद आ गयी और वह रोने लग गया | उसने मुझसे एक हफ्ते के लिए बात नहीं करी क्यूंकि उससे लगा की मैंने जानबूझकर उससे वह दिया था | एक बार में एक बूढ़े आदमी की मदद करने की कोशिश कर रहा था पर उन्हें लगा की में उन्हें तंग कर रहा था और उन्होंने ने मेरी बहुत दांत लगाई और आसपास के सभ लोग मुझे बुरी नज़रों से देखने लगे जैसे में गलत इरादों से कुछ कर रहा था |
ऐसे बहुत सी घटनाएँ हुई हैं जभ लोगों ने मेरे काम का गलत मतलब निकल लिया और मुझे बाद में लगा की वह मेरी भूल थी की मैंने वह काम किये | लकिन इस सभ के बाद भी मुझे लगता है की हमे इस बात का अगर हमेशा डर लगेगा तोह हम कुछ करेंगे ही नहीं, इसलिए हमे बस पूरे दिमाग से सोचकर कुछ काम करना चाहिय लकिन अपने आपको आचे काम करने से रोकना नहीं चाहिए यह सोचकर की शायद हम कोई भूल न कर दें |
क्या मुझसे कभी भूल हुई है
ज़िन्दगी में हर आदमी भूल करता है। और एक बार नहीं, वह बार बार भूल करता है। मैं भी हर आदमी की तरह भूल करता हूँ। मुझे याद नहीं के मैंने पिछली बार कब भूल की, लेकिन यकीन से कह सकता हूँ के मैंइस हफ्ते, पिछले हफ्ते, और पिछले हफ्ते से पहले भी कोई न कोई भूल थो की ही होगी। जब मेरे से कभी भूल होती है, मैं सोचता हूँ के मुझसे भूल क्यों हुई। और फिर मैं वह भूल फिर नहीं करता क्योंकि मैं अपनी भूलों से सीखता हूँ। एक चीज़ मैंने सीखी है और बहुत अच्छी तरह से सीखी है के अगर मुझसे कभी कोई भूल होती है, मैं उस भूल से कुछ न कुछ सीखता हूँ। अगर मैं बार बार भूल करता जाऊं और उस भूल से कुछ सीखता नहीं, वह भूल भूल नहीं रहती। वोह आदत बन जाती है। मैं असल में भूलों को याद नहीं रखता, लेकिन जो मैं उस भूल से सीखता हूँ, वह याद रखता हूँ। मुझे ऐसा लगता है के अगर मैं भूलों को याद रखोंगा थो हमेशा सोचता रहूँगा के मैंने भूल क्यों की। इस लिए मेरा सोचना है के भूलों को याद नहीं रखना चाहिए, लेकिन उस भूल से जो सीख मिलती है, उसको याद रखना चाहिए.
विधि की भूल
मेरे से भूल बहुत होती है क्यों कि मै बहुत अदक्ष हू. हर दिन मै कम से कम एक बार तो गिरती हु. मुझे मालूम नहीं है कि मै इतना क्यों गिरती हूँ. और जब भी मै गिरती हु मै हमेशा बहुत सारे लोग के सामने गिर जाती हु. एक दिन मै हिंदी के क्लास पर जा रही थी और मै उप्पर सीडियों पर चढ़ रही थी और मै निचे गिर गई. मेरे पीछे बहुत लोग थे क्यों कि बारा बज ने वाले थे और सब अपनी-अपनी क्लास्सों पर जा रहे थे. मेरा चेरा बिलकुल लाल हो गया था क्यों कि मै शर्मिं आ गयी. शुक्र है कि हिंदी के क्लास मै से कोई वहा नहीं था नहीं तो वेह मेरा मज़ाक बहुत उठाते और फिर मै खुश नहीं होती.
मुझे मालूम नहीं मै इतना क्यों शर्मिं आ गयी क्यों कि मै बहुत गिर जाती हु. दिन में कम से कम एक दो बारी तो कुछ न कुछ भूल तो कर जाती हूँ. मेरे दुसरे क्लास्सों मे मै कभी काफी बेवकूफ लगती हूँ क्यों कि मेरे सावल अजीब लगते है. लेकिन कभी कभी मुझे कुछ चीज़े मालूम नहीं होती तो मुझे सवाल पूछना पड़ता है. लेकिन कोई बात नहीं. जब भी ऐसा होता है मुझको मै अपने उप्पर हस्ती हूँ क्यों कि मुझे बुरा नहीं लगता है. मेरी विशेषता ऐसी ही है और मुझे ख़ुशी है कि मै रोती नहीं हू.
"क्या आपसे कभी कोई भूल हुई है?"
तीन साल पहले मेरी सब से अच्छी सहेली नीना का जन्मदिन था. मै और मेरी सहेली की इच्छा है की उसके लिए ख़ास कोई जीज़ करे. कई दिन के लिए हम ने क्या करने के बारे में सोजा. हम ने बहुत बत करके आश्कारी की पार्टी होने का फैसला करा. हम लोग ने मेरा घर में मिलकर पार्टी प्रोग्राम बनाया. हम ने अपने सब से दोस्तों को बुलाया. हर लोग ने कुछ खाना पकाया. हम ने दुकान जाकर बहुत चीज़े खरीदी. हम ने मेरा घर गुब्बारे और दुसरे चीज़े के साथ सजाया. तब पार्टी का दिन आया. वह शुक्रवार को था. वह नीना का जन्मदिन था. सब लोग जन्म दिन मुबारक हो लेकिन कोई नही मना सके. सब लोग रात को बहुत व्यस्त हुए. नीना को बहुत उदास लगा था. तो मैने उसको बताने हम रात का हाना जा सके. लेकिन मै अच्छी दिन नही हो रही थी. मैने पार्टी सात बजे पर सोचा. तो हम ने छह बजे पर खाना खा था. लेकिन पार्टी आठ बजे था. मै ने नीना को मेरा घर पर सात बजे को ले आया. पार्टी नही तैयार है तो मै ने आश्कारी बरबाद करा.
"क्या आपसे कभी कोई भूल हुई है?"
वह मेरे कॉलेज का पहला साल और पहला सेमेस्टर था. मैंने इंगलिश १२५ का कलास लिया था. पहला दिन कॉलेज और पहला इंगलिश का था. मै इंगलिश का कलास रूम दुदते हुए गुम हो गया और कलास में डेढ़ घंटे देर से पहुचा, तब तो मेरा कलास पूरा हो चूका था. मै इंगलिश के टीचर से बात करने के लिए भी गया, परन्तु टीचर ने खा की जो भी विध्यार्ती पहला और इसे दुसरे कलास में नही पहुचते है समयसर वो अपने आप ही कलास में से निकाल दिए जाते है, और यह नियम सभी विध्यार्ती पर लगता है और मेरी यही सबसे बड़ी गल्ती हुई. मै कॉलेज के नोर्थ काम्पुस मै रहा करता था और मुझे सभी कलासो में बस लेकर जाना पड़ता था, और उस दिन मै गल्ती से दुसरे बस स्टेशन पर उतर गया, और कलास में समयसर नही पहुच पाया. मुझे उस इंगलिश के कलास के लिए अगले सेमेस्टर तक राह देखनी पड़ी. परन्तु बाद में मुझे अपने दोस्तों से पता चला कि वह इंगलिश के कलास कि टीचर बहुत कठिन थी और उन्हें उसके कलास में "बी" ग्रेड मिला था. इसलिए मैने दुसरे सेमेस्टर में वह कलास दुसरी टीचर के साथ ले लिया, और मुझे उसमे "अ" ग्रेड मिल गया. इसीलिए तो कहते है, जो भी होता है, उसमे कुछ कारण तो होता है. और मेरी यह बड़ी गल्ती, मुझे फायदे मंद निकली. परन्तु सभी गलतिया हमेशा फायेदमंद नही होती.
भूल
एक बार मुझे बहुत बड़ी भूल हुई थी। एक रात मैं अपनी सहेली के घर में सोयी थी। सुबह मैं अपना क्लास के लिए तेयार हो गयी लेकिन बहुत जल्दी थी। क्लास शुरू होने में अभी तक बहुत समय था। मैंने अपना ईमेल चेक किया था और सहेली की साथ समय बताया। फिर मैं ने टाइम को देखा। मैं देर हो रही थी। मैं जल्दी से बाहर गयी क्लास जाने के लिए। जब मैं स्टेट स्ट्रीट पर चल रही थी मैं अपने होमवर्क के बारे में सोची थी और मैं ने याद की थी कि मेरा होमवर्क मेरे बिस्तर पर था। मेरा घर रस्ते पर नहीं है। घर जाने में दस और मिनुट लगी। मैं स्टेट स्ट्रीट पर भाग गयी ताकि मैं क्लास समय पर पहुंचूं। मैं वापस भाग गयी क्लास के लिए। मैं बहुत देर थी लेकिन उन्होंने फिर भी मेरा होमवर्क ली थी।
मेरी भूल की कहानी
मेरे जीवन में मेरी कई भूल हुई हैं. जब मैं आठ साल का था, मैं मेरे परिवार के साथ हिमालय देखने गए थे. जाने से पहले मेरी माँ कुछ खाने की चीज़े खरीद लिए. थोड़ी बिस्कुइत और एक चीज़ की तिन. जब मैं छोटा था, तब मैं बहुत खाता था. मेरा सबसे अच्छा खाना चीज़ था. मेरी माँ एक होटल से जाकर ले आती थी. मुझे यह चीज़ खाकर बहुत ख़ुशी आती थी. यात्रा के लिए मेरी माँ ने सभी लोग के लिए एक बड़ी सी चीज़ की तिन खरीदी. हम शनिवार पर हमारी यात्रा शुरू करने थे. गुरुवार को मुझे बहुत भूख लगी. घर में महाराज नहीं था. घर में खाना ही नहीं था. परन्तु वह चीज़ की तिन थी. मैंने उस तिन को खोल कर सब चीज़ खा लिया. मैं सोचा की मैं नया तिन खरीद लूँगा. लेकिन मैंने भूल गया. फिर अगले हफ्ते जब हम सब धरमसाला में थे और हमने बैग खोले, तो मम्मी देखि की सिर्फ बिस्कुइत थे.सब लोग हसे क्योकि उनको मालूम था की सिर्फ मैं ही पूरा तिन चीज़ खा सकता था. मुझे बहुत शर्म आई. यह है मेरी भूल की कहानी.
मेरी भूल!
जब में ८ साल का था, मुझे एक बहुत बरा भूल होईथी। या मेरी सब से बरा भूल थी, और सब से एम्बेरास्सिंग था। इस भूल का पल हूअ एक दिन जब में स्कुल गया था। या किसी दुरसा दिन की तरह था, में स्कुल गया और में मैथ के क्लास में था। लेकिन इस समय में मेरे पंट घर पर भूल गया। या थो बहुत शर्मनाक था। में इस भात को बिश्वास नहीं कर सकता था। में नहीं जनता था कि में क्या करू। इसलिए में बाथरूम में गायती।
बाथरूम में बहुत सरे इदीअस सोचा। सब इदीअस थो बकवास था। अचानक एक घंटी बजी थी। में इसी आवास से बहुत परेशान कि थी। अचानक में मेरी बिस्तर में था। यह एक बहुत बुरा सपना था...भगवन का शुकर।
बाथरूम में बहुत सरे इदीअस सोचा। सब इदीअस थो बकवास था। अचानक एक घंटी बजी थी। में इसी आवास से बहुत परेशान कि थी। अचानक में मेरी बिस्तर में था। यह एक बहुत बुरा सपना था...भगवन का शुकर।
वह चीज़ जो अनिशा भूल गई
जब मैं दस साल की थी, मेरा परिवार कानाडा गया. मेरे पापा का दोस्त वहां रहता हैं. हम उन के परिवार से मिलने गए. मेरे पापा का दोस्त मेरे पापा को कोलेज से जानते थे. वे चान्दिगर में एक साथ परथे थे. उन के परिवार में दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी. उन का बेटा मेरे से चार साल बड़ा है, और उन की बेटी मेरे से एक साल बड़ी है. वे टोरोंटो में रहते हैं. लेकिन अब हम सब बच्चे कोलेज में हैं, जैसे हमारे पापा थे जब वे मिले. लेकिन वह कहानी दस साल पुरानी है. उस समय, मैं सिर्फ दस साल की थी. मेरा परिवार मिशीगन से टोरोंटो गाड़ी में गया था. हम दो तीन दिन के लिए गए. मैं अपना कुत्ता साथ लेकरगई. वह कुत्ता सिर्फ एक खिलौना था. लेकिन वह मेरा सुबसे मनपसन्द दोस्त था. मै हर रात उस के साथ सोती थी. अगर कह मेरे पास नहीं था, थो मुझे नींद नहीं आती थी. जब हम वापस मिशीगन चले मैं कुत्ता को भूल गई! जब मुझे समझ आई कि वह टोरोंटो में रह गया, मैं बहुत उदास हुई. मैं बहुत रोई थी. जब हम अपने घर में थे, हम ने फोरन उन से फोन लगाया. कुत्ता वहां था, पलंग के नीचे! उन ने कहा कि वे उस को भेज देंगे. लेकिन इस में दो तीन दिन लगेंगे. मैं ने सोचा "मुझे कैसे नींद आएगी?" मेरे माँ और पापा ने जाकर मेरे लिए एक और कुत्ता खरीदा, जब तक पहले वाला नहीं आता है. इस दिन थ, दस साल बाद, मेरे पास दोनों है.
मेरी एक भूल
मुझसे बहुत भूल हुई हैं। मेरी ज़िंदगी में मैं ने बहुत गलती किया, अौर मुझे मालूम है कि मैं गलती करूँगा। क्यों? क्यों कि सब लोगों का जीवन मुश्किल है। जीवन के बारे में कोई नहीं को मालूम है। हमेशा हम अंदाजा लगाते हैं, अौर एक छूट है सब विधि हम बनाते हैं के लिए। एक बार, जब मैं एक बच्चा था, मैं, मेरा भाई, अौर चिराग ने मंदिर में नगर पाल गण को फोन किया। हम ने तीन चार बारे फोन किया, लेकिन अाखिरी बार नगर पाल गण मंदिर में अाये। मंदिर में अाकर, वे अादमी के साथ बोले। इस के बाद, अादमी हमारे साथ बोले, अौर वे अादमी बहुत गुस्से हुए। वे अादमी मेरी माँ के साथ बोले, अौर मेरी माँ भी गुस्सी हुई। मेरी माँ हम को चीखी अौर मेरी माँ ने हम को मार शुरू किया। इस के बाद, मेरे शरीर में बहुत दर्द हुए। मेरी माँ ने भी मुझ से अौर मेरे भाई से कहा कि हम कभी नहीं चिराग को देख सकेंगे। लेकिन अगले हफ़्ते में हम चिराग को देखे। इस भूल के बाद, ज़्यादा भूल हुई, अौर हम तीन बहुत शरारती थे लेकिन हम ने कभी नहीं नगर पाल गण के साथ हंसी किया।
मेरी गलती
मैं नहीं अक्सर खाना बनाना. एक दिन जब मैं खाना पकाने, एक बड़ी गलती की. मैं चूल्हे पर पास्ता बना रही थी. मैं पानी में डाल पास्ता. मैं दस मिनट में वापस आना चाहता था,लेकिन मैं भूल गया. मैं वापस आना भूल गया, इसलिए पास्ता निछे लगता है. मैं वापस एक घंटे आया था. पानी सब चला गया था और पास्ता बुरा था. मैं एक टाइमर सेट होना चाहिए. मेरी रसोई पहचानना बहुत बुरा है. सुके भी बुरा नहीं है. सब कुछ बुरा गया था जब मैं यह खाना बनाया. मैं खाना नहीं खाया. मेरी माँ हँसे. मैं भी रोटी बनाया. रोटी बुरा नहीं था, लेकिन वहाँ इसे खाने के साथ कुछ भी नहीं था. मैं अच्छा खाना बनाना नहीं. यह हुआ पाँच साल पहले. मैं तब से नहीं पका है. यह एक छोटी सी गलती थी, लेकिन स्मोके अलार्म मेरे घर में चला गया. मेरे घर में बुरा कुछ भी नहीं हुआ. पास्ता बाहर कटोरा नहीं आती. यह बहुत मुश्किल था पास्ता बाहर ले. मेरी माँ और पिताजी मुझे नहीं कुछ समय के बाद के लिए खाना बनाना. पर पहले मैं डर गया था. लेकिन यह एक छोटी सी गलती थी.
एक बड़ी भूल
मैं चीज़ों कभी नहीं भूलता हूँ लेकिन एक दिन पिछले साल मैंने अपना वाल्लेट घर मैं भुला। उस हफ्ते की ऊंट में मैंने मेरा घर गया अपने माता-पितः से मिलने के लिए। जब मैं वापस अन्न अर्बोर आया मुझे पता हुआ की मेरे पास मेरा वाल्लेट नहीं था। मैंने सोचा की मेरा वाल्लेट मेरा दोर्म कमरा में था। एक घंटा के लिया मैंने अपना कमरा उल्टा किया वाल्लेट खोजने। लेकिन वाल्लेट नहीं मिला। अब मैं बहुत परेशान हुआ। वाल्लेट के उंदर बहुत चीज़े थे। बहुत पैसा था, क्रेडिट कार्ड्स थे, और मेरा द्रिवेर्स लिसेंस वाल्लेट के उंदर थे। मैंने सोचा की अगर किस्सी ने यह वाल्लेट मिल्ली थो मेरा बहुत नुक्सान होगा। फिर ,अं मेरी माँ को फ़ोन किया। मैंने उसको पूछा की क्या अपने मेरा वाल्लेट को देखा? तब मेरी माँ ने मुझ पर बहुत चिल्लाई। वह कहती थी की "आप अपने वाल्लेट कैसे भूल सकते हो? वाल्लेट में बहुत सारे खास चीज़ें है और मेरा ध्यान किधर था?" मैं बहुत उदास हुआ। तभी मैंने सोचा की मुझे मेरी दुसरे पन्त में खोजना चाहिए। मैंने मेरा हाथ पन्त की जेब में उंदर किया। हे भगवन! मैंने मेरा वाल्लेट मिला। मैं बहुत बहुत कुश था। अब मैं यह भूल दुबारा कभी नहीं करूँगा।
Sunday, 21 November 2010
अगर मैं भारत जाता ...
अगर मैं भारत जाता तो मुझे खुश लगेगा . मैं वहां बहुत साल पहले गया था . लेकिन मुझ को वहां बहुत चीजें देखना चाहता हूँ . मुझ को मेरा परिवार को देखना चाहता हूँ . मेरा परिवार गुजरात में हैं . सब लोग अमदावाद में हैं . परिवार से मिलने के बाद, मुझ को ताज महल को देखना चाहता हूँ . मुझ को भारत का इतिहास बहुत पसंद है . इस लिए मुझे ज्यादा पुराने जगह देखने जाऊँगा . और मुझे गंगा नदी देखना चाहता हूँ . मुझे बनारस जाना है और वहां पूजा करना है . मैं एक हिन्दू हूँ, इस लिए मैं कई मंदिरों में जाऊँगा . मैं हर रोज बाजार में जाऊँगा . मैं आम बहुत खाऊँगी क्यों कि आम मेरी सबसे मनपसंद फल है . मैं मानसून के मौसम के लिए वहाँ रहना चाहता हूँ क्योंकि मैंने सुना है यह बहुत अच्छा मौसम है . मुझ को भारत के सभी देखना चाहता हूँ . यह बहुत वक्त लगेगा . लेकिन मैं मेरा परिवार या कुछ दोस्तों के साथ जाऊँगा . यह बहुत अच्छा होगा !
Wednesday, 17 November 2010
if i went to india
अगर मैं भारत जाती तो मैं राजस्थान जाती. राजस्थान में मेरा पूरा परिवार रहता हैं. मेरी मम्मी और पापा राजस्थान में बड़े हुए ते. मेरी माँ जयपुर से हैं और मेरे पापा अजमेर से. राजस्थान एक बहुत सुन्दर देश है. जयपुर को गुलाबी शहर बुलाया जाता है क्यों कि सरे इमारतें एक गुलाबी रंग कि ईंट के साथ बनाया जाता है. राजस्थान में बहुत सरे मेले देखने के लिए. इस राज्य में बहुत शहर भी है देखने के लिए. जसिल्मेर और जोधपुर भी बहुत अच्छे शहर हैं. एक शहर रेगिस्तान के पास है. आप वहाँ ऊंट पर बेटकर रेगिस्तान पर जा सखते हैं. दूसरी शहर में एक बहुत सुन्दर महेल हैं. भारत में बहुत सरे जगे मैं अभी थक नहीं देखि हूँ. मुझे ताज महल देखना हैं और गोवा जाना है. गोवा मैंने सुनी है बहुत सुन्दर हैं. मुझे चंदिघर भी जाना है. मुझे ज़िन्दगी में सरे राज्य देखनी हैं.
Tuesday, 9 November 2010
अगर मैं भारत जाती
सबसे पहले, अगर मैं भारत जाती तब मुझे खुश लगती होगी । मैं वहां बहुत चीजें देखना चाहती हूँ । मुझे लगता है कि पहाड़ों के पास उत्तर बेहतर हो। मैं हिमालय देखना चाहते हैं । मैं भी नेपाल जाने की कोशिश करेंगे । भी, के लिए एक खेत में काम करना चाहता हूँ । जानवरों के साथ एक खेत अच्छा होगा । मैं भी दक्षिण में जाना पसंद करेंगे । मैं हर रोज बाजार को जाना होगा । मैं आम की बहुत खाऊँगी । सभी के अधिकांश मैं, के लिए एक खेत में काम करना चाहता हूँ . मैं जानवरों के साथ काम करना चाहते हैं . ..शायद बकरियों और मुर्गियों के साथ. मैं भी वनस्पति विज्ञान पर एक वर्ग लेना चाहते हैं. मैं दोस्तों के बहुत से वहाँ से मिलना चाहता हूँ . मैं मानसून के मौसम के लिए वहाँ रहना चाहता हूँ क्योंकि मैंने सुना है यह अच्छा था . मैं भारत के सभी देखना चाहते हैं, लेकिन मुझे लगता है यह एक लंबे समय लगेगा . शायद मैं दोस्त वहाँ मिल सकते हैं .
Monday, 8 November 2010
अगर मैं भारत जाती...
मेरे लिए "अगर मैं भारत जाती हूँ..." नहीं है, मैं भारत कब जाती हूँ--यह एक सवाल है। शायद इस गरमी में मैं भारत जाऊँ। मैं एक बार भारत गयी हूँ लेकिन मुझ को रिसर्च के लिए बार-बार भारत जाना पड़ेगा। मैं भारतीय दवाओं के बारे में रिसर्च कर रही हूँ. इस लिए जब मैं भारत जाउंगी मैं पढ़ूँगी। मैं कई हस्पितालों में जाउंगी। शायद ये हास्पिटल दिल्ली में या बनारस में होंगे। उस के बाद मुझ को कई गांवों में भी जाना पड़ेगा क्योंकि मैं दोनों जगहों की दवापड़ना पढ़ना चाहती हूँ। मैं सोचती हूँ कि शहर की दवा और गांव की दवा अलग है। मैं भारत में आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, और अलोपथिक दवाओं के बारे में जानना चाहती हूँ। लेकिन मेरा सारा समय पढ़ने में नहीं लगेगा। मैं घूमना भी चाहती हूँ। मैं नीलकंठ फिर से ज़रूर जाना चाहती हूँ। यह जगह बहुत सुन्दर है। यह ऋषिकेश के पास है और यह शिव का मंदिर है। यात्रा के दौरान मैं अपनी हिंदी पर कम करुँगी।
अगर मैं भारत जाती
मुझे यात्रा बहुत पसंद है। मुझे नई-नई जगह, नए लोगों से मिलना, और उनसे बाते करना बहुत अच्छे लगती है। अगर मैं भारत जाती, तो मैं बाड़े-बाड़े शेहरो मैं घूमने जाउंगी; जैसे मुंबई, नई दिल्ली, आगरा, कोल्कता, हैदराबाद, जयपुर, बंगलोरे और पंजाब। भारत मैं मुझे ऐतिहासिक भवन और स्मारकों देखने को मिलेगी। मैं हमेशा से ताज मोहोल, इंडिया गेट, पार्लिमेंट हाउस, और जामा मस्जिद देखना चाहती हूँ। भारत मैं सबसे अच्छी दुकान मैं जाकर बहुत सुन्दर-सुन्दर कपड़े और गहने भी खरीद दूंगी। मैं अपने दोस्तों और परिवार के लिए भी कुछ खरीद लेंगे क्योंकि वहाँ चीज़ें सस्ते होते हैं। बाड़े-बाड़े शेहरो मैं घूमने के बाद मैं कही गांव मैं जाउंगी क्योंकि मुझे लगता है गाँव और गांव के लोग ही असली भारत है। मुझे गांवों की पुरानी परंपरा और जीने का सरल तरीका पसंद है। मुझे लगता है कि मैं वहाँ उन लोगों से बहुत कुछ सीख सकती हूँ। अगर मैं भारत जाती, तो मैं गांवों में जाकर गरीबों की मदद करना चाहूंगी.
अगर क्रिस्टल भारत जाए
अगर मैं भारत जाती, मैं बहुत कुछ चीज़े करुँगी| पहले, अगर मैं गुजरात जाऊं, मैं मेरे नाना-नानी से मिलूंगी| वे अहमदाबाद में रहते हैं| अगर मेरे नाना-नानी से मिलूं, मेरी नानी मेरे साथ काफी शौपिंग करेंगी| भारत में मैं बहुत सलवार कमीज़े, साड़िया, और कुरते खरीदती हूँ| भारत में मैं बहुत चुडिया और हार भी खरीदती हूँ| शादिया और दुसरे परिवार के कार्यक्रम के लिए मैं बहुत पहनती हूँ| अगले साल अगर मैं भारत जाऊं, मैं गोआ या राजस्थान जाना चाहती हूँ| राजस्थान एक बार गई और काफी सुन्दर जगह है| गोआ कभी नहीं गई और मैंने सुना है की यह जगह भी बहुत सुन्दर है| अगर मैं भारत जाऊं, मेरे माता-पिता आगरा जाना चाहते है, लेकिन मैं नहीं जाना चाहती क्यों-कि हम गए अगले साल| शायद हम दोनों जगे जायेंगे| मुझे भारत बहुत जाना चाहती हूँ, लेकिन कौन जाने हम कब जाए? मेरे नाना-नानी से बहुत मिलना चाहती हूँ और संभव संभव है कि मैं गर्मिया कि छुट्टी में आऊँ|
अगर मैं भारत जाती
मैंने फुलबराईट ग्रेंट के लिए अपलाई किया ताकि मैं भारत जा सकूँ| अगर मैं भारत वापस जाऊँ तो मैं जयपुर में हिन्दी पढ़कर मुंबई में शोध कार्य करूँगी| अगर मैं भारत में हिन्दी पढ़ सकूँ तो शायद मैं अच्छी तरह हिन्दी बोल सकूँगी| मेरी हिन्दी को सुधारने के अलावा, मैं स्थानीय लोगों से बात करने का अभ्यास करूंगी| मैं दुबारा जयपुर में रहूंगी| अगर मैं भारत वापस जाऊँ, तो मैं बहुत खुश हूँगी| यदि ख़ासकर मैं शोध कार्य करने के लिए मुंबई लौटू तो मैं बहुत खुश हूँगी| मेरा शोध कार्य अँग्रेज़ी पढ़ने के तरीक़े के बारे में होगा| मैं ज़्यादातर सरकारी विद्यालाय में मेरा शोध करूँगी| मैं स्कूल के बाद रहूंगी और छात्रों की मदद करूँगी| शोध करने के अलावा मैं अपने मुंबई के दोस्तों से भी मिलूंगी| अगर मैं मुंबई में रहूंगी, तो मैं बरसात के मौसम का अनुभव करूँगी| सब मुंबईवाले कहते हैं कि उनको बरसात का मौसम बहुत पसंद है| मैं स्वयं देखना चाहती हूँ क्यों उनको वह मौसम पसंद है| अगर मुझे फुलबराईट न मिले, तो मैं फिर भी भारत जाना चाहती हूँ| अगर मैं दुबारा भारत जाऊँ, तो बहुत बेहतर होगा क्योंकि मैं सब लोगों के साथ बहुत ज़्यादा अच्छी तरह बात चीत कर सकूँगी|
अगर मैं भारत जाता तो
अगर मैं भारत जाता तो, तो मैं परिवार मिलूंगी। मेरी नानी नॉएडा में रहती हैं। मेरी दीदी भी नॉएडा में रहती है। शायद मैं शौपिंग करूँ । मुझे नए दुपट्टे और जूते चाहिए और मुझे नए कपडे चाहिए। कपडे भारत में बहुत सस्ते! शायद मैं कई लोग आ मिलूँ । माई मंदिर भी जाए। मैं भारत परिवार के साथ जाए। मैं सर्दी में जाए क्योंकि गर्मी बहुत गर्मी। मैं २ महीने के लिए जाना हो ताकि मैं कई शाहरों जाना सकेगी। मैं नॉएडा, डेल्ही, कोल्कता, और हिमिलायाँ पहाड़ जाए। पहाड़ में मैं दराम्शाला जाए क्योंकि वह "ढाली लामा" वहा रहते है। मैं बहुत खाना खाए क्योंकि मैं भारतीये का खाना बहुत प्यार करती। मैं द्क्षिण भारत भी जाए।
अगर मै भारत जाती तो
अगर मै भारत जाती तो मै मेरी परिवार मिलती है. मै नानी, दादा, और दादी मिलती है क्योकि मै वे एक साल में नहीं दखती है. मै वे बहुत याद आती है.मेरी दादी और मै किताब पढ़ेगे क्योकि हम दोनो किताब पढ़ना बहुत पसंद है. मेरी दादा और मै खेल टीवी में देखेगे क्योकि हम खेल बहुत पसंद है. मेरी नानी और मै हम साफ करो क्योकि हम साफ घर बहुत पसंद है. अगर मै भारत जाती तो मै मेरी चाचा, चाची, मौसा और मौसी दखती है. मै और मेरी चाची और मौसी शायद शौपिंग जाय. शायद हम साडी दखे और बहुत कपरे ख़रीदे. हम शौपिंग बहुत पसंद है लेकिन मेरी पापा मै शौपिंग नहीं पसंद हैर क्योकि मै पैसा बहुत खर्च किया. शौपिंग बाद में हम घर पर जाएगे और शायद हम खाना बनाय. शायद हम लड़ो, जुलिबी, आलू पराठा, चना, उंडा का कर्री बनाय. उंडा का कर्री मेरी खाना सब से पसंद है और मेरी माँ कबी कबी मुझे लिय बनाते.
अगर में भारत जाता
में भारत में पहला बड़ा हूँ और मुझको तभी भारत से बहुत प्यार है | लेकिन फिर भी भारत में इतने साल गुजरने के बाद मैंने कई ख़ास शहरों को आज तक देखा नहीं है | यही मेरे ख्याल से भारत की अनके बात है | अगर आदमी अम्रीका में पैदा हुआ हो और उसने यहाँ पर अपनी ज़िन्दगी गुज़री हो तोह उसे यहाँ के हर शहर के बारे में बहुत जानकारी होगी और यहाँ तक की उसे यह भी पता होगा की हर शहर में क्या क्या अच्छा है और कौनसी जगह जाना चाहिए | अगर भारत को देखो तोह भारत में इतने सारे शहर हैं और हर दुसरे शहर में कुछ न कुछ ख़ास बात है को उसे बाकी शहरों से हटकर बनता है | में भारत में इतनी जगह घूमा हूँ पर फिर भी भारत के कई शहर मेरा बहुत ही मन लगाकर रखते हैं |
सबसे पहले स्थान पर तोह में चंडीगढ़ को रखता हूँ | अगर में भारत जून तोह सबसे पहले उस शहर में जाना चाहूँगा | सभ लोग हमेशा दिल्ली या मुंबई के बारे में बात करते हैं पर सिर्फ जो लोग चंडीगढ़ गए हैं, उन्हें ही पता है की उस शहर में सारी सुविधाएँ हैं जो बड़े शहरों में होती हैं पर फिर भी वह उन से साफ़ है और ज्यादा हरा है | उसके बाद मेरे सबसे मन पसंद शहर हैं दिल्ली , मुंबई और आगरा | आगरा के बारे में तोह मुझे कुछ कहने की भी ज़रुरत नै है | ताज महल उस शहर को भारत का सबसे अजूबा शहर बना देता है और जो भी भारत जाता है, उसे वहां ज़रूर जाना चाहिए | वह एक बहुत सुन्दर चीज़ है | दिल्ली और मुंबई मुझे इसलिए अच्छे लगते हैं क्यूंकि वहां जाकर मुझे एक ही शहर में बड़े किसम के लोग मिलते हैं और मेरे बहुत सारे दोस्त भी उन शहरों में रहते हैं |
इन सारे शहरों के इलावा भी बहुत से शहर हैं जो लोगों को देखने की कोशिश करनी चाहिए अगर वह भारत जाएँ | मुझे भारत के बारे में लिखकर अभी भारत जाने का मन कर रहा है !
सबसे पहले स्थान पर तोह में चंडीगढ़ को रखता हूँ | अगर में भारत जून तोह सबसे पहले उस शहर में जाना चाहूँगा | सभ लोग हमेशा दिल्ली या मुंबई के बारे में बात करते हैं पर सिर्फ जो लोग चंडीगढ़ गए हैं, उन्हें ही पता है की उस शहर में सारी सुविधाएँ हैं जो बड़े शहरों में होती हैं पर फिर भी वह उन से साफ़ है और ज्यादा हरा है | उसके बाद मेरे सबसे मन पसंद शहर हैं दिल्ली , मुंबई और आगरा | आगरा के बारे में तोह मुझे कुछ कहने की भी ज़रुरत नै है | ताज महल उस शहर को भारत का सबसे अजूबा शहर बना देता है और जो भी भारत जाता है, उसे वहां ज़रूर जाना चाहिए | वह एक बहुत सुन्दर चीज़ है | दिल्ली और मुंबई मुझे इसलिए अच्छे लगते हैं क्यूंकि वहां जाकर मुझे एक ही शहर में बड़े किसम के लोग मिलते हैं और मेरे बहुत सारे दोस्त भी उन शहरों में रहते हैं |
इन सारे शहरों के इलावा भी बहुत से शहर हैं जो लोगों को देखने की कोशिश करनी चाहिए अगर वह भारत जाएँ | मुझे भारत के बारे में लिखकर अभी भारत जाने का मन कर रहा है !
Sunday, 7 November 2010
अगर मैं भारत जाता
अगर मै भारत जाता, तो मैं ताजमहल देखने जरुर जाता. क्योकि ताजमहल इंडिया की बहुत ही आशच्यर जनक ईमारत है, उसका नाम दुनिया की गनीस बुक मे है. ताजमहल बनाने के पीछे जो इतिहास है, वो भी बहुत रसपुद है. अगर मे भारत जाता, तो मैं पहाड़ो के बादशाह हिमालय की यात्रा मे जरुर जाता. क्योकि हिमालय जैसी सुन्दरता दुनिया मे और कही नहीं है. हिमालय पर बहुत पुसिद्र इतिहासिक मंदिर भी है, जैसे की केदार नाथ और बद्रीनाथ, वहा मैं अपने माता पिता के साथ जरुर जाऊंगा. जब मैं भारत जाऊंगा, तब मैं वहा अपने चचेरे भाई बहनों और मेरे माता पुता के दोस्तों और परिवारों को जरुर से मिलना चाहूँगा. जब मे भारत जाऊंगा, तब मैं भारत का खाना जरुर खाना चाहूँगा. मुझे बहुत सारी इंडियन डिशेस पसंद है, जैसे की पानी पूरी भानिपाव, समोसा, डोसा, दोक्ला, गुलाब जामु, आदि. मैं जब इंडिया जाऊंगा तब ये सारी चीज़े भर पेट खाऊंगा.
जब मैं भारत जाऊंगा, तब मैं अपने लिए देर सारे इंडियन पोशाक खरीदी करूंगा. मुझे शादी में जो भारतीय पोशाक पहनेत है, वो बहुत पसंद है. मैं देर सारी इंडियन पोशाक लाऊंगा. मैं इंडिया जाकर इंडियन कलचर का पूरा अनुभव करूंगा, और उसका आनंद लेना चाहूँगा. मैं वहा पर दिसम्बर के महिने में जाना चाहूँगा, उस समय वहा का मौसम बहुत ही सुहाना ओर अनुकुल होता है.
जब में भारत जाऊंगा, तब अपनी नानी को भी साथ ले जाऊंगा, और उनको अलग - अलग मंदिरों में घुमाऊंगा. मेरी नानी को इंडिया बहुत पसंद है. मैं जब इंडिया जाऊंगा तब बहुत घूमूँगा और मजे लुगा.
अगर मैं भारत जाऊं तो
अगर मैं भारत जाऊं तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी | दस साल पहले मैं भारत गई | भारत बहुत अच्छा देश है और भारत सब से अच्छा देश है | मुझे बहुत दुःख होता है क्यों कि मैं बहुत सालों से भारत नहीं गई पाए | अगर मुझे भारत जाने की मौका मिलता है तो मैं गुजरात जाउंगी | मेरा परिवार वहां रहता है | भारत में मैं बहुत पैसे खर्च करुँगी | मुझे भारतीये कपडे बहुत पसंद है और मैं बहुत कपडे खरीदूंगी | और मुझे भारतीये खाना बहुत बहुत बहुत पसंद है | अगर मैं भारत में होती तो मैं साड़ी दिन भारतीये खाना खाती | अगर मैं भारत जाती तो मैं घुमने जाउंगी | मुझे देहली और मुम्बई और आगरा और गोल्डेन टेम्पल देखना है |
अगर मैं भारत जाऊँ ...तो शायद जिन्गदी बदल जये
अगर मैं भारत जाऊँ तो मुझे वहां एक-दो महीनों के लिए रहना होगा क्यों की मैं सरे देश देखना चाहती हूँ| पहले मैं उतर भारत में कुल्लू-मनाली, कश्मीर ताज महल, हवा महल, क़ुतुब मीनार, स्वर्ण मंदिर, लाल किला... सभी जगह पर जाऊँ| उतर भारत मुझे शायद अच्चा लगे क्यों की मुझे सुन्दर इमारतें और खूबसूरत पहाड़ पसंद हैं| उतर भारत देखने के बाद मैं गुजरात जरुर जाऊँ ताकि मैं मेरे रिश्तेदार से मिलूँ और उनके साथ कुछ समय बिताऊँ| मैं मेरे दादा-दादी को बहुत याद करती हूँ| वे अहमदाबाद मैं रहते हैं| मेरी सबसे प्यारी मौसी भी गुजरात में रहती हैं| इस लिए मैं भावनाघर भी जाऊँ| उस के बाद मैं दक्षिण भारत जाऊँ ताकि मैं ऊटी के पहाड़ी चाय के खेत को अनुभव करूँ|
अंत में मेरी इच्छा हैं की मैं आश्रम में ठहरूँ और वहाँ भगवन की खूब दर्शन करूँ| इस उलटी सीधी ज़िन्दगी में भगवन को जानना थोड़ा मुश्किल हो जाता हैं क्यों की हम बहुत व्यस्त होते हैं| मैं चाहती हूँ की मैं कोई गुरु का आश्रम में मुझे इश्वर की शांति मिलें| मन की शांति मिलकर मुझे गाँव में छोटा सा मेडिकल क्लिनिक खोलना है| संभव हैं की यह सब देखकर (या कर के) मुझे भारत से प्यार हो जाये| शायद मैं यह सुन्दर देश में रह भी जाऊँ|
अगर मैं भारत जाता तो
अगर मैं भारत जाता तो मैं पहले मुंबई जाऊ. वहा मैं मेरे दोस्त और परिवार से मिलूँगा. मुंबई मैं मेरी दादी माँ रहती है. वे बहुत बूढी हैं. अगर मैं अभी उसके साथ थे तो वे बहुत खुश होगा. मुंबई मैं मुझे मेरे कई दोस्त से मिलना चाहता हूँ. शायद वे सब बाहर गाव गए, पर हो सकता है की वे घर भी हो. ज़रूरी है की मैं उनको फ़ोन करूँ.मुंबई के बाद मैं गोवा जाना चाहता हूँ. वहा मैं ताज विल्लगे में रहूँगा. उस होटल को मुझे बहुत पसंद है. वहा मैं समुद्र तट पर आराम करूँगा. मैं रेट में खेलूँगा. बहुत मजा आएगा. अगर मैं वहा भूखा हो तो मुझे कई रेस्तौरांत से खाना मिलूँगा. मुझे सीफूड खाना बहुत अच्छा लगता है. गोवा में झींगे और मच्छी बहुत अच्छे से बनते हैं. मेरे दो दोस्त गोवा में रहते हैं. वे समुद्र में नाव पालते हैं. वे दोनों गोवा में बहुत खुश हैं.
मुझे आशा है की मैं भारत जा सकूं. काश मेरी माँ मुझे जाने दे.
अगर मैं भारत जाता
अगर मैं भारत जाता तो मैं बहुत कुश होगा। भारत एक बहुत अच्छा देश है। अगर मैं भारत जाता तो फिर मैं अपना परिवार से मिलूँगा। मेरा परिवार अन्धेरी और मग्पुर में रहेता है। नाग्पुर में मेरी एक नानी थी। वह बहुत बदमिजाज थी। कभी कुश थी, या कभी नाराज़ थी। मुंबई में मेरे पितः की परिवार रहते है। मुंबई बहुत अच्छा शहर है। मुंबई में बहुत सरे फिल्म स्टार्स रहेते है। मुंबई में बहुत अच्छा खन्ना भी मिलता है। वहां बहुत अच्छा पानी पूरी और चिल्ली चिक्केन मिलती है। अगर मैं मुंबई में रहेता था तो हर दिन में पानी पूरी या चिल्ली चिच्किन खाता। मुंबई में मेरे ताऊ और ताई वहां रहेते है। उसके बेटे हमारे उम्र जैसे हैं। इस लिए उसके घर जाना बहुत मज़ेदार है। हम क्रिकेट खेलते है और बहुत पिक्चर देखते है। वे मेरे दोस्त जैसे हैं। उनकी वजह से मैं भारत जाना चाहता हूँ।
अगर मैं भारत जाता
अगर मैं भारत जाता, थो मैं पहले अपने पूरे परिवार से मिलता। पहले मैं मुंबई जाता और फिर मैं दिल्ली जाता। दिल्ली में मेरे बहुत सारे परिवार के सदस्य हैं और मुंबई मैं भी। मेरे परिवार से मिलने के बाद मैं भारत की यात्रा करता। भारत में अभी भी बहुत सारी जगाएं हैं जिनको मैंने देखा नहीं। साड़ी जगाओं के बारे में मैंने पढ़ा हैं और सुना है, लेकिन मैंने कभी देखा नहीं है। अगर मैं भारत जाता, मैं वह सारी जगाएं जाता जहाँ मैं पहले नहीं गया। मुंबई मैं और दिल्ली में बहुत सारी खरीदारी भी करता। मुंबई और दिल्ली को देखने के बाद मैं आगरा और गोवा जाता। दस साल पहले मैंने ताज महल देखा था। मैं फिरसे देखना चाहता हूँ। आगरा के बाद मैं गोवा जाता। आठ साल पहले मैं गोवा गया था। मैं गोवा को भी फिरसे देखना चाहता हूँ। गोवा में मैं कुछ दिनों के लिए आराम करता और गोवा की अच्छी अच्छी जगाएं देखने जाता। अगर मैं भारत जाता थो मैं यह साब चीज़ें करता। मैं वह सारी चीज़ें करता जो मैंने पिछली भारत की यात्राएं में नहीं किया। अगर मैं भारत जाता थो मैं भारत में बहुत मज़े करता और आराम भी करता।
अगर मैं भारत जाता
अगर मैं भारत जाता तो मैं बलकुल मुंबई जाऊ। मेरा परिवार यहा रहता हैं। मेरा नाना, काका-काकी, अौर मामा-मामी यहा राते हैं। इसलिए में मुंबई जाऊगा। मुंबई में बहुत कुछ करने के लिए हैं। में सबसे पहले जूहू बिछ जाऊगा कयोकि मुझे यहा बहूत पसंद हैं। जूहू बिछ देखने के बाद मैं मेरे मामा का घर मे रहूगा कयोकि यह मेरा मन पसंद मामा है अौर मेरी मामी का खाना मूझे बहूत अचछा लगता है। एक दो दिनौ के बाद, मैं मेरा पूरा परिवार मिलूगा। में मेरा चचेरा भाई के साथ हिंदी फिलम देखूगा अौर बाजार में कूछ चींजे खरीद लूंगा। मुंबई के बाद, में कलकत्ता जाऊगा कयोकि यहा मेरी दादी रहती है। कलकत्ता में, मैं अाराम करऊगा अौर अछचा खाना खाऊगा, बारबिकू में। यह मेरा पूरी दुनिया में मन पसंद रेस्तरांट है। मूझे भारत जाना पसंद है। मैं इस सर्दियों की छूटीयौ में भारत जाऊगा कयोकि मेरी चचेरा बहिन की शादि हें। मैं बहूत उत्तेजित हूँ।
अगर में भारत जाना
अगर में भारत जाना मै पहले डेल्ही जाकर मेरी नानी जी के सात रहना चायिए। असकी घर बहुत बरी है और लाजपत नगर में है। लाजपत नगर में एक बहुत बड़ा मार्केट है। जब मै छोटा था, मै इस मार्केट मै बहुत सरे खिलौने खरीदा था। मार्केट में बहुत सरे लोग और गायों है। भारत में गायों सड़क पर चलते है, गारी और लोगों के सात।
मेरा सब से पसंदी खाना लाजपत नगर मार्केट में है, इस काना मकई है। इस मकई एक आग के ऊपर बनजाती है। इस मार्केट में खाना बहुत अच्छा है।
भारत जाकर मै भी मेरे दोस्तों के साथ बहर जाऊँगा। मेरे दोस्तों बहुत मजा है और बहुत अच्छे लोग है।
डेल्ही के बाद मै पुनजब जाने के कोशिश करेंगा। मै अमृतसर और गोल्डेन टेम्पले जाना चाहते हूँ।
मेरा सब से पसंदी खाना लाजपत नगर मार्केट में है, इस काना मकई है। इस मकई एक आग के ऊपर बनजाती है। इस मार्केट में खाना बहुत अच्छा है।
भारत जाकर मै भी मेरे दोस्तों के साथ बहर जाऊँगा। मेरे दोस्तों बहुत मजा है और बहुत अच्छे लोग है।
डेल्ही के बाद मै पुनजब जाने के कोशिश करेंगा। मै अमृतसर और गोल्डेन टेम्पले जाना चाहते हूँ।
अगर मैं भारत जाता हूँ...
अगर मैं भारत जाता हो, तो मैं मच्छर स्प्रे खरीदूँ क्यों कि मच्छर हमेशा मुझे खिजाते हैं। भारत में पहुँचने के बाद, मैं बहुत पानी खरीदूँगा क्यों कि भारत बहुत गरम है। इस के बाद, मैं शायद, परिवार देखने के लिए, गाँव में जाऊँ। जरूरी है कि मैं परिवार को देखऊँ क्यों कि मैं सिर्फ तीन-चार बार भारत में गया। इस के बाद मैं ताज महल देखूँगा। ताज महल बहुत मशहूर है अौर उस की कहानी बहुत खास है। इस के बाद... शायद मैं लाल किला देखूँ। मेरी इच्छा है कि मैं तमिलनाडु में जाऊँ। मेरा अच्छा दोस्त तमिलनाडु से है अौर इस लिये मैं तमिलनाडु जाना चाहता हूँ। भारत में मैं हिंदुस्तानी कपडे खरीदने पडूँगा। मेरी माँ रोज कहती हैं कि मेरे पास बहुत हिंदुस्तानी कपदे नहीं है अौर वे चाहती है कि मैं हिंनदुस्तानी कपडे खरीदूँ। यधपि मेरी माँ चाहती हैं कि मैं हिंदुस्तानी कपडे पहनतूँ, मुझे हिंदुस्तानी कपडे नहीं पसंद हैं। इस के बाद मुझे नहीं मालूम, लेकिन हो सकता है कि मैं सब देश में जाऊँगा, देखने के लिये। क्यों कि जब मैं भारत गया, मैं सिर्फ गुजरात में गया, अौर मैं सब देश देखना चाहता हूँ। मैं भी एक क्रिकेट खेल में जाना चाहता हूँ क्यों कि मैं कभी नहीं खेल में गया।
अगर मै भारत जाती...
अगर मै भारत जाती, तो मै दिल्ली जरूर जाउंगी. मेरे नाना नानी दिल्ली में रहते हैं. जब मै जाती हूँ, मै उन के साथ ही रहती हूँ. दिल्ली बहुत मजेदार शहर है. वहां बहुत कुछ है करने के लिए. मेरी नानी माँ मुझे बाजार ले चलेगी. हम भारतीय कपरे की शोपिंग करंगे. उस के साथ बहुत अच्छे जूलरी भी मिलती है. हम इस को खोज करंगे. मुझे पठने का बहुत शोक है. जब भी मै भारत जाती हूँ, मै बहुत किताबे खरीदती हूँ. इस लिए के वह अमेरिका से ज्यादा सस्ती हैं. मेरे परिवार को यह भी पता है, और वह मेरे लिए अक्सर किताबे खरीदते है. वह मै पड़ने हूँ और मुझे पसंद है. भारत मै बहुत अच्छा खाना भी मिलता है. मेरी सबसे मनपसन्द जगह चांदनी चोंक में है. उस का नाम हल्दीराम है. वहां बहुत अच्छे खाना मिलता है और मिठाई भी. मुझे चांदनी चोंक और पुरानी दिल्ली पसंद है. दिल्ली में बहुत दिलजस्प चीज़े हैं देखने के लिए. शहर के नई जगहे है और पुराने जगह भी. मुझे और जगह भी पसंद है खाने के लिए. मेरे नाना नानी और मैं निरुलास जाते हैं. वह एक भोजनालय है. मेरे नाना नानी का घर ज.न.उ. के पास है. हम हर सुबह वहां जाहे हैं, चलने के लिए. अगर मै भारत जाही, तो मै यह सुब करूंगी.
अगर मैं भारत जाता
अगर मैं भारत जाता तो मैं शायद पहले मुंबई उतरता और वहाँ से वड़ोदरा जाता। वड़ोदरा में मेरे दादा-दादी रहते है। इसलिए वहाँ जाकर में सबसे पहले उन्कों मिलने जाता। उसके बाद मैं मेरे दूसरे रिश्तेदारों से मिलने जाता। मैं वड़ोदरा में अल्कापूरी खरीदारी के लिए जाता। वहाँ मेरी माँ साड़ियाँ खरीदती और मैं शेरवानी खरीदता। वड़ोदरा के बाद मैं दाहोड़ मेरे नाना-नानी और मौसी को मिलने के लिए जाता। संभव है कि मुझे दाहोड़ अच्छा न लगे क्योंकि वह एके छोटा सा गाँव है और बहुत गन्दा है। हो सकता है कि मुझे वड़ोदरा ज्यादा अच्छा लगे क्योंकि वहाँ बड़े-बड़े माल और सिनेमा-घर हैं। मुमकिन है कि मैं मेरे नाना-नानी के साथ बाद में सिंगापुर जाऊँ क्योंकि वे सिंगापुर में भी कभी-कभी रहते हैं। मैं भारत जाता तो में बीमार न होने के लिए सिर्फ उबला हुआ पानी पिता। अगर में भारत जाता तो मैं सिर्फ दो हफ्तें के लिए जाता और जरुर सिंगापुर से होकर जाने के लिए सोचता। सिंगापुर मुंबई से (हवाई जाहज में) सिर्फ पाँच घंटे दूर है। अमरीका वापस आने से पहले में भारत और सिंगापुर से बहुत बड़ी-बड़ी और सुन्दर मूर्तियाँ खरीदता क्योंकि मुझे मूर्तियाँ बहुत पसंद हैं। हिंदुस्तान से लौटकर मैं सबसे पहले "टाको बेल" जाता!
Subscribe to:
Posts (Atom)