Sunday 23 January 2011

विधि के बचपन कि स्मर्तिया

मेरे बचपन के स्मर्तिया बहुत है. मेरा परिवार चोट्टा है हम एक दुसरे के सात काफी वक़्त गुज़रते है. इस लिए, जब मै अपने बचपन कि स्मर्तिया के बारे मै सोचती हूँ, मुझे बहुत चीज़े याद आती है. मगर एक स्मर्तिया मेरे लिए बहुत ख़ास है. जब मै चौदा साल कि थी, मै, मेरे पापा, मेरी मम्मी और मेरा छोटा भाई सब एक सात भारत गए. जब से मै छोटी थी, तबसे भारत सिर्फ मै, अपनी मम्मी अरे मेरा भाई अक्षय सात मै जाते थे. लेकिन इस बारी मेरे पापा ने भी सोचा कि उनको भी आना चाहिए. हम सब भारत मै दो महीने के लिए सात थे. मेरे नाना और नानी दिल्ली मै रहते थे तो हम दिल्ली गए थे. दिन बर मै और मम्मी शौपिंग करने जाते थे, और शाम मै हम सब एक सात खाना खाते थे. मेरी नानी दुनिया कि सबसे अच्छी रसोइया है. उनको अच्छा नहीं लगता था जब मै बहुत कम खाती थी तो वे हमेशा मुझको ज्यादा खाना खिलाती थी. 


जब हम सब भारत गए थे, हम बहुत चीज़े देखने गए थे. जब मै बहुत चोथी थी मेरे पापा मुझे ताज महल देखने ले गए थे तो मुझे यह शानदार इमारत ज्यादा याद नहीं थी. इस बारी मुझे ज्यादा मज़ा आया क्यों कि मै अपनी पूरी परिवार के सात थी. हमने अपना फोटो ताज महल के सामने खिंची थी और वह फोटो अभी भी हमारे फॅमिली रूम मै है. उस दिन हमने भी बहुत मज़ा किया था. यह दिन मै कभी नहीं भूलूंगी. 


मेरे बचपन के स्मर्तिया बहुत है, लेकिन यह छुट्टी मै बहुत ख़ुशी के सात देखती हूँ. 


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