Sunday, 23 January 2011

मेरे बचपन की स्मृतियाँ

मुझे अपने बचपन की बहुत सारी चीज़े याद है. मेरा बड़ा भाई अंकुर मुझसे दो साल बड़ा है. मेरी प्रिय नानी पुष्पाबेंन इंडिया से आयी थी, जब मै जन्मा था. मै मेरा भाई अंकुर और मेरी नानी हम तीनो साथ में बहुत समय बिताते थे. मेरी नानी को इंगलिश नही आती थी. इसीलिए जब मै और मेरा भाई स्कूल से आते थे तब हम दोनों "परदेसी परदेसी" हिंदी गाना गाते थे, और नानी दरवाज़ा खोलती थी. हिन्दी गाना गाने का आईडिया हमारा था, जिससे नानी सिर्फ हमारे लिए ही दरवाज़ा खोले. मै जब छोटे था, अपनी माँ से बहुत दूर नही जाता था. मैने अपनी नानी से गुजराती भाषा सीखी क्योकि उसको सिर्फ यही भाषा आती थी आज ,मुझे बहुत खुशी होती है कि मुझे हिन्दी, गुजराती और इंगलिश भाषा आती है. मेरे परिवार को ट्रेवल करना बहुत अच्छा लगता है. मेरे बचपन से लेकर आज तक हमने माता पिता के साथ बहुत घुमा है. मै जब चौथी कक्षा में था, तब में दो क्रूस में गया था, हम सबको वहा बहुत मज़ा आया था. मेरी माता को छोटी छोटी दुकानों से क्राफट और आर्ट वाली चीज़े खरीदने का बहुत शोक है, और मेरे पिताजी को पैदल चलने और नारियल पानी पिने का शोक है. और मुझे और मेरे भाई को दरिया के किनारे चलने का और नहाने का और नए लोगो से मिलने का शोक है. मेरा एक चचेरा भाई है पारस, मै, मेरा भाई अंकुर हम सब साथ साथ बड़े हुए और घुमे है. बचपन में जब सबके परिवार एक साथ होते और कोई भी गडबड होती तो सबसे पहले लोग हम तीनो कि तरफ देखते, कि ये तीनो है कहा, हम सब मिलकर आज भी बहुत मजे करते है, और हमेशा करना चाहते है.

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