मेरा बचपन बहुत मज़ा था। मैंने बहुत कुछ किया और कोई स्ट्रेस नहीं था। अब मैं बड़ी हूँ और बहुत सारे काम है और सोने के वक़्त नहीं है।
मेरी सब से पहले स्मुतिया है की जब मैं सिर्फ दो साल थी। मेरे माँ/बाप और मैं एक छोटा सा अपार्टमेन्ट रहते थे। मैं माँ को मदद करना चाहती थी। इस लिए मैं चोरी चोरी से, एक "स्टेप स्टूल" के साथ, गंधे पात्रे को साफ़ की लेकिन मैं छोटी थी और इस लिए सब कुछ साफ़ नहीं थी। माँ ने कहेते है की मैं बहुत मदद की और वोह बहुत कुशी थी।
मेरी सब सी अच्छी स्मुतिया है की जब मैं मेरे ख़ास सहेलिय, आरती, के साथ हूँ। जब हम छोटे थे, हम बहुत शेतानी थे और बहुत कुछ किया जब कोई न देखा। जब आरती मेरे घर आया या मैं उस का घर गया, हम रात में, चोरी चोरी से खाना पकाया। बहुत कुछ खाना बनाया। देसी, अमेरिकेन, चिनीस, सब कुछ बनाया। इस के बाद, हम मेज़ पर खाना लगाया और रसोई साफ़ की। जब सब कतम हुआ, वक़्त सिर्फ आट या नव बजे थे। घर वाले जब तक सोते थे। खाना पकाया के बाद, हम कुछ न कुछ बालीवुड की फिल्म टीवी पर देखा।
एक और समय, हम एक प्रहसन लिखी थी। मेरा छोटा भाई, आदर्ष, और आरती की छोटी बेहें दीप्ति दोनों इस प्रहसन में थे। हम परिवार के लिए प्रेफोर्म करते थे।
जब मैं छोटी थी मैं बहुत कुछ मज़ा की। उन स्मुतियाँ बहुत ख़ास थे और बहुत मज़ा भी थे। अब ज़िन्दगी बहुत मुश्किल है और बहुत सारे काम करना चाहिए। इस लिए मैं कभी कभी बचपन के बारे में सोचती हूँ।
Monday, 24 January 2011
मेरे बचपन की स्मुतियाँ
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