Monday 24 January 2011

मेरे बचपन में...

अपने बचपन में मैं फार्म पर रहती थी। सब लोग अपने परिवार में किसान थे और अब कुछ लोग अपने परिवार में किसान हैं। मेरी माँ के परिवार विस्कान्सिन में रहता है और मेरे पापा के परिवार मेरीलैंड में रहता है। अपने बचपन में मैं मेरीलैंड में रहती थी लेकिन कभी कभी मैं विस्कान्सिन रहने के लिए जाती थी। वहां मेरे पांच मामाओं के पास अपने-अपने देरी फार्म थे। जब मैं उन के साथ मैं हर दिन कोई अस्सी गाय दुहती थी। दिन की सबसे अच्छी चीज़ थी कि मैंने कच्चा दूध पीया। मेरे पापा के फार्म पर मैं भी रोज़ गाय दुहती थी, लेकिन अस्सी नहीं, वहां सिर्फ एक-दो देरी गाय थे और मैं गायों को हाथ से दुहती थी। मेरे मनपसंद गाय का नाम पैट्टी था। फार्म पर एक बकरी थी। उस का नाम रोसी था। एक बार रोसी मेरे पीछे लग गयी और बस पर चढ़ गयी। उस समय मैं बहुत शर्मिंदा हुई। फार्म पर एक घोड़ा था। उस का नाम "रोयल किंग" था और मैं कभी कभी उस पर चढ़कर खेत से होकर गुजरती थी। मेरीलैंड में अपने फार्म पर एक बड़ा सब्जी का बगीचा था। उस में हम टमाटर, साग, प्याज, आलू, शिमला मिर्च, बंद गोभी, मटर, तरबूज, खरबूज, लौकी, कद्दू, और बोरो पैदा करते थे। हमारे पास एक बाग़ भी था। ये हमारे घर के नज़दीक था और इस में सेव के पेड़ और चेर्री के पेड़ थे। हम को सेव बहुत कम मिलता था क्योंकि रोसी (मेरी बकरी) हमेशा सेव के पत्ते और सेव के फूल खा जाती थी।

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