Wednesday, 26 January 2011
Tuesday, 25 January 2011
मेरे बचपन में
मेरे बचपन में, मैं हमेशा अपने बाड़े भाई और छोटी बेहेनें के साथ खेल रही थी । हम समय की सबसे बाहर खेला । हम ने गुड़िया के साथ बहुत खेला । मुझे और मेरे परिवार एक छोटे शहर में रहते थे । हम अपने दरवाजे बंद नहीं किया था । मुझे याद है कि हम एक नदी पर रहते थे । हम अक्सर मछली पकड़ने की कोशिश की । लेकिन हम कभी कुछ नहीं पकडे । यह भी, हम ने जवान बच्चों के लिए एक किला बनाया! हम सरकारी बैठकों वहाँ था । यह भी, जब मैं तीन साल था, मैं ने नाच शुरू किया । मैं नाची जब तक मैं बीस साल थी । अभी भी मुझे यह पसंद है, लेकिन अब मुझे योग पसंद है । जब मैं छोटा था, मुझे सब कुछ डर लगता था । अगर मैं एक कुत्ते के बाहर देखा, मैं रोना शुरू हुई । मुझे भी अपने पिता डर लगता है ! मुझे भी किताबें बहुत पसंद है ! अगर लोग अपना घर आये, तो मैं उससे मुझे पढ्ने पूछे ! मैं अपने बड़े भाई पहले पढ़ा सीखा ।अब वह बहुत होशियार है लेकिन जब वह जवान, वह पदना नहीं चाहता था । हम स्कूल में एक ही कक्षा में थे । लोगों को लगा कि हम जुड़वाँ थे ! अभी वह पहाड़ों में कोलोराडो में रहता है और गर्मियों में, वह अलास्का में काम करता है ! वह हर समय यात्रा है । जब हम जवान हैं, हम बहुत यात्राओं लिए । मेरी माँ मिशनरी थी और हम एल सल्वाडोर, मेक्सिको, पित्त्स्बुर्ग, जमैका, और दुसरे शहर लोगों कि मदद की ।
Monday, 24 January 2011
मेरे बचपन में...
मेरे बचपन की स्मृतियाँ
एक दिन हर सप्ताह में, मैं परिवार और मैं ने रेस्टोरेंट गया। कभी-कभी हमने एक चीनी रेस्टोरेंट गया। कभी-कभी हमने एक भारतीय रेस्टोरेंट गया। मैने दोनों से प्यार किया। हमेशा मेरा भाई ने एक ही खाना खाया। डिनर के बाद मैं और मेरा भाई हमेशा कैंडी खरीदा। हमने कैंडी प्यार किया।
मेरे स्कुल भी बहुत अचा था। स्कुल का नाम "बच्चों का चक्र" था। मेरी सबसे अच्छी सहेली ने वहां भी पढ़ाया। उसका नाम इयकी थी। फुरसत में हमने बाहर में खेला। हमने एक साथ खाया। स्कुल के बाद, मैंने उसका घार गया। उसका घर खेत पर था। वहां हम ने घोड़ा के साथ खेला और हम खाना बनाया। वह कोई भाई या बहन नहीं है। मैं उसकी बहन की तरह थी। इयकी अभी मेरी सबसे अच्छी सहेली है।
बचपन तीन बहनों के साथ
मैं अपनी बहनों के साथ गर्मियों में रोज़ बाहर खेलती थीं| हमें पेड़ों पर चढ़ते थे और खेलने-कूदने में बहुत अच्छा लगता था| हम परोसियों के बच्चों के साथ दूर-दूर तक साईकल चलाते थे| हमारे घर का तहखाना हमारे बचपन का दूसरा महत्त्वपूर्ण स्तन था| तहखाने में बम कभी विद्यालय खेलती थीं कभी शहर बनाकर खेलती थीं| एक लड़की अध्यापक होती थी और दूसरी लड़कियां छात्र होती थीं| एक बच्ची डाक घर लगाती थी, एक चने की दुकान लगाती थी, एक रेस्तौरांत लगाता था और एक डॉक्टर बनती थी| मैं अपने बचपन में बहुत कुश थी| रोज़ मैं खेलती थी, सीखती थी, और मुझे आनंद आता था|
Bachpan
मेरे बचपन में मैं बहुत शरारती थी. मैं अपनी माँ और दादी को बहुत सताती थी. कभी कभी मैं घर से घूम जाती थी और माँ और दादी को मुझे दुंदन पर्द्था. वे मुझसे बहुत नाराज़ होते जब मैं इससे करती थी. बहुत मज़ा आता था. दादी हमारा देखबाल करती थी क्यों कि मम्मी पापा दोनों काम से ढेर से आते थे. मैं और गौरांग पदो पर चर्दते थे. कभी कभी हम मचारो के साथ भी खेलते थे. एक लार्द्की थी जो हमारे पड़ोस में रहेती थी. हम उससे बहुत खेलते थे. मेरे बचपन में हम केंतुच्क्य में रहेते थे. केंतुच्क्य एक बहुत सुन्दर जगा हैं और वहा कि मासूम बहुत खूब भी थे. एक बार मुझे याद है कि हम एक बोवलिंग अल्ले पर जा रहे थे मेरी जनम दिन मानाने के लिए. वहा मेरी सारी सहेलियां और दोस्त आयें. उस दिन बहुत मज़ेदर था. केंतुच्क्य के बाद हम मिचिगन आये और यहाँ हम १२ सालों से रहे रे हैं. मिचिगन में मैं इतनी शरथी नहीं थी और एक लार्द्की मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन गयी. उसका नाम था वनेस्सा. वनेस्सा और मैं पांच साल के लिए बहुत जिगरी दोस्त थे. हम सब कुछ साथ साथ करते थे. कभी कभी वोह मेरे घर आती थी और हम बातें करते थे और कभी कभी में वहा उसके घर पर जाती थी. मगर वनेस्सा कि परिवार मिचिगन से मोवे हो गया २००२ में तोह हम मिल नहीं पाए और हमारी दोस्ती और नहीं बर्ड सखी.
बचपन की स्मृतियाँ
पाया| इस बात का कारण था की डानीयल मैं ने मन में बनाई थी| डानीयल मेरी इमागिनेरी सहेली थी| मैं डानीयल को बहुत प्यार करती थी और वह मेरे साथ हर जगह आती थी| हमारे घर में खाने की मेज़ पर उसकी एक सीट थी| मेरी माँ डानीयल का मन पसंद खाना पकती थी और कुछ दिन माँ उस के लिए लंच का डिब्बा भी तैयार करती थी| जब मैं छोटी थी मुझे मालूम भी नहीं था की मेरी माँ मुझे कितना प्यार करती होगी की वह यह सब एक इमागिनेरी सहेली के किये करें| बचपन में मैं बहुत सुखी थी की मेरी माँ इतनी समझदार और कृपालू थी!
मेरे बचपन की स्मृतियाँ
मेरे बचपन की स्मुतियाँ
मेरा बचपन बहुत मज़ा था। मैंने बहुत कुछ किया और कोई स्ट्रेस नहीं था। अब मैं बड़ी हूँ और बहुत सारे काम है और सोने के वक़्त नहीं है।
मेरी सब से पहले स्मुतिया है की जब मैं सिर्फ दो साल थी। मेरे माँ/बाप और मैं एक छोटा सा अपार्टमेन्ट रहते थे। मैं माँ को मदद करना चाहती थी। इस लिए मैं चोरी चोरी से, एक "स्टेप स्टूल" के साथ, गंधे पात्रे को साफ़ की लेकिन मैं छोटी थी और इस लिए सब कुछ साफ़ नहीं थी। माँ ने कहेते है की मैं बहुत मदद की और वोह बहुत कुशी थी।
मेरी सब सी अच्छी स्मुतिया है की जब मैं मेरे ख़ास सहेलिय, आरती, के साथ हूँ। जब हम छोटे थे, हम बहुत शेतानी थे और बहुत कुछ किया जब कोई न देखा। जब आरती मेरे घर आया या मैं उस का घर गया, हम रात में, चोरी चोरी से खाना पकाया। बहुत कुछ खाना बनाया। देसी, अमेरिकेन, चिनीस, सब कुछ बनाया। इस के बाद, हम मेज़ पर खाना लगाया और रसोई साफ़ की। जब सब कतम हुआ, वक़्त सिर्फ आट या नव बजे थे। घर वाले जब तक सोते थे। खाना पकाया के बाद, हम कुछ न कुछ बालीवुड की फिल्म टीवी पर देखा।
एक और समय, हम एक प्रहसन लिखी थी। मेरा छोटा भाई, आदर्ष, और आरती की छोटी बेहें दीप्ति दोनों इस प्रहसन में थे। हम परिवार के लिए प्रेफोर्म करते थे।
जब मैं छोटी थी मैं बहुत कुछ मज़ा की। उन स्मुतियाँ बहुत ख़ास थे और बहुत मज़ा भी थे। अब ज़िन्दगी बहुत मुश्किल है और बहुत सारे काम करना चाहिए। इस लिए मैं कभी कभी बचपन के बारे में सोचती हूँ।