Sunday 24 January 2010

मेरे बचपन की स्मृतियाँ

मैंने अपने परिवार के सात बहुत वक्ता गुज़ारा। बचपन में हम सुब बहुत खेलते थे। में भारेण में रहता था। वह बहुत सांड थी और बहुत गर्मी भी थी। मुझे खिलोने से खेलना बहुत पसुन्द था। मुझे बोल के सात खेलना बहुत पसुन्द था। में और मेरे दोस्त रोज़ बाहर बिसिकल चलते थे। हर दो या तीन साल में भारत जाता था और मेरे दुसरे परिवार से मिलता था। मुझे रोज भारतीय खाना मिलता था और में दभेली, पाव भाजी, और गन्ने का रूस पीता और खता था। में और मेरे चचेरे भाइयो और भेहेनो बाहर बहुत खेलते थे। वह मुझे बास्केटबाल खिलते थे। ओसकी वझे से मुझे बास्केटबाल अच्छे से खेलना आता है। हम बहुत सरे बच्चे के सात खेलथे थे। एके पंजाबी लड़का बहुत अच्छे से खेलता था। उसने मुझे बहुत खेलने के बारे में सिखाया। हम दोनों दोस्त बुन जाये।
में भारेण में इंग्लिश मीडियम स्कूल में पडता था। मेरे पास पाच अच्छे दोस्त थे। हम रोज क्रिकेट खेते थे। मुझे बातिंग बहुत पसुन्द थी और मेरे दोस्त को बोवलिंग पसुन्द थी। हम सुब बहुत नहीं लडते थे। में और मेरे भाई थोडा बहुत लडते थे। लकिन अब हम नहीं लडते है। जब में बार साल का था हम सुब फ्लोरिडा गए। मेंने मिकी और मीन्ने और दफ्फ्य को देखा। वह मेरा पहेली बार था डिस्नी में। में जी भर के खेला और मस्ती मरी। मुझे घर वापिस नहीं जाना था। मुझे रोज़ राएड्स में जाना था और शोस देकने थे। लकिन एके हफ्ते बाद मुझे वापिस मिचिगन जाना पढ़ा और स्कूल चालू हुई।

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