बचपन में, मैं इंग्लैंड में रहती थी। उधर मैं एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी। उधर हम उनिफ़ोर्म पहनते थे। बहुत सारे उनिफ़ोर्म थे। ठंडी के लिए, गर्मी के लिए, तैरना के लिए, और बाहर खेलने के लिए अलग-अलग उनिफ़ोर्म पहनते थे। इंग्लैंड की स्कूल और अम्रीका की स्कूल में बहुत फर्क है। उधर, बहुत लोग पब्लिक स्कूल में नहीं पढ़ते हैं। इधर, ज्यादा लोग पब्लिक स्कुल में पढ़ते हैं क्योंकि सिस्टम अच्छा है। इधर, झीधर भी जाओ, हर स्कूल में अच्छे शिक्षक होते हैं। उधर ऐसे तो नहीं है। इस लिए, मेरा स्कूल घर से बहुत दूर था। हर सुबह, मेरा पिता मुझको स्कूल तक चोर देते थे और तब दफ्तर पर जाते थे। शाम को, जब माता मुझको स्कूल से उतारते थे, वह हमेशा मेरे लिए कुछ चोकोलेट की कुछ लाते थे।
जब मैं छोटी थी, मैं हमेशा अपने सहेलियां के साथ बहार खेलती थीं। हम साइकिल में घूमते थे और बगीचा में खेलते थे। छोटे छोटे चीजें में मज़ा आते थे। हम कभी कभी अपना माता-पिता के साथ शहर में घूमते थे। हर सप्ताहांत, हम शहर में अच्छे जगे में खाते थे। कभी हम हिन्दुस्तानी खाना खाते थे और कभी हम ब्रिटिश खाना खाते थे। इंग्लैंड में बहुत अच्छे खाने के जगे हैं।
बचपन में छोटे चीज़ करने में मज़ा आता था। अभी भी, जब भी मैं इंग्लैंड जाती, मैं यह ही चीज़ करती हूँ क्योंकि ये सब करने में, अपना बचपन का याद आता है।
Sunday 24 January 2010
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