मेरी माँ ने बहुत बढ़िया खाना पकाया. मैने कुछ सर्दी की कपडे ख़रीदे.
२४ दिसम्बर को, मै, अपने पिता, और अपनी बहन के साथ भारत गए. हम घर से सवेरे चले. २५ दिसम्बर को, क्रिसमस के दिन, हम भारत में पहुचे.
मेरे चाचा हवाई अड्डा में हम से मिले. हम सब मेरे पिता के भाई का घर ग्रेअटर कलश में गए. हम मेरे चाचा के साथ दिल्ली में कुछ रेस्तौरंट्स और
दुकानो में गए. उसके बाद, मै, मेरे पिता, मेरी बहन, मेरी चची, और मेरी चची की एक सहली के साथ जयपुर देखने गए. हम सब एक गाड़ी में गए.
वहा, हमने हवा महल, नहार्घ फोर्ट, और कुछ सुन्दर मंदिर देखे. जयपुर मै हमने बहुत शौपिंग भी की: मैने चुडिया, कपडे, और मिठाई खरीदी. तीन दि
न की जयपुर की यत्र के बाद, हम दिल्ली वापस आये. हमने लाजपत नगर और ग्रेअटर कलश के बाज़ार में शौपिंग की. बहुत रेस्तौरांत मै खाना
खाया. हम सब मेरे पिता के परिवार से मिले. हमने महात्मा गाँधी का कब्र भी देखा.
२ जनवरी को हम भारत से रावण हुए, लेकिन दिल्ली में बहुत घुन्घ हुआ. २५० हवाई जहाज़ के फ़्लैट मंसूख किये! एयर इंडिया ने हम को अशोक
होटल लिये; होटल बहुत सुन्दर था लेकिन हमको घर जाना चाते थे. तीन दिन के बाद, हम घर पहुचे. लेकिन, हमारा सामान देर से पहुंचा! मेरा
अवकाश अच्छा था, और मुझे खुश हुई की मैने हिंदी बोलना अभ्यास किया!
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