Wednesday 13 January 2010

सर्दियों की छुट्टियाँ और मैं

मैं सर्दियों की छुतियों में हिन्दुस्तान गयी थी. सोला घंटों के सफ़र के बाद में दिल्ली पहुँची. दिल्ली पहुंचकर देखा कि मेरा सामान बदकिस्मत से नहीं पहुंचा! मैं बहुत गुस्सा हुई और मैंने बिना वक़्त ज़ाया किये हुए एक कोम्प्लैंत लिखवाई. तीन दिन बाद मेरा सामान अंतत: पहुंचा और मैं बहुत खुश हुई.
दिल्ली में मेरा पूरा विस्तार परिवार छुतियों के लिए आया था. मैंने उनके साथ बहुत वक़्त बिताया. अपने भाई-बहनों के साथ में हिंदी फिल्में देखने जाया करती थी. मेरी सबसे मनपसंद फिल्म थी "तीन इदियाट्स". वह एक बहुत ही मज़ाकिया फिल्म थी और अभिनेता आमिर खान ने मुझे बहुत हसाया!
हम लोग रात भर जगे रहते थे और हमने खूब बातें भी की. मैं अपने पूरे परिवार के साथ नैनीताल के "जिम कॉर्बेट" राष्ट्रीय पार्क भी गयी थी. वहां हमने एक पशु सफारी की और अनेक जानवर देखें जैसे की हाथी, हिरण, बाघ, सूअर और पक्षीवगैरह. रात को होटल के लोग जगह जगह अलाव लगा देते थे और हम सब अलाव के चारों ओर बैठ कर गाने गाते थे और एक दुसरे को कहानियां सुनते थे. मुझे बहुत अच्छा लगा अपने परिवार के साथ वक़्त बिताकर.
फिर हम कुवैत वापस चले आये. घर आके एक सुकून मिला! मैंने घर पर बहुत आराम किया और माताजी के हाथ का खाना भी खाया. मैं अपने स्कूल के दोस्तों से भी मिली और उनके साथ समय बिताया. हम लोगों ने कपड़ों की खरीदारी की और मैंने नए साल की पार्टी के लिए एक बहुत सुन्दर ड्रेस ख़रीदा. मेरी बहन के परीक्षाएं चल रहीं थीं तोह मैंने उसको पढाया.
सब मिलाकर यह एक बहुत ही रोचक छुट्टी थी!

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