मैं अपना बचपन बहुत प्यार से याद करता हूँ. मेरा परिवार में मैं बड़ा हूँ. सिर्फ चिराग मुझसे बड़ा है. वह तीन महीने से मेरा बड़ा है. लेकिन, वह मेरा भाई नहीं है, चिराग मेरा मामा है. मेरी मां और चिराग चचेरा भाई बहन हैं. थोडा साल के बाद, मेरी पीडी पुरु हो गयी. हम ८ बच्चे थे. मैं, मेरा छोटा भाई विजय, चिराग, अपनी छोटी बहन सपना, मयूर, अपनी छोटी बहन आरती, अखिल, और अपनी छोटी बहन कृष्ण. हम ८ कुछ करते थे. हर हफ्ते, हम किसी का घर जाते थे. बहुत मज़ा आये थे. हम खेलते थे, खाने थे, टीवी देखते थे, और मस्ती करते थे. हम बहुत मस्ती करते थे. एक दिन, चिराग का पुराना घर में हम एक नृत्य की पार्टी रखा था. हम दलेर मेहँदी का गीतों पर नाचते थे, और स्त्रोबे लिघ्ट्स रखा था.
लेकिन, सब कुछ एक दिन रोकेंगे. कृष्ण ने बहुत ख़राब अल्लेर्गिएस था, और वह कुछ वर्षो के लिए भारत गए, अपनी मामा के साथ रहेना. और अखिल और अपना माता पिता फिलाडेल्फिया गए थे. चिराग और सपना और अपने परिवार वार्रें से ट्रॉय में रहने गए. मैं और विजय और हमारा माता पिता फर्मिन्ग्तों से वेस्ट ब्लूम्फ़िएल्द रहने गए. और सुब का माता पिता बहुत व्यस्त बन गए थे. हर हफ्ते हर महीने बन गया, और अखिल हर गर्मी में मेरा घर में रहना आता था. लेकिन, हमारा पीडी में बहुत प्यार और दोस्ती है, और हर गर्मी हम पिकनिक में गए थे, और मेरा घर के पीछे सोकर खेलते थे.
आज, हमारा परिवार फिर एक साथ है. मैं, चिराग, अखिल, मयूर, विजय, और सपना इस उनिवेर्सित्य में जह रहे हैं. हम हर गुरूवार मोजो में खा रहे हैं.
Sunday 24 January 2010
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