Sunday 24 January 2010

मेरा बचपन

मेरा बचपन बहुत अच्छा था. मै अपने परिवार में सबसे बड़ी बच्ची हूँ. मेरी एक छोटी बहन, औद्री, और एक छोटा भाई, हर्ष है. औद्री का अपनाम "औद-बाल" है, और हर्ष का अपनाम "चीक्स" है.

हम एक छोटे नगर, स्प्रिंग-फील्ड, ओहायो, में रहते थे. बचपन में मै अपनी बहन के साथ बहुत खेलती थी. हमको "बार्बी" गुडिये पसंद थी. हम कभी-कभी एक खेल, "घर," खेलते थे. हम छल करते थे कि मेरी बहन "माँ" हुई, मेरा भाई "बेटा" हुआ, और मै "बेटी" हुई. हमको पढ़ना भी अच्छा लगता था. मेरी पसंदीदी किताब "हरी पोटर" थी.

कभी-कभी, हमारी आया हमारा देखभाल करती थी. उसका नाम आलिसुं था. मेरा भाई और मै उसके कुते को सवारी करते थे, क्योकि यह बहुत बड़ा था. एक बार, आलिसुं ने मेरी बहन और मुझसे स्पगेटी बनवाया. स्पगेटी जल गयी, और आलिसुं नाराज़ हो गयी. अल्लिसुं के घर में, हमने फिल्मे देखी, और उसके कमरे में हमने बहुत संगीत भी सुना. एक बार दिसम्बर में, अल्लिसुं और मेरा परिवार "नुत-कराकर" नाटक देखने गए. कुछ साल बाद, आलिसुं विश्वविद्यालय गई, और हम उससे मिलने गए.

मेरी बहन, मेरे भाई, और मुझको "डिस्नी" बहुत पसंद था. बचपन में, हमने बहुत डिस्नी फिल्मे देखी -- मेरी पसंदीदा फिल्म "छोटी मत्स्यकन्या" हुई. मै और मेरा परिवार चार बार "डिस्नी वर्ल्ड" फ्लारिदा में गए. मेरी बहन और मुझको "डिस्नी राजकुमारियों" से मिलना बहुत अच्छा लगता था. डिस्नी में, हमने बहुत रेस्टोरेंट में खाना खाया.

बचपन में, मै बहुत खेलती थी. मुझको फुटबाल पसंद था, लेकिन मेरा पसंदीदा खेल तैरना था. मै "वाई. एम्. सी. अय." में तैरने की क्लास जाती थी. मै अपने तरणताल पिचावाड़े में भी तैरती थी. मुझे टेनिस भी पसंद था, लेकिन मेरे टेनिस के कौशल बहुत खराब थे.

हर रविवार को, हम अपनी माँ के साथ चर्च जाते थे, और तब हम अपने पिता के साथ मंदिर भी जाते थे (मेरी माँ मसीहा हैं और मेरे पिता हिन्दू हैं). हिन्दू स्कूल में, हमने बहुत श्लोक और कुछ गाने (जैसे "हनुमान चालीसा" और "शीवा शीवा शीवा शम्बो") सिखे. एक साल, हमने "रामायण" नाटक किया. एक साल, मै सीता हुई.

मुझे अपने जन्मदिन की पार्टिया याद है. एक साल, मेरी जन्मदिन की पार्टी "बार्बी गुडियों" के बारे में थी. मेरी माँ ने मुझको एक "बार्बी" केक पकाई! मै और अपने दोस्त गुडियों के साथ खेले, और हमने पिज्जा खाया. एक साल, मेरी जन्मदिन की पार्टी एक गेंदबाजी के स्थान में हुई.

मेरा पसंदीदा शौक रेखाचित्र था. एक बार, मैने दो बड़ी तस्वीरे बनायी और मैने अपनी नानी और दादी को दी.

मुझको अपनी नानी और दादी से मिलना भी पसंद है. मेरी नानी सिंसिन्नाती में रहती हैं. वे हमको बहुत कहानिया सुनाती थी. कभी-कभी वे हमको कूकीस बनाती थी. मेरी दादी मेरे चाचा के साथ कोलुम्बुस में रहती हैं. उन्होंने मुझे जोड़ना सिखाया, और कुछ हिंदी सिखायी. वे हमको चपाती और दाल पकाती थी. समस्त रूप से, मेरा बचपन बहुत खुश था.

No comments:

Post a Comment