मुझे यह त्यौहार बहुत अच्छा लगता है और मेरे घर पे हम सब इससे बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं. सुभे उठकर पहले हम लक्ष्मीजी की पूजा करते हैं और फिर नए कपड़ों में तय्यार हो जाते हैं. बच्चपन से पापा मुझे और मेरी बहन को पठाके खरीदने लेजाया करते थे. हम दोनों को अलग अलग उत्तेजक पठाके चुनने में बहुत मज़ा आता था और हम अपने सारे दोस्तों को वे पठाके ख़ुशी से दिखाते!
मैं हर साल अपने घर के दरवाज़े के बहार रंग बिरंगी रंगोली भी बनाती और उससे मोमबत्तियों से सजाती.
फिर शाम को हम सब अपने दोस्तों के साथ पठाके जलाते. आकाश उस रात कितना खूबसूरत और रंगीन दीखता है!
उसके बाद सब दोस्त किसी के घर जमा हो जाते थे और स्वादिष्ट खाना और मिठाइयों का मज़ा लेते! दिवाली सच में एक बहुत ही मजेदार और सुन्दर त्यौहार है.
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