Saturday 10 April 2010

मेरी पसंदीदा निशानी

मुझे जलियांवाला बाघ की निशानी पसंद है। पिछले साल, जब मैं और मेरा परिवार पंजाब गए, हम अमर्तिसर गए। जलियांवाला बाघ अम्रिस्तर में है, हरमंदिर साहिब के पास है। आज जलियांवाला बाघ एक खूबसूरत का जगह है कयोंकी वहां बहुत साफ़ है, बहुत फूल और पेड़ हैं। १९१९१ में, यह बाघ में एक भीषण घटना हो गयी। एक दिन, बैसाखी का दिन पर, दस हजार लोग बाघ को आया। एक प्रतिवाद शांत का , आजादी के बारे में, हो रहा था। ब्रिटिश गेनेराल द्येर को यह नहीं पसंद था, और वह और उसके फौजी बाघ को आया। जलियांवाला बाघ में सिर्फ एक साह, आना और जाना के लिए, है। गेनेराल द्येर ने फाटक बंद किया ताकि लोग जा नहीं सकते। उसके बाद, १५० फौजी लोगों को गोली मारा। यह बहुत उदास कांड था। आधिक अबोध आदमी, औरतें, और बच्चे मर गए। वहां एक कुआ हैं उसमे कुछ लोग बादे।
आज वहां एक अच्छी और सूंदर निशानी हैं। अगर आप वहां जाएँ, तो गोलियां का अंक और कुआ देख सकते हैं। जब मैं बाघ में था, मैं केवल बेटा। मैं ने सोचा कि यह घटना डरावना पड़ती थी। यह निशानी बहुत जरुरी हैं कयोंकी दिकाती हैं कितने बुरे लोग, गेनेराल द्येर के जैसा, हो सकते हैं।

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