हिन्दुस्तानी शादियों मे बहुत अलग अलग रिवाजे है। मेरा मनपसंद रिवाज है दुल्हा की बरात। हमारे परिवार मे ज्यादा लड़के है इस लिए मैने काफी बारातो मे हिस्सा ले चूका हू।
अमेरिका मे हिन्दुस्तानी शादी की बरात के लिए सब लोग उनके भारतीय कपडे पहन के होटल की पार्किंग लोट मे मिलते है। जब दुलहा आता है, वह घोड़े पर बैठता है और नाच-गाना शुरू होता है। दुलहा के घोड़े के आगे दी जय एक कार मे चलता है। दुलहा के आस-पास कुछ लोग नाचते है, कुछ लोग दुलहा का कैमरा से फोटो खीचते है, और कुछ लोगो मिल कर सिर्फ बाते करते है। बरात एक-दो घंटे चलती है और अंत मे होटल के सामने रुकती है। वहाँ दुलहन का परिवार बरात को मिलने आते है। यहाँ दुलहा की स्वागत होती है और सारे बरातियो शादी के लिए होटल के अन्दर जाते है।
जीतनी मुझे बरात पसंद है, जूते चुराना का रिवाज मुझे पसंद नहीं है। फिल्मो मे यह बहुत मज़ेदार बताते है, लेकिन सच-मुच तो ऐसा नहीं है। जल्दी से दुलहा अपने जूते उनके दोस्तों को दे देता है और दुलहा के दोस्तों जूते छिपा देते है। दुलहन का परिवार को जूते मिलते नहीं है और खेल ख़त्म हो जाता है, फिल्मो जैसा नाटक कभी नहीं होता।
Sunday 25 April 2010
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achha likha hain
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