Monday 5 April 2010

जैन धर्मो का सबेसे बड़ा त्यौहार

जैन धर्मो का सबसे बड़ा त्यौहार है पर्यूषण पर्व. पर्यूषण पर्व अगस्त महीने में पड़ते है, ८ दिन के लिए. लोग उपवास का व्रत लेते है. जैन धर्मं में व्रत को तप कहते है, और लोगो को तपस्वी. कुछ लोग दिन में सिर्फ एक और दो बार खाते है, और कुछ लोग ८ दिन के लिए कुछ नहीं खाते. इस तप का नाम अटाई है. यह तप बहुत मुश्किल है, लेकिन अभी भी लोग ख़ुशी से करते है. हर सुबह लोग मंदिर जाकर भगवान कि पूजा करते है. हर रात मंदिर वापस आकर भजन गाते और सुनाते है. भारत में पर्यूषण पर्व के लिए और भी किया जाते है, लेकिन यहाँ इतने संसाधनों नहीं है. त्यौहार में एक दिन स्वप्ना दर्शन है. इस में बड़ी उत्सव से त्रिशला देवी कि पूजा करते है. यह दिन पर लोग अपने नए कपडे पहनते है. आखिरी दिन पर एक लम्बी ध्यान के लिए लोग एक साथ देरासर आते है. यह संवत्सरी प्रतिक्रमण कहेते है. ४ घंटे के लिए कयोसर्गा में बैठे कर लोग अपने आत्मा को प्रार्थना करते है. प्रतिक्रमण के बाद लोग पुरे गाव से क्षमा मांगते है. त्यौहार दिनों के बाद पार्न में लोग अपने तप एक साथ छोड़ते है. पहले तपस्विओ के लिए देरासर कि प्रदर्शन किया जाते है, उसके बाद सभी लोग एक दुसरे को खाना खिलाते है. मुझे लगता है कि जैन लोग यह त्यौहार के लिए एक साथ आते है और नए रिश्ते बनाते है.

No comments:

Post a Comment