Monday, 5 April 2010

दिवाली

मेरा सबसे मून पसुन्द त्योहार दिवाली है। यह त्योहार नया साल को बधाई करता है। बहुत सारी कहानीयो दिवाली के बारे में लिखी है। एके कहानी राम और रावन के बारे में है। और एके कहानी कृष्ण भगवन के बारे में थी। जब राम रावन को मर कर वापिस अयोध्या आया तब सब लोग बहुत खुश थे। सब लोग रस्ते के ऊपर बहुत सरे दिए जलाए। सब लोग फिर राम की पूजा किये और उनको स्वागत किया।

हर साल जब दिवाली आती है तो मेरी माँ बहुत सारा खाना बनती है। वहा बहुत देर के लिए खाना बनिती ही। बहुत सारे लोग हमारे घर आते है और हम सुब पूजा करते है। हम कृष्ण भगवन, लक्ष्मी माता की और राम भगवान् की पूजा करते है। हम सरे घर की बिगली जलाते है और घर रौशनी से भर जाता है। हम सारा घर साफ़ करते है। मरी माता मुझको और मेरे भाई को तौफा देती है। हम अपने दोस्तों के सात वक्त गुज़रते है। बहुत मज़ा आता है दिवाली के समय में। हम नाचते और गाते है। कभी कभी हमारे परिवार जो पास में नहीं रहते है वह आते है। एके बार कोई लोग भारत से भी आये थे और उनके सात हम दिवाली मनाये।

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