Sunday 4 April 2010

दिवाली त्योहार

मेरा मंध्पसंध त्योहार दीवाली है. दीवाली एक ऐसा त्योहार है जो हर राज्य मना ता है. दीवाली दीयों का त्योहार है और इसको मनाने के लिए हम घर साफ़ करते है और सब जगा दीयों जला ते है. दीवाली के रात मेरी परिवार लक्ष्मी की पूजा करते है और भजन गाठे है. हम दीवाली बहुत दिनों के लिए मनाते है. उस दिनों के लिए हम बहुत खाना पकाते है और लोग हमारे घर आते है और हम उनके घर भी जाते है. हम नाचते है और बहुत शोर मचाते है. दिवाली मनाने के लिए हमारे सब दोस्त और रिश्तेदार एक जगे पर मिलते है और फटाके फोड़ते है. मुझे फटाके बहुत पसंद है क्योंकि वे बहुत रौशनी दिलाती है. जब लोग हमारे घर आते है तो बहुत खुशी होती है क्योंकि हर जगा लोग मुस्कुराराहे है या वह गारारेहे. दिवाली पर मेरी माँ मुजको और मेरी बहेन को नयें कपडे दिलाती है. हमको बहुत तोफे भी मिलते है. यह एक हिन्दुस्तानी त्योहार है जिस पर मुझे तोफे मिलते है. इस त्योहार के द्योर्हान मुझे मेरी संकृति के बारे में भी पता चल जाता है क्योंकि बहुतसी कहानियाँ है दिवाली के बारे में. ये संस्कृति,खुशी और तोफे सब मिलकर दिवाली को मेरी मंद्पसंद त्योहार बनाते है.

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