Sunday, 25 April 2010
मेरा मनपसंद स्मारक
जब मै छोटा था स्कूल मे हम को यह कहानियाँ कही जाती थी। लिंकन मेमोरिअल के फोटो और फिल्मो भी स्कूल मे दिखाते थे। इस लिए मुझ को लिंकन मेमोरिअल देखने हमेशा जाना चाहता था। जब मुझ को वाशिंगटन जाने का मौका मिला, मै लिंकन मेमोरिअल देखने गया और मुझ को यह स्मारक बहुत खूबसूरत लगा। लिंकन मेमोरिअल एक बहुत ऊँची पहाड़ी पर है। लिंकन मेमोरिअल पहुँचने पहले बहुत सीढ़ियो पार करनी पड़ती है, इतनी सीढ़ियाँ के भारत के मंदिरों याद आते है। ऊपर पहुँचने के बाद सारा वाशिंगटन दिखाए देता है। यहाँ से वाशिंगटन स्मारक और एक बहुत बड़ा कुंद दिखाए देता है।
अन्दर जाते अमेरिका का सोलह राष्टपति, अब्राहम लिंकन की मूर्ति दिखाए देती है। यह मूर्ति बहुत मशहूर है, लोगो बहुत दूर से इस मूर्ति दो देखने को आते है। बहुत लोग इस समारक को पसंद करते है क्योकि यह बहुत खूबसूरत है और इस में इतिहास भी है।
मेरा मनपसंद त्योहार
नवरात्री मेरा मनपसंद त्योहार है क्योकि जब हम सब छोटे थे, नवरात्री हम सब बच्चो के लिए फिर से मिलने का मौका था। जैसे बड़ो मंदिर के अन्दर गरबा-रास थे, वैसे हम सब बच्चो मंदिर के बाहर फ़ुटबाँल खेलते थे। जैसे मै बड़ा हुँआ, मै फ़ुटबाँल कम खेलने लगा और गरबा-रास मे शामिल होने लगा। जब मै कॉलेज गया, मेरे सब दोस्तों कों गरबा-रास खेलने का बहुत शोक था। मेरे दोस्तों के साथ मै भी नवरात्री पर गरबा-रास खेलने लगा। नवरात्री पर हम गरबा-रास कॉलेज मे और मंदिर मे खेलते थे।
मेरे बचपन से मेरे माता-पिता नवरात्री के हर दिन दुर्गा माँ की पूजा करते थे। पूजा करते-करते हम दुर्गा माँ की आरती भी करते थे। इस आरती मुझ कों बहुत पसंद है। मेरे माता-पिता घर पर आरती गाकर मंदिर जाते थे। मंदिर जा कर वे गरबा-रास खेलते थे और फिर वहाँ आरती गाते थे। बड़े हो कर मै और मेरा भाई नवरात्री पर मंदिर नहीं जाते है।
हिन्दुस्तानी शादी के रिवाज
अमेरिका मे हिन्दुस्तानी शादी की बरात के लिए सब लोग उनके भारतीय कपडे पहन के होटल की पार्किंग लोट मे मिलते है। जब दुलहा आता है, वह घोड़े पर बैठता है और नाच-गाना शुरू होता है। दुलहा के घोड़े के आगे दी जय एक कार मे चलता है। दुलहा के आस-पास कुछ लोग नाचते है, कुछ लोग दुलहा का कैमरा से फोटो खीचते है, और कुछ लोगो मिल कर सिर्फ बाते करते है। बरात एक-दो घंटे चलती है और अंत मे होटल के सामने रुकती है। वहाँ दुलहन का परिवार बरात को मिलने आते है। यहाँ दुलहा की स्वागत होती है और सारे बरातियो शादी के लिए होटल के अन्दर जाते है।
जीतनी मुझे बरात पसंद है, जूते चुराना का रिवाज मुझे पसंद नहीं है। फिल्मो मे यह बहुत मज़ेदार बताते है, लेकिन सच-मुच तो ऐसा नहीं है। जल्दी से दुलहा अपने जूते उनके दोस्तों को दे देता है और दुलहा के दोस्तों जूते छिपा देते है। दुलहन का परिवार को जूते मिलते नहीं है और खेल ख़त्म हो जाता है, फिल्मो जैसा नाटक कभी नहीं होता।
Sunday, 18 April 2010
मेरा मंपसुन्द स्मारक
Wednesday, 14 April 2010
गाँधीजी
मेरा पसिंदिदा स्मारक
मेरा मंपसुन्द स्मारक
मेरी मन पसंद की इमारत
Tuesday, 13 April 2010
मेरा मां पसंद स्मारक
ऋजुता की मनपसंद स्मारक
शाह जहान ने ताज महल बनवाया। वह यह किया क्योंकि वह अपनी बीवी मुमताज़ महाल से बहुत प्यार करता था। ताज महल के अन्दर मुमताज़ महल की कमब्र है। ताज महल बनवाने के बाद, शाह जहान नहीं चाहता था की कोई और ताज महल जैसे बढ़िया इमारत कभी बना दे। लोग अभी कहते हैं कि इस लिए, शाह जहान सब निर्माते के कांटे और हाथ को कटा दिया। शाह जहान नहीं चाहते थे कि निर्माते कभी किसी और को कहे कैसे ताज महाल बनाया गया था।
मैं सिर्फ एक बार ताज महल देखने गया। मुझे बहुत पसंद आया। में सुबह उठकर टूर पर गया। ताज महल अभी भी बहुत साफ़ है - शाह जहान नहीं चाहता था कि उसका बीवी की कमब्र के पास कचरा हो। अभी, शाह जहान की कमब्र मुमताज़ महल की कमब्र के पास है।
ताज महाल प्यार की स्मारक है और इस लिए, निर्मात के अलावा भी खूबसूरत है।
ताज महल
मीनार आधिक संगमरमर है. बहुत आसरल इमारत है, बहुत स्वर हैं. मीनार सफ़ेद है. इमारत पर बहुत शोभा है, और ये आक्सर पौधे के आरेख हैं. इमारत के पास, एक बड़ा मैदान है, और इस में बहुत पौधे हैं. हर साल दो-तीन मिलियन विदेशी वह देखते हैं.
ताज महल कम प्रसिद्ध कुतुब मीनार से है. कुतुब मीनार को हर साल चार मिलियन लोग जाते हैं. ताज महल का वास्तुकला मुघल है. वह एक मकबरा है और सम्राट शाह जहान की पत्नी वहाँ है. वह एक खूबसूरत इमारत है!
मेरा मन पसंद स्मारक- सतीश मोहन
जब मैं छोटा था, मैं और मेरा परिवार एक बार वहां गए. मैं और मेरा भाई यह देखकर बहुत घबरे हुए. हम ने सोचा की आर्च गिरेगा. अगर आप देखते हों, आप भी सोचेंगे. मेरा पिताजी ने हम दोनों को एक विडियो खरीद दिया. इस विडियो में, आर्च का पूरा इतिहास बताते हैं. में सोचता हूँ की अब तक यह विडियो हमारे पास है. मुझे याद भी है की मैं आर्च देखने की समय में, मेरे पास अपना पहले कैमरा है. मैंने उस से आर्च पर बहुत फोटो लीया. मुझे उम्मीद है की आर्च देखने के लिए फिर जाऊँगा.
मेरा पसंदीदा स्मारक
ताजमहल इंडिया के आगरा शेहर में है जो दिल्ली से कुछ सौ मील है। यह स्मारक सफेद संगमरमर से बना है और इसके सामने फौंतैन है। संगमरमर के दीवारों पर अद्दभुत मीनाकारी की हुई है। यह स्मारक इतना सुंदर है की दुनिया के खोने खोने से "तौरिस्ट्स" इसको देखने आते हैं। हर देखने वाला मोहित हो जाता है। ताजमहल को दुनिया का आत्वा "वोंदर" कहा गया है। यह सोला साल से लोगो के लिए प्रेम का प्रतिक है। और ताजमहल ने एक छोटे से शेहर को दुनिया का एक खास शेहर बना दिया है। इसलिए मुझे ताजमहल पसंद है.
Monday, 12 April 2010
मेरा मनपसंद ईमारत
यह पेलिसे १९१५ में बननी थी। इसका डिज़ाइन रोमन और ग्रीक इमारतों के जैसे हेँ। आज कल इस ईमारत के अंदर लोग बहुत तस्वीरें देखने आते हेँ। यहाँ पर कभी कभी नाटक प्रदर्शन होती हेँ। लोग सब से ज्यादा यहाँ पर आते हेँ आपना शादी कराने। आभी, थोरे से महीने पहले, यह ईमारत एक बॉलीवुड फिल्म में दिखी थी। ईस फिल्म का नाम हेँ "मेरा नाम खान हेँ"। यह ईमारत फिल्म में दिखाई थी जब काजोल और शाहरुख़ खान की शादी हुई थी। यह मेरी मनपसंद ईमारत हेँ और में वहाँ पर वापस जाना चाहता हूँ।
मेरा मनपसन्द वास्तुकला "इफेल" मीनार है
मेरा मनपसन्द वास्तुकला "इफेल" मीनार है। इफेल मीनार "पेरिस, फ़्रांस" में है. इफेल मीनार पेरिस में सुबसे लम्बा इमारत है और दुनिया में दस लाख लोग आते हैं यह इमारत को देखने के लिए. सन १८८९ १९३० तक, इफेल मीनार दुनिया में सुबसे लम्बा इमारत था. १९३० में, "नीऊ योर्क" नगर में, और एक लम्बा इमारत बनाया गया: "क्रईस्लेर" इमारत. यह इमारत का निर्माण १८८७-१८८९ है, तीन साल में इमारत बनाया गया. यह इमारत एक आदमी का योजना था: "गुस्ताव इफेल" उसका नाम था. तीन सौ निर्मते इफेल मीनार "आइरन" से बनाते थे.
लोग "टिकेट" खरीद सकते हैं पहला और दूसरा मंजिल जाने के लिए. मंजिल तीन और चार जाने के लिए, लोग "लिफ्ट" ले सकते हैं. लेकिन, जब यह इमारत बनाता था, एक मतभेद था. कुछ लोगों ने सोचा था की यह इमारत बहुत सुन्दर है, और कुछ लोगों ने सोचा था की यह इमारत बहुत कुरूप है. आज, इफेल मीनार बहुत फिल्म में देखा जाता है. इफेल मीनार बहुत प्रसिद्ध इमारत है.
दो साल पहले, में पेरिस गयी तीन दोस्तों के साथ। हम एक रात इफेल मीनार गये. हमने कुछ रोटी, शराब, और पनीर लिए और इफेल से नीचे हमने एक "पिकनिक" किया. यह बहुत मजेदार था. तब, हमने एक "लाइन" में इन्ताजार की एक घंटे के लिए. अंत में, हम इफेल का ऊपर गये. सहसा, इफेल का दीप जला गया. यह बहुत सुन्दर चीज़ है.
Sunday, 11 April 2010
ताज महल
Saturday, 10 April 2010
मेरी मन पसंद निशानी
मुझे "मेमोरिअल" का इतिहास के बारे में सिखने पसंद है क्योंकि अम्रीका और दुसरे देशों के लिए यह समय ख़ास है. मैंने यह निशानी पहली बार देखा चार और पांच साल पहले. हालाँकि मैं जवान थी, मुझे निशानी का अर्थ अच्छा लगता था और मुझे अभी भी पसंद है. इस गर्मी में, जब मैं "वाशिन्ग्तों डी.सी." में काम करूंगी, मैं निशानी के पास और समय बिताने सकती हूँ. इस शहर में और *मशहूर निशानियाँ हैं जो मैं देखना चाहती हूँ.
- नीना
मेरी पसंदीदा निशानी
आज वहां एक अच्छी और सूंदर निशानी हैं। अगर आप वहां जाएँ, तो गोलियां का अंक और कुआ देख सकते हैं। जब मैं बाघ में था, मैं केवल बेटा। मैं ने सोचा कि यह घटना डरावना पड़ती थी। यह निशानी बहुत जरुरी हैं कयोंकी दिकाती हैं कितने बुरे लोग, गेनेराल द्येर के जैसा, हो सकते हैं।
Friday, 9 April 2010
मेरी सबसे पसंदीदा इमारत
इस इमारत को गुस्तावे एफ्फिएल ने १८८९ में बनाया था। यह १८८९ के वर्ल्ड फिर की एंट्रंस अर्च्वय थी। जब एफ्फिएल तोवेर बनी थी, लोगों को पसंद नहीं आई क्योंकि वेह बहुत बड़ी थी। एफ़्फ़िएल तोवेर में तीन मंजिलें हैं । पहली मंजिल पर एक रेस्तौरांत है। दूसरी और तीसरी मंजिल पर भी रेस्तुरांत और दुकानें हैं। जनुअरी ३, १९८६ में इमारत की ऊँची मंजिल आग में जल गयी। १९५७ में एक नयी मंजिल बनायीं गयी थी। एफ्फिले तोवेर पार ७२ अलग अलग फ्रेंच वैज्ञानिकोँ के नाम छपे हुए हैं। न्यू इयर एवे के दिन पुरे इमारत पार पटके छुते हैं। हर रत एफ्फिएल तोवेर पर बहुत ही साड़ी बिजली के बल्ब जलते हैं इसे से पूरी इमारत चमकने लगती है। मुझे फ्रांस शहर बहुत पसंद है इसलिए मुझे एफ्फिले तोवेर भी अच्छा लगता है। दुनिए में बहुत सी इमारतें हैं लेकिन एफ्फिले तोवेर जैसे इमारत नहीं है।
Wednesday, 7 April 2010
जेकब का मनपसंद तेयौहीर
दीवाली मेरा मनपसंद हिंदुस्तानी त्यौहार है. दीवाली की अर्थ दियों की कतार है. दीवाली की अर्थ भी दो कथे के बारे में है. मैं दीवाली नहीं मनाई क्योंकि मेरा परिवार हिंदू या हिंदुस्तानी नहीं है. मैं सिर्फ़ डोर्म का त्यौहार में मनाया था. परलोक में, मैं दोस्तों के साथ मनाना चाहता हूँ. मैं भी चाहता हूँ कि शायद एक दिन मैं भारत में मनाऊँगा.
हिंदू लोग दीवाली पर पूजा करते हैं. दीवाली का लंबा नाम दिपावली है. दीवाली पर परिवार दिये जलाते हैं. घर में, सब लोग सजाते हैं. दीवाली पाँच दिन के लिए मनाते हैं. भारत की कथाएँ और साहित्य में जीवन के लिए अत्यावश्यक है. भारत और नेपाल में देश का त्यौहार है.
इस त्यौहार में लक्षमी एक अत्यावश्यक देवी है. वह द्रव्य की देवी है. जो लोग वह मिलने जोते उनको बहुत द्रव्य है. लक्षमी सिर्फ़ आधिक साफ़ घर मिलने जाते हैं.
दीवाली
Monday, 5 April 2010
मेरा पसिन्दीदा हिन्दुस्तानी त्योहार
जैन धर्मो का सबेसे बड़ा त्यौहार
मेरा मन पसंद त्यौहार - सतिश मोहन
मुझे याद है की जब में छोटा था, मेरा परिवार अमेरिका में था, इस लिए हमारे साथ पोंगल मनाने के लिए सिर्फ कम लोग थे. फिर भी, हम सब ने एक स्तन पर जाकर साथ साथ खाना खाया हैं. मैं और दुसरे बच्चे ने नाटक की और गाना गाई. अभी मैं बहुत ज्यादा नहीं करता पोंगल मनाने के लिए. अचूक से, मेरा माता-पिता ग्रीटिंग बजते हैं, लेकिन मुह्जे गरम पोंगल चाहिए! शायद अगले साल को मैं भारतीय रेस्तरां जाओ.
भारतीय उत्सव - नवरात्री
नवरात्री की पहले तीन दिन में माँ दुर्गा की पूजा होता है। लोग माँ दुर्गा की शक्ति और एनेर्जी की पूजा हो जाता है। इन तीनों दिन में, लोग कुमारी, पारवती, और काली की पूजा करते हैं।
पहले तीन दिन के बाद, देवी लक्ष्मी की पूजा होता है। देवी लक्ष्मी घन की देवी है। देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद, लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। देवी सरस्वती ज्ञान की देवी है।
नवरात्री की नवां दिन पर महानवमी होता है। इस दिन पर कन्या पूजा होता है। दिन ख़तम होने के पहले, लोग माँ दुर्गा की प्रतिमा पानी में डूबते हैं।
नवरात्री की दिन में, लोग गरबा और डंडिया नाच करते हैं।
दिवाली
हर साल जब दिवाली आती है तो मेरी माँ बहुत सारा खाना बनती है। वहा बहुत देर के लिए खाना बनिती ही। बहुत सारे लोग हमारे घर आते है और हम सुब पूजा करते है। हम कृष्ण भगवन, लक्ष्मी माता की और राम भगवान् की पूजा करते है। हम सरे घर की बिगली जलाते है और घर रौशनी से भर जाता है। हम सारा घर साफ़ करते है। मरी माता मुझको और मेरे भाई को तौफा देती है। हम अपने दोस्तों के सात वक्त गुज़रते है। बहुत मज़ा आता है दिवाली के समय में। हम नाचते और गाते है। कभी कभी हमारे परिवार जो पास में नहीं रहते है वह आते है। एके बार कोई लोग भारत से भी आये थे और उनके सात हम दिवाली मनाये।
मेरा मन पसंद त्यौहार
मेरा मनपसन्द त्यौहार दीवाली है
मेरे घर में, में मेरी परिवार और भारतया लोगों के साथ समय बिताती हूँ. हर एक साल, मेरी परिवार अलग अलग चीज़े करती है. एक बार, हम सिर्फ घर में रहते हैं. मेरी माँ ने हमारे लिए पूरी, सबजिया, और मितायाँ बनाये. मेरी माँ ने भी पूरा दिन नहीं खाना खाया जब तक उन्होने रात का पूजा किया. मेरे पिता ने मेरी बहन को और मुझको नए कपड़े दिए और मेरी माँ ने हम को एक एक किताब दी. में बहुत ख़ुशी थी.
दूसरा साल, मेरी परिवार ने और कुछ भारतया परिवार के साथ समय बिताया. हिन्दुस्तानी छात्र ने "सेंट्रल मिचिगन युनिवेर्सिटी" से एक बड़ी पार्टी की. पार्टी पूरा "कम्युनिटी" के लिए. सारा हिन्दुस्तानी लोग कुछ खाना पककर लाया. छात्र ने भी एक "टलेंट शो" किया. लोगों ने "स्टेज" पर गीत गाया, नाच किया, और कुछ वाद्य बजाया. यह बहुत मजेदार है.मेरा मनपसन्द त्यौहार दीवाली है. दीवाली नाम दीपावली से आती है. दीपावली का अर्थ है दीप की कतार. भारतया कैलेंडर में, दीवाली पाँच दिनों के लिए मनाई जाती है. सारा लोग दीवाली मनाते है फूल, पूजा, "फैर्व्क्स", और मिठाया के साथ. लेकिन हर एक धर्म के लिए दीवाली का अर्थ अलग है. हिन्दू लोग यह कहानी बोलते हैं: दीवाली राम और कृष्ण के बारे में. राम रक्षास रावण को मारकर अयोध्या को वापस आये. सारा लोग ख़ुशी से दीप लगाते हैं और एसे है दीवाली बनाते हैं. और एक दिन दीवाली से पहले कृष्ण एक रक्षास नाराकसुरा को मारा. दोनों कहानी इस बात के बारे में: शुभ अशुभ से जीत करता है.
मेरे घर में, में मेरी परिवार और भारतया लोगों के साथ समय बिताती हूँ. हर एक साल, मेरी परिवार अलग अलग चीज़े करती है. एक बार, हम सिर्फ घर में रहते हैं. मेरी माँ ने हमारे लिए पूरी, सबजिया, और मितायाँ बनाये. मेरी माँ ने भी पूरा दिन नहीं खाना खाया जब तक उन्होने रात का पूजा किया. मेरे पिता ने मेरी बहन को और मुझको नए कपड़े दिए और मेरी माँ ने हम को एक एक किताब दी. में बहुत ख़ुशी थी.
दूसरा साल, मेरी परिवार ने और कुछ भारतया परिवार के साथ समय बिताया. हिन्दुस्तानी छात्र ने "सेंट्रल मिचिगन युनिवेर्सिटी" से एक बड़ी पार्टी की. पार्टी पूरा "कम्युनिटी" के लिए. सारा हिन्दुस्तानी लोग कुछ खाना पककर लाया. छात्र ने भी एक "टलेंट शो" किया. लोगों ने "स्टेज" पर गीत गाया, नाच किया, और कुछ वाद्य बजाया. यह बहुत मजेदार है.
Sunday, 4 April 2010
दिवाली - मेरा मनपसंद त्यौहार
मेरा पसंदीदा त्यौहार
हर साल, घर पर मेरा परिवार हर ९ रात दुर्गा की पूजा करते हैं। हर साल, मैं कुछ चोड़ता हूँ। पिछले साल मैं ने मिठाइयाँ चोड़ी। नवरात्रि में, दुर्गा अष्टमी बहुत शानदार है और मेरा परिवार अष्टमी की पूजा करते हैं। पूजा करके बहुत बहुत शांत मनोदशा में आता है । इस दिन पर हम तेल के दिये जलाते हैं, काले चोले और पुरियां बनाते हैं, और कुछ मिठाइयाँ बनाते हैं। मैं चाहता हूँ कि एक साल मैं नवरात्री के लिए भारत जाऊ क्योंकि भारत में लोग अच्छा मनाते और नवरात्री में, मंदिर बहुत सुन्दर लगता है.
मेरा मनपसंद त्यौहार - रौनक
durga puja
- नीना
मेरा पसंदीदा त्यौहार
मेरा मां पसंद त्यौहार
मेरा पसंदीदा त्योहार.
दिवाली त्योहार
मेरा पसंदीदा त्यौहार
Saturday, 3 April 2010
हिन्दू फेस्टिवल
जब हम मंदिर पहुँचते, पहले सब लोग आपस में बात करते थे और फिर फन्गाक्षण शुरू करने के लिए हम एक साथ आरती करते थे। फिर प्रोग्राम शुरू होता था, कुछ लोग डांस तैयार करके आते थे और सब के लिए पेर्फ्रोम करते थे। हर साल होली प्रोग्राम में, मैँ और मेरी सहेलियां कोई-न-कोई गाने पर एक डांस तैयार करती थी। प्रोग्राम के बाद, सब लोग (आंटी और अंकल) उटकर बहुत नाचते, और फिर हम बहार जाकर होली खेलते। हम सिर्फ पावडर रंग के साथ खेलते, क्योंकि पानी वाला रंग नहीं निकलता और काम बढ़ जाता। हम सब को बहुत मज़ा आता था, हम सब हर तरफ भागते और रंग फेंते। खेलने के बाद हम अपने अपने घर जाते और लम्बा शोवेर लेते।
हिमाचल प्रदेश के मेले
त्यौहार
त्यौहार के लिए मिट्टी की प्रतिमाएं बनाये जाते हैं। वे बहुत आकारों में खरीदे जा सकती हैं। वे एक इंच ही से कोई पच्चीस फुट को बनाए जाती हैं। त्यौहार में प्रतिमाएं मंडपों में पाए जाती हैं। मंडपों फूलों, रोशनियों, वगैरह से साजाये जाते हैं। प्रतिमा को प्रसाद दिये जाते हैं और समारोह में गीत गाये जाते हैं। त्यौहार के अंत में, प्रतिमा धारा को ली जाती होकर धारा में पायी जाती है। सब लोग अगले साल में श्री गणेश के लौटने के लिए पूछते हैं। आधुनिक दिनों में कभी-कभी प्लास्टर की प्रितमाएं का प्रयोग किया जाता है। इस तरह का प्रतिमा धारा में परिवेशी समस्या हो सकता है।
त्यौहार में प्रचलित खाना मोदक है। मोदक नारियल और फूलों से गुलगुला है। सड़क में उत्सव प्रचलित हैं। गाने गाने जाते हैं और नाटक किया जाते हैं। त्यौहार में कलाकार अपने कला देखते हैं। शहर अपने समुदाय के लिए गतिविधिएं करते हैं। शायद फ्री मेडिकल चेक-अप है, और दान ग़रीब को दिया जाता है।
Friday, 2 April 2010
मेरा मन पसंद हिन्दुस्तानी त्यौहार
मेरे ख्याल मे त्यौहार बहुत ही अच्छे होते हैं। त्यौहारों के बिना लोग की ज़िन्दगी इतनी रंगीन नहीं होती। हर महीने एक त्यौहार होता है ताकि लोग आपने जीवन में कुछ ख़ुशी मन्ना सकें। त्यौहार बहुत ही ज़रूरी हैं क्योंकि वे हमे अपने परिवार और दोस्तों के होने की एसहास दिलवाता है। मेरे खयाला में त्यौहार बहुत ही ज़रूरी है ज़िन्दगी में क्योंकि त्यौहार ज़िन्दगी में रौशनी लाते हैं।
Thursday, 1 April 2010
मेरी मन पसंद त्यौहार
मेरा घर में दोनों हिन्दुस्तानी और अम्रिकां त्यौहार मनाया जाते हैँ। लेकिन मुझे हिन्दुस्तानी त्यौहार ज्यादा पसंद आते हैँ क्यँकी उन में और मज़ा आता हेँ. होली बहुत रंग-बिरंग होता हेँ. जब एक दोसरे पर रंग फेकते हेँ तब बहुत आचा लगता हेँ। कभी कभइ जब पानी के रंग बहार लाते हेँ तब और भी मज़ा आता हेँ, क्युकी लोग भागते हेँ तो पानी उन पर नहीं आये। मुझे होली का खाना भी पसंद हेँ। सब से आचा होली का खाना गुजिया होता हेँ। वह मेरा मन पसंद मिठाई हेँ। मुझे कभी न कभी होली एक बार हिंदुस्तान में मनाना हेँ। लेकिन अभी की लिए, में यहाँ पर होली खेल लूगी।