Sunday, 25 April 2010

मेरा मनपसंद स्मारक

मुझे घूमने का बहुत शोक है। मेरी ज़िन्दगी मे मैने बहुत कुछ स्मारकों देखे है; ताज महल, स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी, वाशिंगटन स्मारक लेकिन मेरा मनपसंद स्मारक लिंकन मेमोरिअल है। लिंकन मेमोरिअल वासिंगटन डी सी मे है। लिंकन मेमोरिअल अमेरिका का सोलह राष्टपति का मेमोरिअल है। अमेरिका का सिविल वार के बाद उसकी ह्त्या कर गयी थी।

जब मै छोटा था स्कूल मे हम को यह कहानियाँ कही जाती थी। लिंकन मेमोरिअल के फोटो और फिल्मो भी स्कूल मे दिखाते थे। इस लिए मुझ को लिंकन मेमोरिअल देखने हमेशा जाना चाहता था। जब मुझ को वाशिंगटन जाने का मौका मिला, मै लिंकन मेमोरिअल देखने गया और मुझ को यह स्मारक बहुत खूबसूरत लगा। लिंकन मेमोरिअल एक बहुत ऊँची पहाड़ी पर है। लिंकन मेमोरिअल पहुँचने पहले बहुत सीढ़ियो पार करनी पड़ती है, इतनी सीढ़ियाँ के भारत के मंदिरों याद आते है। ऊपर पहुँचने के बाद सारा वाशिंगटन दिखाए देता है। यहाँ से वाशिंगटन स्मारक और एक बहुत बड़ा कुंद दिखाए देता है।

अन्दर जाते अमेरिका का सोलह राष्टपति, अब्राहम लिंकन की मूर्ति दिखाए देती है। यह मूर्ति बहुत मशहूर है, लोगो बहुत दूर से इस मूर्ति दो देखने को आते है। बहुत लोग इस समारक को पसंद करते है क्योकि यह बहुत खूबसूरत है और इस में इतिहास भी है।

मेरा मनपसंद त्योहार

मेरा मनपसंद भारतीय त्योहार नवरात्री है। दूसरे त्योहारों एक दिन ही चलते है लेकिन नवरात्री नौ दिन का त्योहार है। हर सितम्बर या अक्टूबर लोगो भारतीय कपडे पहन कर मंदिर जाते है। मंदिर जा कर वे दुर्गा माँ से प्रार्थना करते है और गरबा-रास खेलते है।

नवरात्री मेरा मनपसंद त्योहार है क्योकि जब हम सब छोटे थे, नवरात्री हम सब बच्चो के लिए फिर से मिलने का मौका था। जैसे बड़ो मंदिर के अन्दर गरबा-रास थे, वैसे हम सब बच्चो मंदिर के बाहर फ़ुटबाँल खेलते थे। जैसे मै बड़ा हुँआ, मै फ़ुटबाँल कम खेलने लगा और गरबा-रास मे शामिल होने लगा। जब मै कॉलेज गया, मेरे सब दोस्तों कों गरबा-रास खेलने का बहुत शोक था। मेरे दोस्तों के साथ मै भी नवरात्री पर गरबा-रास खेलने लगा। नवरात्री पर हम गरबा-रास कॉलेज मे और मंदिर मे खेलते थे।

मेरे बचपन से मेरे माता-पिता नवरात्री के हर दिन दुर्गा माँ की पूजा करते थे। पूजा करते-करते हम दुर्गा माँ की आरती भी करते थे। इस आरती मुझ कों बहुत पसंद है। मेरे माता-पिता घर पर आरती गाकर मंदिर जाते थे। मंदिर जा कर वे गरबा-रास खेलते थे और फिर वहाँ आरती गाते थे। बड़े हो कर मै और मेरा भाई नवरात्री पर मंदिर नहीं जाते है।

हिन्दुस्तानी शादी के रिवाज

हिन्दुस्तानी शादियों मे बहुत अलग अलग रिवाजे है। मेरा मनपसंद रिवाज है दुल्हा की बरात। हमारे परिवार मे ज्यादा लड़के है इस लिए मैने काफी बारातो मे हिस्सा ले चूका हू।

अमेरिका मे हिन्दुस्तानी शादी की बरात के लिए सब लोग उनके भारतीय कपडे पहन के होटल की पार्किंग लोट मे मिलते है। जब दुलहा आता है, वह घोड़े पर बैठता है और नाच-गाना शुरू होता है। दुलहा के घोड़े के आगे दी जय एक कार मे चलता है। दुलहा के आस-पास कुछ लोग नाचते है, कुछ लोग दुलहा का कैमरा से फोटो खीचते है, और कुछ लोगो मिल कर सिर्फ बाते करते है। बरात एक-दो घंटे चलती है और अंत मे होटल के सामने रुकती है। वहाँ दुलहन का परिवार बरात को मिलने आते है। यहाँ दुलहा की स्वागत होती है और सारे बरातियो शादी के लिए होटल के अन्दर जाते है।

जीतनी मुझे बरात पसंद है, जूते चुराना का रिवाज मुझे पसंद नहीं है। फिल्मो मे यह बहुत मज़ेदार बताते है, लेकिन सच-मुच तो ऐसा नहीं है। जल्दी से दुलहा अपने जूते उनके दोस्तों को दे देता है और दुलहा के दोस्तों जूते छिपा देते है। दुलहन का परिवार को जूते मिलते नहीं है और खेल ख़त्म हो जाता है, फिल्मो जैसा नाटक कभी नहीं होता।

Sunday, 18 April 2010

मेरा मंपसुन्द स्मारक

मेरा मंपसुन्द स्मारक ताज महल है। ताज महल भारत में है आगरा शहर में। १६४८ में शाह जहाँ ताज महल निर्माण किया। शाह जहाँ ताज महल निर्माण किया क्योंकि उसको पत्री मर गयी। शाह जहाँ गंभीर बनाने चाहिए उसको पत्री के लिए। शाह जहाँ अन्य महल निर्माण चाहिए स्वयं के लिए। यह महल काला हो जाएगा क्योंकि उसको बेटा "थ्रोन" लिया। और शाह जहाँ का काला महल नहीं बनाया। ताज महल का स्थापत्य बहुत आच्हा है कारन बहुत विस्तार है।ताज महल सफ़ेद संगमरमर से बनाया और सफ़ेद संगमरमर में छोटे-छोटे रंग का पत्थर है। रंग का पत्थर बहुत इरादा में है कुछ इराद फूल है, कुछ लेखन है, और खूबसूरत टाइल है। में ताज महल देखने के लिए गयी थी जब में १४ थी। में और मेरा परिवार बारत गयी थी कारन हमे सुब बारत देखने चाहिए।वह समय पर में और मेरा परिवार जयपुर, उदयपुर, बॉम्बे, आगरा, राजस्थान, और अम्धाबाद गया था।वह ट्रिप बहुत अच्छा था क्योंकि आगरा मेरा पसंदीदा जगह थ। मेरा पसंदीदा शहर था ताज महल के कारन। मुझे संभव है कि में आगरा वापस जाऊंगी। मुझे लगता है कि जब मेरा सेनिओर साल में, मेरे बडे भाई, और मेरी बहन, और मेरी माँ और पिता बारत वापस जाऐगे।

Wednesday, 14 April 2010

गाँधीजी

गाँधीजी का पूर्ण नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है, लेकिन कई लोग उसे महात्मा गाँधी कहते है. गांधीजी गुजरात में पैदा हुए थे. गाँधी जी भारत के एक राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान. गाँधीजी के दर्शन का नाम सत्याग्रह था. सत्याग्रह का मुख्य शिक्षण अहिंसा था. गांधीजी का जन्मदिन २ अक्टूबर है. भारत से आने पहले गांधीजी साउथ अफ्रीका में वकील थे. गांधीजी का इतना सम्मान था कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में "सेवा गाँधी दिवस होने लगा". उनिवेर्सित्य ऑफ़ मिचिगन में हर साल "इंडियन अमेरिकेन स्टुडेंट आस्सोकिअतिओन" गाँधी डे रखते है. पिछले साल, गांधीजी के नाम में चार सौ छात्रों स्वयंसेवक करने आये थे. गाँधी जी के कहे हुए रस्ते पर चलकर भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई. कई और नेताएं जो की स्वतंत्रता के लिए लड़े थे उनके खिलाफ थे परन्तु वे हार नहीं माने और धीरे धीरे पुरे भारत में सत्याग्रह मशहूर हुआ और लोग उनके साथ हो गए. गाँधी जी भारत के एक महान पथप्रदर्शक थे और उनके कदमो और हमें उनके कदमो पर चलने की कोशिश करनी चाहिए. गाँधी जी सत्य में एहम विश्वास करते थे और हमेशा सत्य का साथ देते थे. उन्होंने कहा है की भले ही हमारे रास्ते में बाधाएं आये हमें हमेशा हौसला रखकर, आत्मविश्वास के साथ सत्य का साथ देते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए.

मेरा पसिंदिदा स्मारक

मेरा पसिंदिदा स्मारक एफिल टॉवर है. एफिल टॉवर परिस, फ्रांस में है और बहुत प्रसिद्ध स्मारक है. एफिल टॉवर, जो पेरिस में अत्यधिक इमारत है और सारा फ्रांस मैं दूसरी अत्यधिक इमारत है. लाखों लोग हर साल टॉवर को यात्रा करे. १८८९ मैं एफिल टॉवर "दुनिया मेला" के लिए बनाया गया थे. एफिल टॉवर का तीन मंजिल है, और पहला और दूसरा मंजिल पर रेस्तौरंट्स है. पहली और दूसरी मंजिल पर जाने तुम सीढ़ियों ले जा सकते हैं, लेकिन तीसरी मंजिल पर जाने के लिए, आपको elvator ले जाना पड़ा. एफिल टॉवर बहुत अंग्रेजी और हिंदी फिल्म में आते है. रीकन्ट्ली, हिंदी फिल्म "बचके रहना रे बाबा" मैं देख सकते है. १९८०'s मैं प्रेसिडेंट "चार्ल्स दे गुल्ले" ने कहा के एफिल टॉवर पांच - छे साल के लिए मोंत्रेअल, कैनाडा मैं ली जाना था. लोग कहते है के एफिल टॉवर सारे दुनिए मैं सबसे रोमांटिक जगह है. बहुत लड़का वहा उसका गर्लफ्रेंड को प्रोपोसे करते है. मुझे भी लगता है की यह टॉवर सारे दुनिया मैं सबसे रोमांटिक जगह है, मैं वहा पांच साल पहले गयी थी और रात मैं तीसरी मंजिल पर गयी थी और सारा परिस देखि थी -- यह दृष्टि बहुत सुन्दर थी और मुझे फिर जाना और देखना चाहती हु.

मेरा मंपसुन्द स्मारक

मेरा मनपसन्द स्मारक स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी है। स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी न्यू योर्क में है। हर साल मेरा परिवार और मैं न्यू योर्क जाते है। मेरे सग्गे नाना और नानी वहा रहेते है। हर साल जब हम जाते है हम स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी देखते है। मुझे स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी बहुत पसुन्द आता है कुयोकी वह बहुत बड़ा है और हरा रंग का है। वह एके अनोखा नमूना है। फ्रांस ने हमको स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी दिया था बहुत साल पहले। हमको यह तोफा मिला था क्योकि यहाँ हमारा आदाजी का एके नमूना था। उनितेद स्टातेस ने ब्रिटिश को यहाँ से भगाया था और बहुत सारे और युद्ध मैं भी लड़ाई की। हम ने फ्रांस की मदद भी कभी कभी की थी। मुझे वहा जाना बहुत पसुन्द है क्योकि मुझे बहुत अच्छा लगता है। वह अपने आप रहती है और जब मैं वहा जाता हु मैं सुब और चीज़े भुल्जाता हु। जब मैं बड़ा हो जाऊँगा तुब मुझे स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी के पास रहना है तो मैं वहा कभी भी जा सकता हु। वह एके हात में किताब पकडती है। और दुसरे हात में एके टोर्च पकडती है। दोनों चीज़े का कुछ मतलब है। फ्रांस ने अमेरिका को स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी दिया था १८८६ में।

मेरी मन पसंद की इमारत

मेरा मन पसंद इमारत मिशिगन में हैं। वह यहाँ एन आर्बर का इमारत भी हैं। मेरा मन पसंद इमारत मिशिगन स्टेडियम हैं। यह मेरा मन पसंद इमारत हैं क्योंकि मुझे फुटबोल का खेल बहुत ही पसंद हैं। यह इस देश का सबसे बड़ा फुटबोल का स्टेडियम हैं। स्टेडियम में १००,००० से ज्यादा लोगो गेम देखने जाते हैं। मिशिगन फुटबोल का एक बड़ा परम्परा हैं। जब मिशिगन का टीम खेल रही हैं, तब बहुत मज़ा आता हैं क्योंकि स्टेडियम का माहौल बहुत ख़ुशी हैं, जब टीम जीतती हैं। अभी स्टेडियम में काम चल रहा हैं। यहाँ पुनार्निअर्ण दो सालो से हो रहा हैं। अभी इस शनिवार को हम स्प्रिंग गेम को देखने जा रहे हैं। स्प्रिंग गेम बहुत ही इम्पोर्तंत होता हैं क्योंकि इस समय पर सब छात्रों और लोग टीम को सपोर्ट देने आते हैं। मुझे लगता हैं की इस साल बहुत लोग आयेंगे क्योंकि सभी को नया स्टेडियम देखना हैं और नयी टीम भी देखनी हैं। यह स्टेडियम साउथ केम्पस पर हैं। उसका मैदान नकली घास से बना हुआ हैं। यहाँ कुछ बीस सालो साईं नकली घास बना हुआ हैं। मैदान के सेंटर पर एक बड़ा म लिखा हुआ हैं। वह नीला और पिला रंग का लिखा हुआ हैं.

Tuesday, 13 April 2010

मेरा मां पसंद स्मारक

मेरा मां पसंद स्मारक कोबो सेण्टर है. कोबो सेण्टर देत्रोइत में है. देत्रोइत में यह एक बहुत महत्त्पूर्ण स्मारक है. हर साल इस निमार्ण में दुनिया का सबसे बड़ा ऑटो शो यहाँ है. हर जनुअरी, हजारो लोगो सब राष्ट्र से आते है, सिर्फ गाडी देखने के लिए. पहेले दिनों में बहुत बड़े सेलेब्रिटी आते है, और बहुत मजा आते है. हर साल में और मेरे पिता जी इस ऑटो शो में जाते है. हम दोनों गाडियों ने बहुत पसंद करते है, और इस ऑटो शो हमारा दूसरा क्रिसमस है. हम हर गाड़ी के पास जाते है, और हर विस्तार देखते है. और मुफ्त में बहुत चीजों आते है. मेरा कमरा में हर साल एक नया गाड़ी का पोस्टर है. लेकिन, पिछले तिन चार सालो में, ऑटो शो बहुत अच्छा नहीं है. ऑटो कंपनी के पास बहुत पैसा नहीं है, और ऑटो शो में बहुत पैसा नहीं इन्वेस्ट करते है. बहुत मुफ्त चीजों नहीं आते है, बहुत गाडी नहीं आते है, बहुत लोगो नहीं आते है, और थोड़े कंपनियों नहीं आते है. इस पिछले साल, मेरा मां पसंद ऑटो कंपनी, फेर्रारी, नहीं आई. और हमारा गोवेर्नोर ने कहा की कोबो सेण्टर ने बड़े करने छठी है, और कोबो सेण्टर का अरेना ध्वस्त करेंगे. शायद ये मेरा मां पसंद स्मारक नहीं रहेगा.

ऋजुता की मनपसंद स्मारक

मेरा मनपसंद स्मारक ताज महल है। ताज महल की बहुत चीज़ें खूबसूरत हैं। पहले, ताज महल की निर्माण अनुपम है। मुसलमानी योजना है। सफ़ेद रंग भी सुबह और शाम में अच्छा दीखता है। रात में ईंट चमकता है और सवेरा में, सुर ताज महल पर एक दूसरी तरह की आभा दीखते है।
शाह जहान ने ताज महल बनवाया। वह यह किया क्योंकि वह अपनी बीवी मुमताज़ महाल से बहुत प्यार करता था। ताज महल के अन्दर मुमताज़ महल की कमब्र है। ताज महल बनवाने के बाद, शाह जहान नहीं चाहता था की कोई और ताज महल जैसे बढ़िया इमारत कभी बना दे। लोग अभी कहते हैं कि इस लिए, शाह जहान सब निर्माते के कांटे और हाथ को कटा दिया। शाह जहान नहीं चाहते थे कि निर्माते कभी किसी और को कहे कैसे ताज महाल बनाया गया था।
मैं सिर्फ एक बार ताज महल देखने गया। मुझे बहुत पसंद आया। में सुबह उठकर टूर पर गया। ताज महल अभी भी बहुत साफ़ है - शाह जहान नहीं चाहता था कि उसका बीवी की कमब्र के पास कचरा हो। अभी, शाह जहान की कमब्र मुमताज़ महल की कमब्र के पास है।
ताज महाल प्यार की स्मारक है और इस लिए, निर्मात के अलावा भी खूबसूरत है।

ताज महल

भारत में ताज महल मेरा मनपसंद मीनार है लेकिन मैंने उस नहीं देखा. उसके पास बहुत सुंदर वास्तुकला है. निर्माण १६३२ शुरू किया और १६५३ खत्म किया. वह बहुत पुराना मीनार है. निर्माता सम्राट शाह जहान है, और वह निर्माण किया उसकी मनपसंद पत्नी के लिए. ताज महल आगरा में है.
मीनार आधिक संगमरमर है. बहुत आसरल इमारत है, बहुत स्वर हैं. मीनार सफ़ेद है. इमारत पर बहुत शोभा है, और ये आक्सर पौधे के आरेख हैं. इमारत के पास, एक बड़ा मैदान है, और इस में बहुत पौधे हैं. हर साल दो-तीन मिलियन विदेशी वह देखते हैं.
ताज महल कम प्रसिद्ध कुतुब मीनार से है. कुतुब मीनार को हर साल चार मिलियन लोग जाते हैं. ताज महल का वास्तुकला मुघल है. वह एक मकबरा है और सम्राट शाह जहान की पत्नी वहाँ है. वह एक खूबसूरत इमारत है!

मेरा मन पसंद स्मारक- सतीश मोहन

जब आप स्मारक के बारे में कहते हैं, बहुत लोग पहले ताज महल या "Statue of Liberty" के बारे में सोचते हैं. लेकिन दूसरे स्मारक भी हैं. एक उदारण "Gateway Arch" है. यह मेरा मन पसंद स्मारक है. आर्च St. Louis में है. यह दुनिया की सबसे लम्बा स्मारक है. यह अनोखा स्मारक है क्योंकि यह अमेरिका का पूर्वी भाग पश्चिमी भाग से अलग करता है. Eero Saarinen और Haanskarl Bandel ने १९६५ में बनवाया. बनाते हुए दो साल हो गया. यह १९२ m लम्बा है. उस के नीचे छोटी-छोटी हवाइयां उड़ सकता है. अब तक, ११ हवाई जहाज उस के नीचे उड़ा गया है. हर दिन बहुत लोग यहाँ आते हैं और फोटो लेते हैं. आगंतुक उप्पर जा सकते हैं. वहां से दूर से देख सकता है.

जब मैं छोटा था, मैं और मेरा परिवार एक बार वहां गए. मैं और मेरा भाई यह देखकर बहुत घबरे हुए. हम ने सोचा की आर्च गिरेगा. अगर आप देखते हों, आप भी सोचेंगे. मेरा पिताजी ने हम दोनों को एक विडियो खरीद दिया. इस विडियो में, आर्च का पूरा इतिहास बताते हैं. में सोचता हूँ की अब तक यह विडियो हमारे पास है. मुझे याद भी है की मैं आर्च देखने की समय में, मेरे पास अपना पहले कैमरा है. मैंने उस से आर्च पर बहुत फोटो लीया. मुझे उम्मीद है की आर्च देखने के लिए फिर जाऊँगा.

मेरा पसंदीदा स्मारक

मेरा पसंदीदा स्मारक ताज महल है। यह एक एसा भवन है जो दुनिया में बिलकुल अनोखा है। यह स्मारक शाहजहाँ ने बनवाया था। उसने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद को हमेशा जिन्दा रखने के लिए। वह मुमताज़ को बहुत प्रेम करते थे। मुमताज़ की मौत अचानक होजाने पर शाहजहाँ पागल हो गए। उन्होंने मुमताज़ की याद में एक एसा स्मारक बनवाया जो दुनिया में सबसे सुंदर और अलग था। उन्होंने इस स्मारक का नाम रखा "ताजमहल" यानि मुमताज़ का बहल। इस स्मारक को बनवाने के लिए दुनिया के खोने खोने से निमार्ता बुलवाया गया ताकि ताजमहल सबसे सुंदर बनाया जा सके।
ताजमहल इंडिया के आगरा शेहर में है जो दिल्ली से कुछ सौ मील है। यह स्मारक सफेद संगमरमर से बना है और इसके सामने फौंतैन है। संगमरमर के दीवारों पर अद्दभुत मीनाकारी की हुई है। यह स्मारक इतना सुंदर है की दुनिया के खोने खोने से "तौरिस्ट्स" इसको देखने आते हैं। हर देखने वाला मोहित हो जाता है। ताजमहल को दुनिया का आत्वा "वोंदर" कहा गया है। यह सोला साल से लोगो के लिए प्रेम का प्रतिक है। और ताजमहल ने एक छोटे से शेहर को दुनिया का एक खास शेहर बना दिया है। इसलिए मुझे ताजमहल पसंद है.

Monday, 12 April 2010

मेरा मनपसंद ईमारत

मेरा मनपसंद ईमारत सन फ्रांसिस्को में हेँ। उसका नाम "पलके ऑफ़ फिने आर्ट्स ठेअतरे" हेँ। यह सुंदर ईमारत एक छोटा पार्क में हेँ। बहुत लोग इस ईमारत के बारे में नहीं जानते हेँ क्योंकि बहुत लोग जब आते हेँ सन फ्रांसिस्को, वे बस गोल्डेन गाते ब्रिद्गे देखने जाते हेँ। मुझे यह ईमारत पसंद हेँ क्योंकि वहाँ पर एक झील हेँ जिस पर हंस तैरते हेँ। जब रात हो जाती हेँ, तब पेलिस में प्रकाश के बुल्बो जलती हेँ। तब सब रौशनी यह झील में दिखती हेँ। मुझे यह ईमारत पहली बार दिखी थी जब में हाई स्कूल में थी। मेरा परिवार गाड़ी में बैठ कर घूम रहे थे। तब हम को यह ईमारत दिखी थी। जब गाड़ी से निकले, तब पता चला की यहाँ ज्यादा लोग नहीं थे। हम को बहुत अच्छा लगा।

यह पेलिसे १९१५ में बननी थी। इसका डिज़ाइन रोमन और ग्रीक इमारतों के जैसे हेँ। आज कल इस ईमारत के अंदर लोग बहुत तस्वीरें देखने आते हेँ। यहाँ पर कभी कभी नाटक प्रदर्शन होती हेँ। लोग सब से ज्यादा यहाँ पर आते हेँ आपना शादी कराने। आभी, थोरे से महीने पहले, यह ईमारत एक बॉलीवुड फिल्म में दिखी थी। ईस फिल्म का नाम हेँ "मेरा नाम खान हेँ"। यह ईमारत फिल्म में दिखाई थी जब काजोल और शाहरुख़ खान की शादी हुई थी। यह मेरी मनपसंद ईमारत हेँ और में वहाँ पर वापस जाना चाहता हूँ।

मेरा मनपसन्द वास्तुकला "इफेल" मीनार है

मेरा मनपसन्द वास्तुकला "इफेल" मीनार है। इफेल मीनार "पेरिस, फ़्रांस" में है. इफेल मीनार पेरिस में सुबसे लम्बा इमारत है और दुनिया में दस लाख लोग आते हैं यह इमारत को देखने के लिए. सन १८८९ १९३० तक, इफेल मीनार दुनिया में सुबसे लम्बा इमारत था. १९३० में, "नीऊ योर्क" नगर में, और एक लम्बा इमारत बनाया गया: "क्रईस्लेर" इमारत. यह इमारत का निर्माण १८८७-१८८९ है, तीन साल में इमारत बनाया गया. यह इमारत एक आदमी का योजना था: "गुस्ताव इफेल" उसका नाम था. तीन सौ निर्मते इफेल मीनार "आइरन" से बनाते थे.

लोग "टिकेट" खरीद सकते हैं पहला और दूसरा मंजिल जाने के लिए. मंजिल तीन और चार जाने के लिए, लोग "लिफ्ट" ले सकते हैं. लेकिन, जब यह इमारत बनाता था, एक मतभेद था. कुछ लोगों ने सोचा था की यह इमारत बहुत सुन्दर है, और कुछ लोगों ने सोचा था की यह इमारत बहुत कुरूप है. आज, इफेल मीनार बहुत फिल्म में देखा जाता है. इफेल मीनार बहुत प्रसिद्ध इमारत है.

दो साल पहले, में पेरिस गयी तीन दोस्तों के साथ। हम एक रात इफेल मीनार गये. हमने कुछ रोटी, शराब, और पनीर लिए और इफेल से नीचे हमने एक "पिकनिक" किया. यह बहुत मजेदार था. तब, हमने एक "लाइन" में इन्ताजार की एक घंटे के लिए. अंत में, हम इफेल का ऊपर गये. सहसा, इफेल का दीप जला गया. यह बहुत सुन्दर चीज़ है.

Sunday, 11 April 2010

ताज महल

मेरा पसंदीदा स्मारक ताज महल है. ताज महल एक समाधि है. यह आगरा में है (आगरा दिल्ली के पास है). ताज महल शाह जहान के द्वारा बनाया गया था. शाह जहान अपनी पत्नी (मुमताज़ महल) के लिए ताज महल को बनाया. दोनों शाह जहान और अपनी पत्नी ताज महल में दफ़न करते हैं.

ताज महल की वास्तुकला बहुत सुन्दर है. ताज बहुत बड़ा है, और चोटी पर एक बड़ा गुंबज है. ताज महल सफेद संगमरमर से बना है. बहुत सुन्दर बगीचे ताज महल के पस हैं. बगीचे में कुछ फव्वारे हैं. जब बाहर में हवा नही है, तब पानी फव्वारे में निश्शब्द है. जब, लोग अपने प्रतिबिम्ब और ताज महल के प्रतिबिम्ब को देख सकते हैं. ताज महल के पस तीन और इमारत भी हैं. ये इमारत लाल पत्थर से बने हैं. ये इमारत शाह जहान के तीन और पत्निया के लिए बनाये गये हैं. उन इमारत के पस एक और इमारत है; यह उसके पसंदीदा नौकर के लिए बनाया गया है. ताज महल की उंचाई ११५ फीट है.

मैने एक बार ताज महल को देखा है. जब मैने ताज को देखा, मै छोटी लड़की थी. मै डरती थी क्योकि आगरा बहुत जनसंकुल और गंदा था. लेकिन, ताज महल बहुत सुन्दर देखा. यहाँ मेरे पिता और माता बहुत फोटो खींचते थे.

Saturday, 10 April 2010

मेरी मन पसंद निशानी

हर समय मैं "वाशिन्ग्तों डी.सी." जाती हूँ, मैं निशानियाँ देखना अच्छी लगती हैं. वहां, सारी निशानियाँ के इतिहास खूब दिलचस्प हैं और निशानियाँ का निर्माण भी सुन्दर हैं. इस शहर में,मेरी मन पसंद निशानी "वर्ल्ड वर II" हैं. जो लोग युद्ध में मर गए, यह निशानी उनको आदर करता है. WWII "मेमोरिअल" २००४ में खुला और दिन भर खुला रहता है. रात में, मुझे इस निशानी को देखने पसंद है. निशानी "लिंकोलं मेमोरिअल" और "वाशिन्ग्तों मेमोरिअल" के बीच में खड़ी है. इस निशानी में, ५६ खम्भा एक छोटी झील को गांसते हैं. बहुत लोग को झील के आस-पास बैठने पसंद हैं क्योंकि वहां जगह बहुत शांत है.

मुझे "मेमोरिअल" का इतिहास के बारे में सिखने पसंद है क्योंकि अम्रीका और दुसरे देशों के लिए यह समय ख़ास है.  मैंने यह निशानी पहली बार देखा चार और पांच साल पहले. हालाँकि मैं जवान थी, मुझे निशानी का अर्थ अच्छा लगता था और मुझे अभी भी पसंद है. इस गर्मी में, जब मैं "वाशिन्ग्तों डी.सी." में काम करूंगी, मैं निशानी के पास और समय बिताने सकती हूँ. इस शहर में और *मशहूर निशानियाँ हैं जो मैं देखना चाहती हूँ. 

- नीना 





मेरी पसंदीदा निशानी

मुझे जलियांवाला बाघ की निशानी पसंद है। पिछले साल, जब मैं और मेरा परिवार पंजाब गए, हम अमर्तिसर गए। जलियांवाला बाघ अम्रिस्तर में है, हरमंदिर साहिब के पास है। आज जलियांवाला बाघ एक खूबसूरत का जगह है कयोंकी वहां बहुत साफ़ है, बहुत फूल और पेड़ हैं। १९१९१ में, यह बाघ में एक भीषण घटना हो गयी। एक दिन, बैसाखी का दिन पर, दस हजार लोग बाघ को आया। एक प्रतिवाद शांत का , आजादी के बारे में, हो रहा था। ब्रिटिश गेनेराल द्येर को यह नहीं पसंद था, और वह और उसके फौजी बाघ को आया। जलियांवाला बाघ में सिर्फ एक साह, आना और जाना के लिए, है। गेनेराल द्येर ने फाटक बंद किया ताकि लोग जा नहीं सकते। उसके बाद, १५० फौजी लोगों को गोली मारा। यह बहुत उदास कांड था। आधिक अबोध आदमी, औरतें, और बच्चे मर गए। वहां एक कुआ हैं उसमे कुछ लोग बादे।
आज वहां एक अच्छी और सूंदर निशानी हैं। अगर आप वहां जाएँ, तो गोलियां का अंक और कुआ देख सकते हैं। जब मैं बाघ में था, मैं केवल बेटा। मैं ने सोचा कि यह घटना डरावना पड़ती थी। यह निशानी बहुत जरुरी हैं कयोंकी दिकाती हैं कितने बुरे लोग, गेनेराल द्येर के जैसा, हो सकते हैं।

Friday, 9 April 2010

मेरी सबसे पसंदीदा इमारत

मेरी सबसे पसंदीदा इमारत एइफ़्फ़्ले तोवेर है। एइफ़्फ़्ले तोवेर बहुत ही खुबसूरत है। यह इमारत निनेतींथ सन्तुरी फ्रांस में बनी थी। वेह ३२४ मेतेर्स ऊँची है। पूरी इमारत इरों से बनी हुई है। यह इमारत दुनिया की सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से है। हज़ारों लॉन्ग हर साल फ्रांस आते है इस इमारत को देखने।यह इमारत बहुत होल्ल्य्वूद और बॉलीवुड फिल्मों में भी दिखाई जाती है।

इस इमारत को गुस्तावे एफ्फिएल ने १८८९ में बनाया था। यह १८८९ के वर्ल्ड फिर की एंट्रंस अर्च्वय थी। जब एफ्फिएल तोवेर बनी थी, लोगों को पसंद नहीं आई क्योंकि वेह बहुत बड़ी थी। एफ़्फ़िएल तोवेर में तीन मंजिलें हैं । पहली मंजिल पर एक रेस्तौरांत है। दूसरी और तीसरी मंजिल पर भी रेस्तुरांत और दुकानें हैं। जनुअरी ३, १९८६ में इमारत की ऊँची मंजिल आग में जल गयी। १९५७ में एक नयी मंजिल बनायीं गयी थी। एफ्फिले तोवेर पार ७२ अलग अलग फ्रेंच वैज्ञानिकोँ के नाम छपे हुए हैं। न्यू इयर एवे के दिन पुरे इमारत पार पटके छुते हैं। हर रत एफ्फिएल तोवेर पर बहुत ही साड़ी बिजली के बल्ब जलते हैं इसे से पूरी इमारत चमकने लगती है। मुझे फ्रांस शहर बहुत पसंद है इसलिए मुझे एफ्फिले तोवेर भी अच्छा लगता है। दुनिए में बहुत सी इमारतें हैं लेकिन एफ्फिले तोवेर जैसे इमारत नहीं है।

Wednesday, 7 April 2010

जेकब का मनपसंद तेयौहीर

दीवाली के बारे में
दीवाली मेरा मनपसंद हिंदुस्तानी त्यौहार है. दीवाली की अर्थ दियों की कतार है. दीवाली की अर्थ भी दो कथे के बारे में है. मैं दीवाली नहीं मनाई क्योंकि मेरा परिवार हिंदू या हिंदुस्तानी नहीं है. मैं सिर्फ़ डोर्म का त्यौहार में मनाया था. परलोक में, मैं दोस्तों के साथ मनाना चाहता हूँ. मैं भी चाहता हूँ कि शायद एक दिन मैं भारत में मनाऊँगा.
हिंदू लोग दीवाली पर पूजा करते हैं. दीवाली का लंबा नाम दिपावली है. दीवाली पर परिवार दिये जलाते हैं. घर में, सब लोग सजाते हैं. दीवाली पाँच दिन के लिए मनाते हैं. भारत की कथाएँ और साहित्य में जीवन के लिए अत्यावश्यक है. भारत और नेपाल में देश का त्यौहार है.
इस त्यौहार में लक्षमी एक अत्यावश्यक देवी है. वह द्रव्य की देवी है. जो लोग वह मिलने जोते उनको बहुत द्रव्य है. लक्षमी सिर्फ़ आधिक साफ़ घर मिलने जाते हैं.

दीवाली

मेरा पसंदीदा अवकाश दीवाली है. दीवाली का मतलब है, "दिया की कतार." बहुत देश में दीवाली मनाया जाता है: भारत, सिंगापुर, मलेशिया, फिजी, और अमरीका. भारत में, दीवाली एक अक्सर, दीवाली अक्टूबर या नवम्बर में मनाया जाता है. दीवाली एक बहुत ख़ुशी दिन है. लोग श्री राम और सीता का प्रतिगाम वन से मानते हैं. लोग लक्ष्मी (द्रव्य की देवी) को पूजा करते हैं. दीवाली को, लोग पटाखे देखते हैं और रिश्तेदार मिलते हैं. लोग नये कपडे पहनते हैं, प्रतिभा देते हैं, और मिठाया खाते हैं.

मेरे पिता का परिवार दीवाली मनाता है (मेरे पिता हिन्दू हैं, लेकिन मेरी माता कैथलिक हैं). इसलिए, दीवाली को मेरे पिता, मै, मेरी बहन, और मेरा भाई मंदिर जाते हैं. यहाँ, सुबह में, हम लक्ष्मी पूजा करते हैं. पूजा के बाद हम और मेरी माता मेरे चाचा का घर जाते हैं (मेरी दादी भी मेरे चाचा के घर में रहते हैं). यहाँ, हम कुछ मिठाया और अच्छा खाना खाते हैं. दीवाली को मेरी दादी बहुत बढ़िया हल्वा बनाते हैं. हम एक दुसरे को पैसे देते हैं, और हम सब मेरी छोटी चचेरी बहन को कुछ खेल देते हैं. तब, हम बात करते हैं और आराम करते हैं. कभी कभी हम कोई बाल्लीवूद फिल्म को देखते हैं, या हम हम अपने रिश्तेदार भारत से को फोन करते हैं. शाम को हम स्पार्क्लर (छोटे आतिशबाजी) जलते हैं. ये बहुत सुन्दर हैं. हम सब ख़ुशी हैं.

Monday, 5 April 2010

मेरा पसिन्दीदा हिन्दुस्तानी त्योहार

मेरा पसिन्दीदा हिन्दुस्तानी त्योहार नवरात्री है. नवरात्री दुर्गा माँ की उत्सव है और गुजुरत में, नवरात्री का उत्सव बहुत बड़ा है और सब लोक को बहुत मज़ा आती है. नवराति में नौ दिन है और लोक दसवां दिन दुस्शेरा बुलाते है. नवरात्रि का दिन पर लोग "fast" करते है और सुब्जीय और नमक नहीं खाते है. सुबह में लोग पूजा करते है और रात को परिवार के साथ पूजा, रास गरबा, और आरती करते है. कुछ लोग मंदिर में जाते है और पूजा रखते है लेकिन घर में पूजा रखते है. लोग स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए पूजा करते है. जब लोग मंदिर में गरबा करते है, तब दुर्गा माँ की तस्वीर मध्य में है और जब लोग आरती करते तब दुर्गा माँ की प्रतिमा के सामने करते है. लड़कियों और महिलाओं के लिए नवरात्रि बहुत मज़ा है क्युकी यह "माँ" की पूजा है. लड़कियों और महिलाओं को बहुत खाने और उपहार देते है और देवी जैसे तरात करते है. नवरात्रि के आखरी दिन दुस्शेरा पर लोग थाली लेकर परिवार के घर पे जाते है और "सोने गया सोंयासराखे रहा" कहते है.

जैन धर्मो का सबेसे बड़ा त्यौहार

जैन धर्मो का सबसे बड़ा त्यौहार है पर्यूषण पर्व. पर्यूषण पर्व अगस्त महीने में पड़ते है, ८ दिन के लिए. लोग उपवास का व्रत लेते है. जैन धर्मं में व्रत को तप कहते है, और लोगो को तपस्वी. कुछ लोग दिन में सिर्फ एक और दो बार खाते है, और कुछ लोग ८ दिन के लिए कुछ नहीं खाते. इस तप का नाम अटाई है. यह तप बहुत मुश्किल है, लेकिन अभी भी लोग ख़ुशी से करते है. हर सुबह लोग मंदिर जाकर भगवान कि पूजा करते है. हर रात मंदिर वापस आकर भजन गाते और सुनाते है. भारत में पर्यूषण पर्व के लिए और भी किया जाते है, लेकिन यहाँ इतने संसाधनों नहीं है. त्यौहार में एक दिन स्वप्ना दर्शन है. इस में बड़ी उत्सव से त्रिशला देवी कि पूजा करते है. यह दिन पर लोग अपने नए कपडे पहनते है. आखिरी दिन पर एक लम्बी ध्यान के लिए लोग एक साथ देरासर आते है. यह संवत्सरी प्रतिक्रमण कहेते है. ४ घंटे के लिए कयोसर्गा में बैठे कर लोग अपने आत्मा को प्रार्थना करते है. प्रतिक्रमण के बाद लोग पुरे गाव से क्षमा मांगते है. त्यौहार दिनों के बाद पार्न में लोग अपने तप एक साथ छोड़ते है. पहले तपस्विओ के लिए देरासर कि प्रदर्शन किया जाते है, उसके बाद सभी लोग एक दुसरे को खाना खिलाते है. मुझे लगता है कि जैन लोग यह त्यौहार के लिए एक साथ आते है और नए रिश्ते बनाते है.

मेरा मन पसंद त्यौहार - सतिश मोहन

भारत का हर त्यौहार बहुत सुन्दर है और सब लोग खुश से मनाते हैं. एक दो दिनों के लिए, लोग उनका पूरा चिंता भूल जाते हैं. नगर में सभी लोग दुसरे का घर पर जाते हैं और बधाई बोलते हैं. हर त्यौहार को अलग अलग नाम, अर्थ, परंपरा है. मेरा मन पसंद भारतीय त्यौहार पोंगल है. पोंगल भारत का दक्षिण में मनाया जाता है. यह 'संकरान्ति' दुसरे राज्यों में बोलते हैं. यह त्यौहार हर जनुवरी में आती है. पोंगल फसल का त्यौहार है. इस में, किसाने भगवन को पूजा करते हैं अच्छी फसल के लिए उस साल को. बच्चे माता-पिता से उपहार लेते हैं और स्कूल नहीं जाते. घर पे, विशेष्य खाना बनाते हैं. माताए खुश हुए पोंगल पकातीं हैं. मेरा घर में, मीठा और मसालेदार पोंगल बनाया जाता है. मेरी माँ पोंगल बहुत घी से पकाती हैं और हम गरम सांबर से खाते हैं. पापाजी हमरे दोस्तों को ग्रीटिंग कार्ड बजते हैं. वह तमिल भाष्य में एक कविता लिखता हैं और कार्ड पर हमारे परिवार का तस्वीर लगते हैं. वह हर साल को बजते हैं.

मुझे याद है की जब में छोटा था, मेरा परिवार अमेरिका में था, इस लिए हमारे साथ पोंगल मनाने के लिए सिर्फ कम लोग थे. फिर भी, हम सब ने एक स्तन पर जाकर साथ साथ खाना खाया हैं. मैं और दुसरे बच्चे ने नाटक की और गाना गाई. अभी मैं बहुत ज्यादा नहीं करता पोंगल मनाने के लिए. अचूक से, मेरा माता-पिता ग्रीटिंग बजते हैं, लेकिन मुह्जे गरम पोंगल चाहिए! शायद अगले साल को मैं भारतीय रेस्तरां जाओ.

भारतीय उत्सव - नवरात्री

नवरात्री एक नामवर उत्सव है। भारत में, नवरात्री दो बार होता है। एक बार अप्रेल में होता है और दूसरी बार अक्टूबर में होता है। अक्टूबर में बड़ा उत्सव होता है। लोग अपने घरों में माँ दुर्गा की प्रतिमा लगाते हैं। वे माँ दुर्गा की पूजा करते हैं। देवी की लिए, लोग फूल और मिठाइयाँ देते हैं। माँ दुर्गा के बार में लोग भजन भी गाते हैं। दुर्गा की बहुत विधि है - माँ दुर्गा की नाम कभी कुमारी होता है, कभी पारवती होता है, और कभी काली होता है। जब माँ दुर्गा कुमारी है, वे पारवती और काली से अलग होती हैं। देवी लक्ष्मी की पूजा भी होता है। नवरात्री में देवी सरस्वती की पूजा भी होता है। नवरात्री में तीन देवी की पूजा किया जाता है।
नवरात्री की पहले तीन दिन में माँ दुर्गा की पूजा होता है। लोग माँ दुर्गा की शक्ति और एनेर्जी की पूजा हो जाता है। इन तीनों दिन में, लोग कुमारी, पारवती, और काली की पूजा करते हैं।
पहले तीन दिन के बाद, देवी लक्ष्मी की पूजा होता है। देवी लक्ष्मी घन की देवी है। देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद, लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। देवी सरस्वती ज्ञान की देवी है।
नवरात्री की नवां दिन पर महानवमी होता है। इस दिन पर कन्या पूजा होता है। दिन ख़तम होने के पहले, लोग माँ दुर्गा की प्रतिमा पानी में डूबते हैं।
नवरात्री की दिन में, लोग गरबा और डंडिया नाच करते हैं।

दिवाली

मेरा सबसे मून पसुन्द त्योहार दिवाली है। यह त्योहार नया साल को बधाई करता है। बहुत सारी कहानीयो दिवाली के बारे में लिखी है। एके कहानी राम और रावन के बारे में है। और एके कहानी कृष्ण भगवन के बारे में थी। जब राम रावन को मर कर वापिस अयोध्या आया तब सब लोग बहुत खुश थे। सब लोग रस्ते के ऊपर बहुत सरे दिए जलाए। सब लोग फिर राम की पूजा किये और उनको स्वागत किया।

हर साल जब दिवाली आती है तो मेरी माँ बहुत सारा खाना बनती है। वहा बहुत देर के लिए खाना बनिती ही। बहुत सारे लोग हमारे घर आते है और हम सुब पूजा करते है। हम कृष्ण भगवन, लक्ष्मी माता की और राम भगवान् की पूजा करते है। हम सरे घर की बिगली जलाते है और घर रौशनी से भर जाता है। हम सारा घर साफ़ करते है। मरी माता मुझको और मेरे भाई को तौफा देती है। हम अपने दोस्तों के सात वक्त गुज़रते है। बहुत मज़ा आता है दिवाली के समय में। हम नाचते और गाते है। कभी कभी हमारे परिवार जो पास में नहीं रहते है वह आते है। एके बार कोई लोग भारत से भी आये थे और उनके सात हम दिवाली मनाये।

मेरा मन पसंद त्यौहार

भारत देश में और हिन्दू धर्मं में बहुत ही त्योहारों हैं। सब राज्य के त्योहारों भी अलग अलग होते हैं। हमारे गुजरात में भी बहुत त्योहारों भी हैं। मकर संक्रांति, राम नवमी, गुरु पूर्णिमा, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, नवरात्री, दिवाली, सब मनाते हैं। मेरा परिवार सब मनाते हैं। हमारा मंदिर में भी सब त्योहारों के लिए उत्सव रखते हैं। मेरा मन पसंद त्यौहार नवरात्री दिवाली हैं। नवरात्री का अर्थ बहुत ही असान हैं। नव का अर्थ ९ हैं और रात्रि का अर्थ रात हैं। नवरात्री दस दिन और नव रत का उत्सव होता हैं। आखरी दिन दशेरा होता हैं। नवरात्री में सब लोग माता दुर्गा के लिए मनाते हैं। प्रतिदिन माताजी की पूजा होती हैं। गुजरात में सब डंडिया-रास खेलते हैं। मेरा एक मन पसंद त्यौहार हैं क्योंकि जब सब डंडिया और रास खेल रहे हैं, तब बहुत अच्छा गाना गाते हैं और साधन खेले जाते हैं। मुझे साधन का आवाज बहुत पसंद हैं। दीवाली मेरा दूसरा मन पसंद का त्यौहार हैं क्योंकि बहुत सारे लोगो खुश होते हैं। हमारे मंदिर में दीवाली पर लक्ष्मी जी की और हनुमान जी का पूजा किया जाता हैं और अन्नकूट भी रखा जाता हैं। दिवाली पर बहुत अच्छा खाना और मिठाई भी होती हैं। मेरी माँ जलेबी और लादू बनाते हैं.

मेरा मनपसन्द त्यौहार दीवाली है

मेरा मनपसन्द त्यौहार दीवाली है. दीवाली नाम दीपावली से आती है. दीपावली का अर्थ है दीप की कतार. भारतया कैलेंडर में, दीवाली पाँच दिनों के लिए मनाई जाती है. सारा लोग दीवाली मनाते है फूल, पूजा, "फैर्व्क्स", और मिठाया के साथ. लेकिन हर एक धर्म के लिए दीवाली का अर्थ अलग है. हिन्दू लोग यह कहानी बोलते हैं: दीवाली राम और कृष्ण के बारे में. राम रक्षास रावण को मारकर अयोध्या को वापस आये. सारा लोग ख़ुशी से दीप लगाते हैं और एसे है दीवाली बनाते हैं. और एक दिन दीवाली से पहले कृष्ण एक रक्षास नाराकसुरा को मारा. दोनों कहानी इस बात के बारे में: शुभ अशुभ से जीत करता है.
मेरे घर में, में मेरी परिवार और भारतया लोगों के साथ समय बिताती हूँ. हर एक साल, मेरी परिवार अलग अलग चीज़े करती है. एक बार, हम सिर्फ घर में रहते हैं. मेरी माँ ने हमारे लिए पूरी, सबजिया, और मितायाँ बनाये. मेरी माँ ने भी पूरा दिन नहीं खाना खाया जब तक उन्होने रात का पूजा किया. मेरे पिता ने मेरी बहन को और मुझको नए कपड़े दिए और मेरी माँ ने हम को एक एक किताब दी. में बहुत ख़ुशी थी.

दूसरा साल, मेरी परिवार ने और कुछ भारतया परिवार के साथ समय बिताया. हिन्दुस्तानी छात्र ने "सेंट्रल मिचिगन युनिवेर्सिटी" से एक बड़ी पार्टी की. पार्टी पूरा "कम्युनिटी" के लिए. सारा हिन्दुस्तानी लोग कुछ खाना पककर लाया. छात्र ने भी एक "टलेंट शो" किया. लोगों ने "स्टेज" पर गीत गाया, नाच किया, और कुछ वाद्य बजाया. यह बहुत मजेदार है.मेरा मनपसन्द त्यौहार दीवाली है. दीवाली नाम दीपावली से आती है. दीपावली का अर्थ है दीप की कतार. भारतया कैलेंडर में, दीवाली पाँच दिनों के लिए मनाई जाती है. सारा लोग दीवाली मनाते है फूल, पूजा, "फैर्व्क्स", और मिठाया के साथ. लेकिन हर एक धर्म के लिए दीवाली का अर्थ अलग है. हिन्दू लोग यह कहानी बोलते हैं: दीवाली राम और कृष्ण के बारे में. राम रक्षास रावण को मारकर अयोध्या को वापस आये. सारा लोग ख़ुशी से दीप लगाते हैं और एसे है दीवाली बनाते हैं. और एक दिन दीवाली से पहले कृष्ण एक रक्षास नाराकसुरा को मारा. दोनों कहानी इस बात के बारे में: शुभ अशुभ से जीत करता है.

मेरे घर में, में मेरी परिवार और भारतया लोगों के साथ समय बिताती हूँ. हर एक साल, मेरी परिवार अलग अलग चीज़े करती है. एक बार, हम सिर्फ घर में रहते हैं. मेरी माँ ने हमारे लिए पूरी, सबजिया, और मितायाँ बनाये. मेरी माँ ने भी पूरा दिन नहीं खाना खाया जब तक उन्होने रात का पूजा किया. मेरे पिता ने मेरी बहन को और मुझको नए कपड़े दिए और मेरी माँ ने हम को एक एक किताब दी. में बहुत ख़ुशी थी.

दूसरा साल, मेरी परिवार ने और कुछ भारतया परिवार के साथ समय बिताया. हिन्दुस्तानी छात्र ने "सेंट्रल मिचिगन युनिवेर्सिटी" से एक बड़ी पार्टी की. पार्टी पूरा "कम्युनिटी" के लिए. सारा हिन्दुस्तानी लोग कुछ खाना पककर लाया. छात्र ने भी एक "टलेंट शो" किया. लोगों ने "स्टेज" पर गीत गाया, नाच किया, और कुछ वाद्य बजाया. यह बहुत मजेदार है.

Sunday, 4 April 2010

दिवाली - मेरा मनपसंद त्यौहार

मेरा सबसे मनपसंद त्यौहार दिवाली है. दिवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. दीपावली का मतलब है दीपक की कतार. दिवाली के दिन लोग नए कपडे पहेन्ते हैं और एक दुसरे के साथ मिठाई बाँट ते हैं. हिन्दू धर्म में, दिवाली के दिन भगवन राम श्रीलंका के राक्षस राजा रावण को हारने के बाद अपने राज्य अयोध्या वापस लौटते हैं. यह रामायण के महाकाव्य कहानी में लिखा है.
मुझे यह त्यौहार बहुत अच्छा लगता है और मेरे घर पे हम सब इससे बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं. सुभे उठकर पहले हम लक्ष्मीजी की पूजा करते हैं और फिर नए कपड़ों में तय्यार हो जाते हैं. बच्चपन से पापा मुझे और मेरी बहन को पठाके खरीदने लेजाया करते थे. हम दोनों को अलग अलग उत्तेजक पठाके चुनने में बहुत मज़ा आता था और हम अपने सारे दोस्तों को वे पठाके ख़ुशी से दिखाते!
मैं हर साल अपने घर के दरवाज़े के बहार रंग बिरंगी रंगोली भी बनाती और उससे मोमबत्तियों से सजाती.
फिर शाम को हम सब अपने दोस्तों के साथ पठाके जलाते. आकाश उस रात कितना खूबसूरत और रंगीन दीखता है!
उसके बाद सब दोस्त किसी के घर जमा हो जाते थे और स्वादिष्ट खाना और मिठाइयों का मज़ा लेते! दिवाली सच में एक बहुत ही मजेदार और सुन्दर त्यौहार है.

मेरा पसंदीदा त्यौहार

भारत में बहुत-बहुत त्यौहार है और मेरा पसंदीदा त्यौहार नवरात्री है। मैं दुर्गा माता में विश्वास करता हूँ, इसलिए मुझे नवरात्री पसंद हैनवरात्री ९ दिन है: पहले दिन दुर्गा के लिए हैं, अगले तीन दिन लक्ष्मी माता के लिए हैं , और आख़िरी तीन दिन सरस्वती माता के लिए हैं। पंजाब में, हिन्दू लोग नवरात्रि आधिक अहम से मनाते हैं। वहां लोग सारी रात जगराता करते हैं और व्रत रखते हैं। अम्रीका में, मेरी मामीजी ही, नवरात्री के लिए, व्रत रखती हैं। गुजरात में, लोग गरबा और रास करते हैं। यह कहावत बहुत मजेदार हैं। लोग माताजी की तस्वीर घुमते हैं और नाचते हैं।
हर साल, घर पर मेरा परिवार हर ९ रात
दुर्गा की पूजा करते हैं। हर साल, मैं कुछ चोड़ता हूँ। पिछले साल मैं ने मिठाइयाँ चोड़ी। नवरात्रि में, दुर्गा अष्टमी बहुत शानदार है और मेरा परिवार अष्टमी की पूजा करते हैं। पूजा करके बहुत बहुत शांत मनोदशा में आता है इस दिन पर हम तेल के दिये जलाते हैं, काले चोले और पुरियां बनाते हैं, और कुछ मिठाइयाँ बनाते हैं। मैं चाहता हूँ कि एक साल मैं नवरात्री के लिए भारत जाऊ क्योंकि भारत में लोग अच्छा मनाते और नवरात्री में, मंदिर बहुत सुन्दर लगता है.

मेरा मनपसंद त्यौहार - रौनक

हिंदुस्तान में बहुत अलग अलग त्यौहार मनाया जाते है। हिंदुस्तान का सारा त्यौहार यहाँ अमेरिका में नहीं माना जा सकता है। जब भी मैं भारत जाता हूँ तभी मैं वह त्यौहार देख सकता हूँ। एक बहुत मज़ेदार त्यौहार उत्तरायण है। उत्तरायण पतंग की त्यौहार है, और गुजरात में जान्युवेरी में मनाया जाते है। हम उत्तरायण मनाते है भगवान् के लिये। दन्यवाद के कारन है, जेसे अमेरिका में तेंक्स्गिविंग होती है, क्योंकि पूरी शर्दी भगवान सोते है, और अब छे महीने के बाद उठते है और मज़ा के समय आया है। उत्तरायण के दिन लोग सुबह से शाम तक अपना टेरस पर पतंग उड़ते है। एक दिन में लोग पचास - सौ पतंग उपयोग करते है। अपना पतंग से कोई अलग पतंग को डोरी तोड़ना है, और वह आदमी जीतता है। पतंग बहुत सस्ता मिलती है, और डोरी पर कांच होती है। यहाँ अमेरिका में उत्तरायण भारत जेसे नहीं मना सकते हैयहाँ सभी चीज़ ज्यादा दाम होती है इसीलिए बहुत पतंग नहीं हो सकेंगेवहा लोगों के पास कोई समय नहीं मिलती है इसीलिए एक दिन सिर्फ पतंग चलाना के लिये नहीं मिलेंगेयही भाग होती है लेकिन किसीको पास तेरस नहीं हैऐसी होने पर भी मुझे यह त्यौहार पसंद करता हूँ

durga puja

मेरा मन पसंद त्यौहार दुर्गा पूजा है.  दुर्गा पूजा का अर्थ है, शक्ति की पूजा करने में. माँ दुर्गा सभी लोग का माँ हैं और उसके भक्त को बचाते हैं. यह त्यौहार सितम्बर महीने में पड़ता है और भारतीय लोग इस त्यौहार छे दिन के लिए मानते हैं. बंगाली लोग के लिए, दुर्गा पूजा बहुत ही ख़ास है क्योंकि बंगाल और बंगलादेश में देवियाँ खूब प्यार की जाती हैं.  कोल्कता में, सरे सरक में जनता बड़े और सुन्दर "पंडाल" लगते हैं. जनता के दिल की साडी ख़ुशी छलक पड़ती है. सभी लोग नए-नए कपडे पेहेनते है और दुसरे से बहुत मुबारक और प्यार देते हैं.  मैं दुर्गा पूजा कभी नहीं मानती क्योंकि हर साल स्कूल था, लेकिन मिशिगन में बंगाली लोग साथ-साथ एक दिन के लिए मानते हैं. अक्सर औरतें लाल या पिली रंग साड़ियाँ पेहेंती हैं क्योंकि यह रंग शुभ हैं. आदमी भी नए कपडे पेहेनते हैं. * मुझे दुर्गा पूजा पसंद है क्योंकि सब लोग खुश है और ज़बरदस्त खाना है. मैं पुरानी सहेलियां के साथ समय बिताती है और कभी कभी प्रोग्राम के लिए में नाच करती है. हम सब दुर्गा पूजा प्यार से मनाते हैं और यह बहुत खास बात है. मेरी आशा है कि एक दिन में कोल्कता में दुर्गा पूजा मनाऊं.

- नीना

मेरा पसंदीदा त्यौहार

नाम पसंदीदा त्यौहार का है। नवरात्रि का नाम "नवा" ९ अर्थ है और "रात्री रात अर्थ है। इसलिए नवरात्रि ९ दिन के लिए मनाते है। हर साल मैं और मेरा परिवार गरबा पर जाते है। गुजुरती समाज का गरबा हर साल "यूनवर्सटी या मिशिगन दीर्बोर्ण" पर है। मैं और मेरी बहन बहुत नाचतेहै। नवरात्रि में सब लोग चक्र में नाचते है। चक्र का केंद्र में भुग्वान है। और दियों भी है। में और मेरी सहेलियों अच्छे कपडे पहनते है। हमे "चुनिया-चोली" पहनते है। और चुनिया-चोली" के साथ आभूषण पहनते है। मेरी माँ आपनी सहेलियों के साथ नाचतीं है। और मेरे पिताजी आपना दोस्तों के साथ-साथ बैठते है और बात करते है। मेरे पिता गाना गाते भी है। वह हर साल आरती गाता है। नवरात्रि पाच समय मनाते है। वह पाच त्यौहार वसंता नवरात्रि, गुप्ता नवरात्रि, सहराना नवरात्रि, पौश्य नवरात्रि, और माघा नवरात्रि है। सहराना नवरात्रि सबसे महत्त्वपूर्ण है। सहराना नवरात्रि का अन्य नाम महा नवरात्रि है। पहले तीन दिन काली के आरती करते है। ३-६ दिन लक्ष्मी के आरती करते है। और अंतिम तीन दिन सुरुस्वथी के आरती करते है। नवरात्रि में कुछ दीवोटी फास्ट करते है और १० दिन पर बाल विहार शरू करता है। नवरात्रि में नई उद्यम शरू भी करता है।


मेरा मां पसंद त्यौहार

मुझे एक मां पसंद त्यौहार नहीं है। मेरा परिवार में हम बहुत नहीं मनाते है। मेरा पिता जी बहुत शांत है, और मेरी माँ बहुत धार्मिक है। इस लिए हम बहुत त्यौहार नहीं मानते है। बहुत वर्षो पहेले, जब में एक छोटा बच्चा था, तब हम हर साल नवरात्री के लिए देअर्बोर्ण में गरबा करने के लिए जाते थे। मेरी माँ उसकी सहेलियों के साथ गरबा करती थी, मेरा पिता उसके दोस्तों के साथ बैटते थे और बात करते थे, और में और मेरा भाई हमारे दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ खेलते थे। लेकिन यहाँ बहुत भीड़ था, और बहुत शोर था, और सिर्फ थोडा खाना , और सिर्फ भारतीय खाना, और मुझे यह खाना अच्छा नहीं लगा। और दीवाली में, हम समाज का दीवाली दिननेर में जाते थे, और यह बहुत ख़राब था। सुब बच्चे एक कमरे में डालते थे। खाना अच्छा था, लेकिन बहुत उदासी आती थी। और होली में हम होली की शो में जाते थे, और मेरी माँ में और मेरा भाई को एक साल नाच में डाला, और मुझे पसंद नहीं आया। हमारा नाच बहुत मुर्ख था, और हमारा पोशाके अच्छे नहीं थे। आज, हम त्यौहार नहीं मनाते है। हम दोनों भाइयो स्कूल में है, और मेरे माता-पिता कभी कभी त्यौहार पर मंदिर जाते है.

मेरा पसंदीदा त्योहार.

वहाँ साल के दौरान कई त्यौहार हैं, लेकिन मेरा पसंदीदा त्योहार दीवाली है। दीवाली मेरे जन्मदिन के आसपास रहता है, नवम्बर में। यही वजह है कि मैं हमेशा अपने जन्मदिन के लिए एक बड़ा उपहार मिलता है। एक और कारण है कि मैं दीवाली की तरह है क्योंकि मेरी दादी बहुत खाना बनाती है। हर साल वह गुलाब जम्बू और कास्ट बनाता है। वह भी मुझे कभी क्या मैं खाना चाहता हूँ। मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ। एक और कारण है कि दिवाली मेरा पसंदीदा त्योहार है क्योंकि मेरा पूरा परिवार मेरे घर आता है। मेरे मसि मैरीलैंड से आता है। मेरी दादी भारत से आता है। और मेरे चाचा न्यूयॉर्क से आता है। जब वे मेरे घर में आकर मैं मारा छोटे बिनो दीया, नेधी और ध्वनि के साथ खलना का प्यार है। तो हम सब खेलने अन्ताक्षरी। मेरी चाची हमेशा इस खेल में जीतना है। हम तो दिवाली के बारे में एक हिन्दी फिल्म देखते हैं। पिछले वर्ष हमने देखा कुछ कुछ होता है। पिछले साल मेरे पिता भी मेरे लिए आतिशबाजी खरीदा है। तो मुझे और मेरी बहनों को उन्हें प्रकाश। के बाद बच्चों के सोने जाना है, मैं और मेरे पिताजी, मेरे चाचा, और मेरे दादा राजनीति के बारे में बात करते हैं। तो मुझे और मेरे दादा घड़ी क न न तक हम सो जाते हैं। वह मुझे अपने बचपन की कहानियों बताता है जब हम टी वी देख रहे हैं। यही कारण है कि दिवाली मेरा पसंदीदा त्योहार है।

दिवाली त्योहार

मेरा मंध्पसंध त्योहार दीवाली है. दीवाली एक ऐसा त्योहार है जो हर राज्य मना ता है. दीवाली दीयों का त्योहार है और इसको मनाने के लिए हम घर साफ़ करते है और सब जगा दीयों जला ते है. दीवाली के रात मेरी परिवार लक्ष्मी की पूजा करते है और भजन गाठे है. हम दीवाली बहुत दिनों के लिए मनाते है. उस दिनों के लिए हम बहुत खाना पकाते है और लोग हमारे घर आते है और हम उनके घर भी जाते है. हम नाचते है और बहुत शोर मचाते है. दिवाली मनाने के लिए हमारे सब दोस्त और रिश्तेदार एक जगे पर मिलते है और फटाके फोड़ते है. मुझे फटाके बहुत पसंद है क्योंकि वे बहुत रौशनी दिलाती है. जब लोग हमारे घर आते है तो बहुत खुशी होती है क्योंकि हर जगा लोग मुस्कुराराहे है या वह गारारेहे. दिवाली पर मेरी माँ मुजको और मेरी बहेन को नयें कपडे दिलाती है. हमको बहुत तोफे भी मिलते है. यह एक हिन्दुस्तानी त्योहार है जिस पर मुझे तोफे मिलते है. इस त्योहार के द्योर्हान मुझे मेरी संकृति के बारे में भी पता चल जाता है क्योंकि बहुतसी कहानियाँ है दिवाली के बारे में. ये संस्कृति,खुशी और तोफे सब मिलकर दिवाली को मेरी मंद्पसंद त्योहार बनाते है.

मेरा पसंदीदा त्यौहार

मेरा पसंदीदा त्यौहार ईद है। ईद इंडिया के मुस्लमान मानते हैं। मुझे ये त्यौहार पसंद है क्योंकि यह दिन प्रेम ख़ुशी और दोस्ती लाता है। ईद एक महीने के रमजान के बाद मनाया जाता है। रमजान के महीने में रोजा रखा जाता है। निमाज पढा जाता है और लोग बुरे कामों से दूर रहते हैं। रमजान के महीने में ही मुस्लमान की किताब कोरन जमीन पर उतारी गयी थी। ईद का दिन रमजान के महीने के आखरी दिन के बाद आता है। ईद ख़ुशी का त्यौहार है। लोग खुश्किया मानते है कि उन्होंने रमजान के महीने कि इबादत को अच्छी तरह से पूरा किया। ईद के दिन सुबह में नहाकर नए कपड़े पहने जाते हैं। तरह तरह का खाना बनाया जाता है। नयेह कपड़े पहनकर लोग नमाज पढने के लिए माजिद जाते हैं। नमाज पढने के बाद एक दुसरे से लोग मिला जाता है। एक दुसरे के घर लोग जाते हैं और एक दुसरे को ईद मुबारक कहते हैं। बच्चों को बड़ी इद्ती देते हैं। इद्ती पैसे या तोहफे के तौर पर दी जाती है। पूरा दिन ख़ुशी, मिलने, मिलाने और खाने पिने में गुज़र जाता है.

Saturday, 3 April 2010

हिन्दू फेस्टिवल

मुझे मालूम हैं कि हमने क्लास में होली के बारे में बात कर चुके है, लेकिन यह एक त्योहार है जो हम धूम धाम से मनाते हैं। मेरा परिवार बड़े महेश्वरी महासबा ग्रुप में हैं, और एस ग्रुप में हमारे सारे गहरे दोस्त हैं। तो जब मैँ होली के समय घर पर होती थी, हर साल यह ग्रुप एक बड़ा होली फंगक्शन का इंतज़ाम करता था। यह फंगक्शन दुर्गा मंदिर में होता था. लेकिन यहाँ जाने के पहेले हम घर पर पूजा करते थे, और यह पूजा करीब आधा या एक घंटे के लिए रहेता था। पूजा के बाद हम कोई पुराने कपडे पहनते थे, और फिर मंदिर के लिए निकलते थे।

जब हम मंदिर पहुँचते, पहले सब लोग आपस में बात करते थे और फिर
फन्गाक्षण शुरू करने के लिए हम एक साथ आरती करते थे। फिर प्रोग्राम शुरू होता था, कुछ लोग डांस तैयार करके आते थे और सब के लिए पेर्फ्रोम करते थे। हर साल होली प्रोग्राम में, मैँ और मेरी सहेलियां कोई-न-कोई गाने पर एक डांस तैयार करती थी। प्रोग्राम के बाद, सब लोग (आंटी और अंकल) उटकर बहुत नाचते, और फिर हम बहार जाकर होली खेलते। हम सिर्फ पावडर रंग के साथ खेलते, क्योंकि पानी वाला रंग नहीं निकलता और काम बढ़ जाता। हम सब को बहुत मज़ा आता था, हम सब हर तरफ भागते और रंग फेंते। खेलने के बाद हम अपने अपने घर जाते और लम्बा शोवेर लेते।

हिमाचल प्रदेश के मेले

इस गर्मियों में मैं हिमाचल प्रदेश जाउंगी और इस लिए मैं हिमाचल प्रदेश का मेलों के बारे में लिखूंगी | हिमाचल का राजधानी में, शिमला, 'लावी' का मेला नवंबर में मनाया जाता है | कहा जाता है कि लावी मनाया जाता है क्योंकि एक बहुत ख़ास अनुबंध तिबेट और बुशहर प्रदेश के बीच में हस्ताक्षर किया था | लावी मेले के लिए गल्लाबान रामपुर आते हैं और ऊन, किशमिश और औषधि बेचते हैं | लोगों गुल्लाबान को कपड़े और अनाज बेचते हैं | अधिकतर लोग बहुत सारी चीजें बेचते-खरीदते हैं लकिन लोग भी लावी मेले के लिए नाचते - गाते और कुछ संस्कृतिक तमाशा देते हैं |

एक दूसरा मेला हिमाचल में मनाया जाता है 'पत्थर का खेल' है | मैं सोचती हूँ कि एक बहुत अजीब त्यौहार है क्योंकि लोग दुसरे लोग पर पत्थर मारते हैं | कहते है कि जब कोई खून देते हैं तब लोगों को देवी काली को प्रदान करना चाहिये | कहते हैं कि प्रदेश के नेता कि पत्नी 'पत्थर का खेल' का दिन पर 'सटी' की हैं | इस त्यौहार नवम्बर मैं भी हैं |

तीसरा मेला है गसोता में मनाया जाता है | कहते है कि बहुत साल से पहेले एक आदमी ख़त में काम कर रहा था और अपना 'plough' एक बड़ा पत्थर टकरा गया और पत्थर से दूध और खून छलक गाये | लोगों ने पत्थर चलानी कि कोशिश किया लेकिन आधिक सघन (heavy) था और लोग पत्थर नहीं चला पाए | इस लिए लोगों ने एक मंदिर इस जगह पर बनाए | त्यौहार जेष्ठ में (मई -जून) मनाया जाता है और लोग पत्थर पर पूजा करते हैं | आजकल इस जगह पर एक बड़ा गाय का तमाशा देते है |

त्यौहार

गणेश चतुर्थी भारत में एक हिन्दू त्यौहार है वह श्री गणेश के आदर में मनाया जाता है। कहा जाता है कि त्यौहार के दिनों पर श्री गणेश अपने भक्त के लिए संसार आते हैं। वे शिव और पारवती का बेटा हैं, और उनके हाथी का सिर है। श्री गणेश अक़्ल और शुभ का भगवान हैं। त्यौहार हिन्दू कैलेण्डर के भादों महीने में दस दिन के लिए मनाया जाता है। वे दिन अगस्त-सितम्बर के पास हैंभारत के बाहर, वह यू-के, नेपाल , श्रीलंका, और दूसरे देशों में भी मनाया जाता है

त्यौहार के लिए मिट्टी की
प्रतिमाएं बनाये जाते हैं वे बहुत आकारों में खरीदे जा सकती हैं वे एक इंच ही से कोई पच्चीस फुट को बनाए जाती हैं त्यौहार में प्रतिमाएं मंडपों में पाए जाती हैं। मंडपों फूलों, रोशनियों, वगैरह से साजाये जाते हैं प्रतिमा को प्रसाद दिये जाते हैं और समारोह में गीत गाये जाते हैं। त्यौहार के अंत में, प्रतिमा धारा को ली जाती होकर धारा में पायी जाती है सब लोग अगले साल में श्री गणेश के लौटने के लिए पूछते हैं आधुनिक दिनों में कभी-कभी प्लास्टर की प्रितमाएं का प्रयोग किया जाता है। इस तरह का प्रतिमा धारा में परिवेशी समस्या हो सकता है

त्यौहार में प्रचलित खाना मोदक है। मोदक नारियल और फूलों से गुलगुला है। सड़क में उत्सव प्रचलित हैं। गाने गाने जाते हैं और नाटक किया जाते हैं त्यौहार में कलाकार अपने कला देखते हैंशहर अपने समुदाय के लिए गतिविधिएं करते हैं। शायद फ्री मेडिकल चेक-अप है, और दान ग़रीब को दिया जाता है

Friday, 2 April 2010

मेरा मन पसंद हिन्दुस्तानी त्यौहार

मुझे हिन्दुस्तानी त्योहर बहुत पसंद हैं। मुझे दिवाली सबसे ज्यादा पसंद आती है। दिवाली पर मै और मेरा परिवार साथ में लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा करते हैं। हम नए कपड़े पहनते हैं और मज़ेदार खाना खाते हैं। मेरी माँ पूरियां, रसे की सब्ज़िं, और रीता बन्नती हैं। दिवाली पर हम अपने घर के हर खोने में एक दिया रकते हैं। दिवाली के दिन हम्हारा पूरा घर रौशनी से चालक उठता है। दिवाली के दिन मुझे अपने मम्मा, मम्मी जी, नानी, नाना जी, मौसी और कही रिश्तेदार से मिलने का मौका मिलता है। सब लोग अपने जीवन में बहुत व्यस्त रहते हैं। दिवाली हमे मौका दहता है की हम अपने परिवार वालों से मिल सकें। दिवाली के इलावा मुझे होली भी बहुत पसंद है क्योंकि यह त्यौहार बहुत ही रंगीन है। लेकिन अमेरिका में होली खेलने का मौका नहीं मिलता क्योंकि यहाँ पर लोग आपने जीवन में बहुत व्यस्त रहते हैं।

मेरे ख्याल मे त्यौहार बहुत ही अच्छे होते हैं। त्यौहारों के बिना लोग की ज़िन्दगी इतनी रंगीन नहीं होती। हर महीने एक त्यौहार होता है ताकि लोग आपने जीवन में कुछ ख़ुशी मन्ना सकें। त्यौहार बहुत ही ज़रूरी हैं क्योंकि वे हमे अपने परिवार और दोस्तों के होने की एसहास दिलवाता है। मेरे खयाला में त्यौहार बहुत ही ज़रूरी है ज़िन्दगी में क्योंकि त्यौहार ज़िन्दगी में रौशनी लाते हैं।

Thursday, 1 April 2010

मेरी मन पसंद त्यौहार

मुझे सब त्यौहार पसंद हैँ। जब भी कोई त्यौहार आने वाला होता हैँ, में बहुत खुश होती हूँ। मुझे त्यौहार पसंद हैँ बहुत कारणों से। जब एक त्यौहार आता हैँ, तब बहुत खाना बनता हैँ। यह खाना में मिठाई मिलती हैँ और जो खाना मुझको सब से पसंद हैँ, वाही बनता हैँ। त्यौहार आची होती हैँ क्यूकी अपने सब आस-पास के दोस्तों और परिवार से मिलते हो। जिन लोग से बस काम पे बात करते हो, उन सब से भी मिलते हो त्यौहार के पार्टी में। हिन्दुस्तानी त्यौहार में बहुत नाचना और गाना भी होता हैँ। इन सब कारणों के वाजे से मुझे त्योहारों पसंद हैँ।

मेरा घर में दोनों हिन्दुस्तानी और अम्रिकां त्यौहार मनाया जाते हैँ। लेकिन मुझे हिन्दुस्तानी त्यौहार ज्यादा पसंद आते हैँ क्यँकी उन में और मज़ा आता हेँ. होली बहुत रंग-बिरंग होता हेँ. जब एक दोसरे पर रंग फेकते हेँ तब बहुत आचा लगता हेँ। कभी कभइ जब पानी के रंग बहार लाते हेँ तब और भी मज़ा आता हेँ, क्युकी लोग भागते हेँ तो पानी उन पर नहीं आये। मुझे होली का खाना भी पसंद हेँ। सब से आचा होली का खाना गुजिया होता हेँ। वह मेरा मन पसंद मिठाई हेँ। मुझे कभी न कभी होली एक बार हिंदुस्तान में मनाना हेँ। लेकिन अभी की लिए, में यहाँ पर होली खेल लूगी।