Monday 24 October 2011

HW 11

मेरे जीवन में सुबसे कराब दिन था जब जबरा मछली पुम्प्किन मर गया . मैं दस साल थी जब मेरे माता- पिता मेरे लिए पुम्प्किन खरीदी पेट शॉप थी. तब ही में उसको प्यार करती थी. मैं हमेशा एक मछली चाहाती थी. पुम्प्किन एक गोल्डफिश था और वोह बोहुत छोटा था. वोह हर दिन उनके अकुँरियम में तैरता था और वोह हमेशा उनके मुंह खोलकर बंद करता था. वोह सोना रंग का था और उनके अकुँरियम में खिलोने के साथ खेला पसंद था. मैं पुम्लिन को बोहुत प्यार करती थी और मैं उनके साथ रोज खेलती थी. और फिर, एक दिन सुब बदल गया. मैं और मेरा परिवार एक दिन बाहर गया एक दोस्त के घर पे खाने के लिए. हमने शाम को पांच बजे गए. लेकिन, जाने से पहले, मेरी माँ ने मुझको कहा के घर में सुब खिड़कीयां को बंद करो. लेकिन मैं पुम्प्किन के साथ खेलने में बोहुत व्यस्त थी और मैंने खिड़कीयां को बंद करना भूल गयी. हम घर से निकलकर एक बिल्ली आया हमारे घर के पास. क्योंकि मैंने खिड़कीयां को बंद करना भूल गयी, बिल्ली घर से अंदर आ पाई और वोह घर में सुब सुब कमरों में गयी. जॉब वोह मेरी कमरा में आई, तब वोह पुम्प्किन को देखि और वोह मेरी मेज पर चढ़कर पुम्प्किन को खागायी. मेरी प्यारी पुम्प्किन को खाकर बिल्ली घर से गयी. हमने फिर शाम को दस बजे आया था और मैंने हमेशा के जैसे मेरी कमरा में गयी. जब मैं देखी के पुम्प्किन गयाब हो गया तब मैंने अपनी माता- पिता को बुलाया. मेरी माता ने वोह खुली खिड़की देखी और उसने जाना के क्या हुआ. मैं बोहुत उदासी थी क्योंकि मैं पुम्प्किन से बोहुत प्यार करती थी और मेरे वजह से बिल्ली उसको खागायी. मैंने एक हफ्ता के लिए रोह रही थी. और वोह है मेरे जीवन में सुबसे उदासी दिन.  

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