आठ अक्टूबर से पहले मैं कहता कि मेरा सबसे बुरा दिन था जब मैंने अपनी परीक्षा असफल की या फिर वह दिन जब मैंने अपने परिवार के साथ लड़ी की. काश मैं अभी भी कह सकता कि वह मेरे सबसे बुरे दिन थे. लेकिन आठ अक्टूबर के बाद हर दिन एक दुखी दिन रहा हैं. आठ अक्टूबर को मेरी माँ एक कार ऐक्सडन्ट में गुज़र गयी. मेरी माँ के साथ सात लोग और थे लकिन वे सब ठीक थे. मैं अब मेरी माँ के साथ कभी नहीं बात कर सकूँगा. मैं उन का खाना नहीं खा सकूँगा. वह मुझ पर कभी नहीं चिल्लाएंगी या मेरी मदद करेगी. वह मुझे हर दिन फोन नहीं करेगी. मुझे उन से बहुत सीखना था लेकिन अब यह नामुमकिन है. शब्द मेरी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकते हैं. एक बात मैं ज़रूर कह सकता हूँ: मुझे बहुत अकेला महसूस हो रहा है भले ही यहाँ कई लोग हैं मेरी मदद करने के लिए. आप कह सकते हैं कि मैं एक "मामा'स बॉय" था और अब मैं समझा कि यह बुरी बात नहीं है. आप सोच रहे हैं कि मैं आपको यह सब क्यों कह रहा हूँ? मुझे आपकी दया नहीं चाहिये. मैंने सोचा कि आप को जानना चाहिये कि यह कभी और कहीं भी हो सकता है. आप के पास अभी भी समय हैं अपने माता पिता से बात करने के लिए और उन से कुछ सिखने के लिए. यह समय मत बर्बाद करें और व्यर्थ चीजों पर मत चिंता करें.
Saturday, 22 October 2011
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