एक बहुत उदास दिन मेरे ज़िन्दगी में पिचले मार्च में था| उस दिन को, मैं ने कैलिफोर्निया छोड़ दिया और मैं मिशिगन वापस आई| हर बार मुझे अपने माता-पिता जी छोड़ना है मैं उदास हूँ| मुझे याद है पहले बार मैं मिशिगन आई, मानवविज्ञान का विभाग देखने के लिए, मैं बहुत उदास थी क्यों कि मैं समझी कि भावी में मैं उन से इतने दूर हुंगी| और दूसरी बार मैं ऐन आर्बर आई, जनवरी २००९ थी| मैं ने ग्रैड स्कूल स्कूल के वर्ष के बीच शुरू किया| तो १ जनवरी २००९ बारह बजे रात को मिशिगन और सर्दी पहुंची| इंटरनेट से एक अपार्टमेंट कि तलाश की| लेकिन जब मैं अपार्टमेन्ट पहुंची, तब मैं ने सीखी कि कोई नहीं जानता था कि मैं कौन हूँ| अगले सुबह को वे लोग जो वहां रहते थे कहे कि मैं वहां रहना नहीं सकी| मैं बहुत नाराज़, चिंतित, और क्रोधी थी| और मुझे बहुत डर लगी| मैं कोई नहीं ऐन आर्बर में जानती थी! मैं ने अपनी बहन जी फ़ोन किया| उस ने होटेल की खोज की| मैं ने अपने माता-पिता जी फ़ोन किया और वे भी बहुत नाराज़ थी| आखिरकार मेरी मां की सहेली के भाई की पत्नी की सहेली जो ऐन आर्बर में रहती है आई और में उस के साथ एक हफ्ते के लिया रही|
लेकिन मैं वह दिन मार्च २०११, इस दिन जनवरी २००९ में से बहुत उदास थी| मेरी दादी मौत के नजदीक थी और मैं एक हफ्ते के लिए कैलिफोर्निया गई थी| पुरे हफ्ते को मैं बहुत उदास थी क्यों कि मेरी दादी बहुत बीमार थी और मैं कुछ नहीं कर सकी| ज्यादे डॉक्टर और नर्स आए और मेरे माता-पिता जी को कहे कि उन को मेरी दादी की सांस लेने की मशीन बंद करनी चाहिए| मेरे माता-पिता जी कहे नहीं और डॉक्टरों को ये बात नहीं पसंद थी| एक बार एक बुरी नर्स चीकी और मैं भी चीकी| मैं मेरी दादी के लिए बहुत दुआ पढ़ी| लेकिन एक हफ्ते के बाद मुझे मिशिगन वापस आना पड़ा| मैं जानती थी कि फिर कभी नहीं मेरी दादी देखूंगी| उस दिन मैं बहुत उदास थी|
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