Saturday 22 October 2011

एक दुखद दिन - रितिश

छे साल पहले मैं हाई स्कूल शुरू कर रहा था. मैं थोरा डर था क्यों कि हाई स्कूल में बहुत सारे लोगे थे. मेरे पिछले स्कूल बहुत छोटा था. मेरा कलास में सिर्फ बारह लोगे थे. मुझे बास्केटबाल खेलने बहुत पसंद था तो मैंने सोचा कि मैं बास्केटबाल का टीम के लिए खेलूँगा. मेरा दोस्त भी बास्केटबाल टीम के लिए खेलने चाहता था. हम कहते थे कि हम दोनों एक साथ टीम में बास्केटबाल खेलेंगे. टीम में खेलने के लिए सारे लोगो ने काच के सामने खेलने थे फिर काच फैसला करेगा कि कौन टीम में खेलेंग. हम काच के सामने पांच दिनों के लिए खेला. उस पांच दिनों में एक दिन काच ने मुझे उसके ऑफिस में बुलाया. में बहुत डर गया था. काच ने कहा कि मैं बास्केटबाल अच्छा खेलता हूँ लेकिन मैं तेज़ नहीं दौड़ता था. इस लिए मैं उसके बास्केटबाल टीम में नहीं खेल सकता था. मैं बहुत उदास था. मैं ने सोचा कि मैं एक बहुत अच्छा बास्केटबाल खिलाड़ी था. मुझे समज नहीं 
आई कि काच मुझे उसके टीम के लिए नहीं चाहता था. काच मेरा दोस्त को पसंद था और मेरा दोस्त उसका टीम के लिए चाहता था. मैं कम से चार पांच दिनों के लिए 
उदास था. मेरे माता और पिता जी मुझे बात करने कोशिस किये लेकिन मैं उनके बातो नहीं सुन सकते थे. अब मुझे जनता है कि यह एक बहुत छोटी बात है लेकिन छे 
साल पहले मैं ने इस बात बहुत बड़ी बात बनाया. मैं बहुत उदास था और इस दुखी में मैं ज्यादा बास्केटबाल खेला ताकि मैं बेहतर बन सकता है.  

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