दो हफ्ते पहले मैं अस्पताल गयी. शुक्रवार को, मैं डॉक्टर के पास गयी और मारा एक रक्त का परिक्षण हुआ. डॉक्टर ने मुझे कहा "सीता, आप क्या बात है?" और मैं ने कहा "डॉक्टर जी, मेरे शारीर में दर्द नहीं हुआ, लकिन मेरा चहरे पर फुन्सी है. क्या हो गया?" डॉक्टर ने कहा कि मारा "प्लेटलेट काउंट" बहुत कम है. एक स्वस्थ लोग का काउंट एक सौ पचास हज़ार के उपर था, लकिन मारा काउंट तीन हज़ार था. मैं बहुत हिरन थी! मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही थी, लकिन मैं बेमार थी! उस रात को, मैं अस्पताल गयी. मारी दो सहलियां, एमिली और कैरी, मेरे साथ आई. मेरे पापा यास्त लान्सिंग से एन आर्बर आया. (अस्पताल जाने के बाद, मैं ने मेरे माता-पिता को अस्पताल के बारे में फ़ोन किया. वे बहुत हिरन थे और मेरे पिता फौरन गाड़ी से एन आर्बर आई!)
जब हम अस्पताल पहुंचे, दाई ने कहा के हम को इन्तिज़ार करना पड़ता है. हाय रे! मैं बहुत थक गयी और मैं लेटना चाहती थी. ग्यारा बजे उन्होने मुझे एक पलंग दिया. दुसरी डॉक्टर मेरे देखने के लिये आई. उस ने भी कहा के मेरा "प्लेटलेट काउंट" बहुत कम हाय. है भगवन - मुझे मालूम है! फिर, एक दाई ने मुझको दवा (तीन गोलियां) दी.
सारे वीकेंड में, मैं अस्पताल में रहेती थी. मैं घर जाना चाहती थी! स्कूल में, मेरे बहुत परिक्षण थे, लकिन मैं अस्पताल में थी तो मैं पढ़ नहीं सकती थी. हाय राम! यह बहुत दुखी दिन था.
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