Tuesday, 12 April 2011

India's Drug and Farmer Suicide Problem

भारत में तिह्तर परसंत के ड्रग नशे वाले लोग सोला साल और पैंतीस साल है.  सडसत परसंत के प्रामीन वाले गारों में कम से कम एक बंदा ड्रग या शराब पीते हैं.  बीस परसंत से ज्यादा ड्रग जो पोलीस पकड़ते हैं वे पंजाब से हैं.  पैंतीस और चालीस प्रांत दृग जो पोलीस पकड़ते हैं वे पाकिस्तान और भारत का बोरडोर से आता हैं.  ड्रग की सुसीबत ज्यादा के कारण है के ड्रग बोरडर से आते हैं.  बोरडर से पुनजब जाते हैं वहां से साड़ी भारत जाती हैं.  यह मुसीबत ज्यादा खरीं प्रामीन जगहें में है क्योंकि ये जगह में भुत तरह की मुसीबत हैं.  भारत में सात परसंत के लोग कृषि पर निर्भर करते हैं. कृषि पर भरता एक मुसीबत है क्योंकि यह भतरा रता मानसून से जुआ है.  किसान का आत्महत्या भुत बड़ी मुसीबत है क्योंकि भुत सालों से बहुत किसान अपने जान ले रागे २००२ और २००६ के बीच में हर साल १७,६०० किसान आत्महत्या कए.  
भारत अबी ज्यादा शहरी बन गया है और इंडस्ट्री देश की आय बन गयी.  भारतीय सरकार ने देश के कृषि के बारे में नहीं सोचा था.  किसान का आत्महत्या ज़्यादा बढ रही है क्योंकि जो लोग किसान को पैसे बेटे हैं वे किसान इन्त्रस्त लगाते हैं और जब फसल नहीं लगते तो किसान के पास कोई और वास्ता नहीं है.  
भारतीय सरकार ने वादा किया की वे किसान को मदद करेंगे लेकिन अबी तक कुछ नहीं किया है.  पैसे देने वाले लोग ने वादा कि की वे इंटरेस्ट नीचे करेंगे.  भारतीय सरकार ने एक मदद के ग्रुप बनाये है.  ग्रुप का नाम वसंतारो नैक शेटी स्ववालंबन मिशन हैं.  

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