Monday 11 April 2011

पढाई लिखाई

मेरे विचार में भारत का सब से बड़ा विषय पढाई लिखाई है| भारत में सारे प्रदेशों के अलग-अलग पढाई लिखाई के प्रबंध हैं| कुछ स्कुल निजी और कुछ प्रजा सम्बन्धी हैं| भाषाओँ की स्कुल अलग-अलग हैं| कुछ स्कुल बच्चों का पहली भाषा का इस्तेमाल करते हैं और कुछ स्कुल दूसरी भाषाओँ का इस्तेमाल करते हैं कभी अंग्रेजी या हिंदी या दूसरी भाषा| अगर कुछ और समान्ते सिस्टम में होता तो सुधारने ज्यादा आसान हो| आमिर लोग अपने बच्चों को अच्छे-अच्छे स्कुल को भेज सकते हैं लेकिन गरीब लोगों को अपने बच्चों को दुसरे स्कुल भेजने पड़ते हैं| कुछ सरकार के स्कुल अच्छे हैं लेकिन सच में बहुत बुरी तरह से जारी रखते हैं| शिक्षक कभी कभी स्कुल नहीं आते हैं और बहुत स्कूलों के पास सहारे और पैसे नहीं है| इसीलिए बहुत जीवन अच्छी पढाई लिखाई नहीं मिलते हैं| मेरे विचार में छोटे बच्चों को अच्छी पढाई लिखाई अपनी पहली भाषण में देना जो सब से महत्वपूर्ण चीज़ है| बच्चे अंग्रेजी और दुसरे विषय सिख सकते हैं लेकिन बहेतर होगा की इसके बाद हो| दूसरी भाषा और विषय ज्यादा अच्छी तरह से सीखेंगे अगर उनके पास पहला अच्छा बुनियाद है|

भारत में पपढाई लिखाई सब से महत्वपूर्ण बात है क्योंकि जब लोग पढ़ी-लिखी हैं तब वे खुद अपने मुश्किल और परेशानी ठीक करें| लोग स्वास्थ्य के बारे में जानेगा और वे मुश्किल टाल जा सकेंगे| जब आपको मालूम है कि अपने सरकार कैसे चले तब लोग प्रमाणित करें कि सरकार के सदस्य अच्छी तरह से काम कर रहे हैं| पढाई लिखाई लोगों को जानकारी और बोध देता है तो उनसे नौकरी मिल सकते हैं और ज्यादा अच्छी तरह से जी सकते हैं| पढाई लिखाई के सिस्टम सुधारने में बहुत बड़ा काम है| हर प्रदेश और हर संस्कृत भारत में अलग हैं और देश में बहुत भाषाएँ बोली जाती हैं लेकिन सिस्टम सुधारने अनहोनी नहीं है| आवश्यक है कि सारे सरकार के स्कुल ज्यादा अच्छी से चलाए जाते हैं और लोगों को सरकार से हठ करना चाहिए के सारे स्कुल सुधरेंगे|

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