Monday 4 April 2011

करवा चौथ

भारत में कई त्यौहार मनाये जाते हैं| हर राज्य में कोई न कोई विशेष उत्सव मनाया जाते हैं| उत्तर भारत के राज्य में (जैसे हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पुनजब, राजस्थान, और गुजरात में) कई हिन्दू औरतें करवा चौथ मानती हैं| करवा चौथ सिर्फ एक दिन का त्यौहार जो कार्तिक का महीने में मनाया जाते हैं| "करवा" का मतलब हैं "दिया" और चौथ हा मतलब हैं "चौथा". करवा चौथ एसा कहा जाता हैं क्योंकि वह कार्तिक के महीने कि चौथी अमावस वाली रात पर मनाया जाते है| करवा चौथ के कुछ किन पहले औरतें करवा चौथ के लिए तैयार करती हैं| पूजा कि थालियाँ, मेहँदी, दिए, और श्रृंगार भी खरीदे जाते हैं| करवा चौथ का सुबह में हर घर में औरते भोर के पहले उठ जाते हैं और दिन का केवल भोगन खा लेती हैं| यह भोगन हर प्रदेश में अलग हैं| करवा चौथ का सबसे महत्वपूर्ण रिवाज़ उपवास है| उपवास में खाना नहीं खाया जाता और कभी कभी पानी भी नहीं पी जाता| करवा चौथ के दिन पर औरतें घर का कोई कम नहीं करतीं, परंपरा में गॉंव कि महिला एकठे पूजा करती हैं| यह पूजा अपने पति या मंगेतर के सुरक्षा और सुख के लिए की जाती हैं| जब रात आती हैं और अंत में चंद निकलता है, तो महीले अपने पति को चंद की रौशनी में देखती है| हर प्रदेश में अलग हैं लेकिन औरत अपने पति को पानी का प्रतिबिंब (reflection) में  या चलनी के पीछे se देखती है| अभ पति अपनी पत्नी को पानी और कुछ मीठा खाना हाथ से खिलाता हैं| इस खिलवाने से पत्नी कि उपवास टूट जाती है| जो महिला शादी शुदा नहीं है, वह महिला करवा चौथ का उपवास रखती है क्यों कि कहा जाता है कि यह करने से अच्छा जीवन साथी मिल जाये

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