Sunday 10 April 2011

दहेज

भारत में बड़े सहरों में आज कल दहेज लेने और देने की बात इतनी नहीं होती. लेकिन गावों में अभी भी दहेज लेने और देने की बात होती है. अगर दो लोग शादी करना चाहते हैं, उनको शादी करने देनी चाहिए. लेकिन कभी कभी माँ बाप बीच में आ जाते हैं और कहते हैं के लड़की वालों को पैसे यह गाड़ी यह जेवर दहेज में देने पड़ेंगे नहीं थो शादी नहीं होगी. कभी कभी ऐसा भी होता है के लड़की वाले दहेज में कुछ देते हैं और शादी होने के बाद लड़के वाले और मांगते हैं. भारत में ऐसे बहुत साड़ी घटनाएँ हुई हैं के लोगों ने अपनी बहू को जला दिया यह मार दिया क्यूंकि लड़की के घरवाले कुछ दहेज में नहीं देते. दहेज बहुत ही बुरी चीजी है क्यूंकि बहुत सारी बेक़सूर लडकियां मारी जाती हैं. कभी कभी ऐसा भी होता है के लड़का लड़की दोनों एक दुसरे से प्यार भी करते हैं लेकिन माँ बाप बीच में आ जाते हैं. पैसा और दूसरी चीज़ों से ज्यादा कीमती लोगों की ज़िन्दगी है. पहले दहेज की बात भारत मैं सब जगह होती थी, लेकिन आज कल बड़े शहरों में दहेज की बात नहीं होती. छोटे गावों में अभी भी दहेज की बात होती है. भारत में दहेज देना और दहेज लेना दोनों क़ानून के खिलाफ है. फिर भी आज कल दहेज दिया और लिया जाता है. दहेज लोगों की जान लेती है. दहेज एक बहुत बुरी चीज़ है और क़ानून को ज्यादा काम करना चाहिए दहेज को रोकने के लिए.

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