Sunday 3 April 2011

कृष्ण जन्माष्टमी


भारत में कई त्यौहार हैं लेकिन मेरा मंपंसंद कृष्ण जन्माष्टमी है। यह त्योहार कृष्ण का जन्म-दिन का उत्सव है और हर साल यह त्यौहार हिन्दू लोगों से उत्सव होते है। दुसरे नाम इस दिन का कृष्णाष्टमी, सातम आठं, गोकुलाष्टमी, और श्री कृष्ण जयंती हैं। जैसा एक नाम इस त्यौहार के लिए नहीं है ऐसा एक दिन इस त्यौहार भी नहीं है लेकिन हर साल यह त्यौहार सेप्टेम्बर और अगस्त के बीच में है।
लोग कृष्ण का जन्म-दिन मनाते हैं क्यों कि कृष्ण बहुत महत्वपूर्ण भगवान हैं। वे एक विष्णु का अवतार हैं और वे बहुत खास पात्र भागवद गीता में हैं। इसी लिए पुरे भारत में कृष्ण जाने जाते हैं। उन के जीवन की कहानी है कि वे एक जेल में पैदा होते थे क्योंकि एक ख़राब राजा कृष्ण के माता-पीता जेल में डालते थे क्योंकि राजा कृष्ण से बहुत डरते थे। कृष्ण का जन्म के बाद अपने पिता-जी जेल से निकाले और उन्होंने दुसरे परिवार को शीशु कृष्ण दिए थे। भारत में कई कहानियां कृष्ण का जीवन अपने दुसरे के परिवार के साथ कही जाती हैं, खासकर ये कहानियां कृष्ण जन्माष्टमी पर कही जाती हैं। इस त्यौहार पर लोग उपवास करते हैं और इस समय के दौरान लोगों के पेट खाली हैं लेकिन उम के मन और दिल कृष्ण कि कहानियों से भर जाते हैं। आधा रात में लोग खाते हैं। आमतौर पर खाना दूध से बनाया जाता है क्योंकि कृष्ण को दूध बहुत पसंद करते थे। कुछ जगहों में एक और बहुत खास खाना खाये जाते हैं। यह एक तरह का प्रसाद है और इस में दूध, घी, और शहद हैं। इस कृष्ण के मूर्ती धोने का इस्तेमाल किया जाता है। उस के बाद लोग यह प्रसाद पीते हैं और कृष्ण के मूर्ती को नये कपरे पहनाये जाते हैं। कभी कभी लोग जैसा एक असली शिशु का देखबाल करते हैं ऐसा वे कृष्ण के मूर्ती के देखबाल करते हैं। इसी लिए यह त्यौहार मुझे बहुत अच्चा लगता है क्योंकी इस दिन पर मांस और पत्थर दोनों एक चीज़ हैं।

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