Wednesday 13 April 2011

दहेज़

हर देश में कुछ समस्या होते हैं. हर देश में कई न कई मुसीबत होती है. अमेरिका में कुछ समस्ये हैं, और भारत में भी कुछ समस्ये हैं. आज कल भारत में दहेज़ का समस्या बहुत नहीं है, लेकिन बहुत साल पहले यह समस्या बड़ा था. दहेज़ अंग्रेजी में दोव्री कहते हैं. दहेज में बहुत चीज़ें मांग जाते हैं. इन चीज़ों गाड़ियाँ, पैसे, कपडे, और बहुत कुछ और मांग जाते हैं. दहेज़ होते है जब दुलहन अपने दुल्हे के घर पर जाती है. मेरे ख्याल में दहेग कि प्रथा ठीक नहीं है. ठीक नहीं लगता है क्यों कि लोग पैसेदार नहीं होते. कुछ परिवारों के पास बहुत पैसे नहीं हैं दहेज़ करने के लिए. कभी कभी दुलहन की परिवार के पास पैसे नहीं हैं, बहुत चीज़ें खरीदने के लिए. इतिहास में कई न कई लडकियां कुंवारी रह जाती थी क्यों कि उनके माता पिटा दहेज़ नहीं दे सकते क्यों कि बहुत पैसे नहीं थे. कभी कभी दहेज़ के लिए एक परिवार का पिता और बेटे बहुत काम करना पड़ते हैं. काम करने पर कुछ पैसे घर में आते हैं, तो इस पर लड़की को शादी का वक्त करने के लिए मिलेंगी. बहुत सालों पहले, अगर एक लड़की उनके पति के घर पर अपर्याप्त दहेज़ लाती है, तो लड़का का परिवार उन को जिंदा जला दिए थे. लड़का का माता पिता उन को जला देते हैं. यह करते हैं क्यों कि लड़का का माता पिता चाहते है कि उन के बेटे फिर दूसरी शादी करें. यह सुनने पर मुझे यह रिवाज बहुत खराब लगता है. आज कल भारत में दहेज़ बहुत नहीं करते लेकिन गाँव में यह रिवाज अभी भी होते हैं.

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