Sunday 3 April 2011

ईद-अल-फ़ित्र

मेरे मनपसंद त्यौहार ईद-अल-फ़ित्र है। ईद एक मुसलमान त्यौहार है, जो तीन दिन तक मनाया जाता है। ईद-अल-फ़ित्र रमजान के अंत में है और मुसलमान इस हर्षित दिन को दूम-दम से मनाते हैं। रमजान के महीने के दौरान, मुसलमान तीस दिन के लिए सूर्योदय से सूर्यास्त तक व्रत रखते है। यह पवित्रता का महीना में, लोग सिर्फ भला काम करते हैं। व्रत रखने से लोग धैर्य, नम्रता, धार्मिकता के बारे में सीखते हैं। इस लिए लोग अल्लाह के खातिर व्रत रखते है और दयालु दिल से गरीबों को बहुत दान पेशकश करते हैं। लोग यह भी मानते है की रमजान एक शुभ महीने है क्योंकि इस समय अल्लाह मानव जाति को श्रुति-प्रकाश किया। दूसरी मानना है की रमजान महीने में कुरान की पहली छंद प्रोफेट मुहम्मद इब्न अब्दुल्ला को प्रकट किया गया था।

ईद दिन पहले, लोग अच्छी तरह से घर साफ करते हैं। आमतौर पर महिला एक साथ मिलकर स्वादिष्ट खाना पकाते हैं। दक्षिण एशियाई परिवारों में समोसे, पीटे, मिठाई, शेमई, बिरयानी, और विविधता के पकवान बनाते हैं। वे बहुत शौपिंग भी करते हैं, क्योंकि इस ज़माने में अधिकांश लोग नए कपड़े खरीदते हैं। लड़कियं एक साथ मिलकर, एक दुसरे को मेंहदी लगते हैं।


ईद के दिन पर, अधिकांश परिवार के सदस्यों सुबह जल्दी जागते हैं। फिर लोग नहाते और उनके नए कपड़े पहनते हैं। उसके बाद मुसलमानों को घर के बाहर स्थानों या मस्जिदों में सुबह ईद के लिए नमाज पढ़ने इकट्ठा होते हैं। ईद प्रार्थना करने के बाद, आमतौर पर लोग एक दुसरे के घरों में जाकर सलाम और बधाई देते हैं। कभी कभी वे एक दूसरे को उपहार देते हैं। जो लोग एक दूसरे पर गुस्सा थे, इस दिन वे एक दूसरे को माफ कर देते हैं। इन गतिविधियों पारंपरिक तीन दिन के लिए जरी रहते हैं।


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