Saturday 2 April 2011

महाराष्ट्र डे




स्वतंत्रते मिलने के बाद भारत में एक प्रदेश का नाम बॉम्बे था| इस प्रदेश के दो अंग होते थे| एक अंग में मराठी और दुसरे में गुजराती बोली जाती थी| कुछ समय के बाद सरकार निश्चय किया कि दो भाषाएँ एक प्रदेश में अच्छी तरह से नहीं चल रहा था तो १ माय १९६० 'बॉम्बे री-ओर्गानिज़शन एक्ट' पास किया गया था| फिर बॉम्बे फट गया था और दो प्रदेश गुजरात और महाराष्ट्र बनाये गए थे| बॉम्बे शहर महाराष्ट्र की राजधानी बनाया गया| कुछ वर्षों के बाद शिव सेना सरकार बॉम्बे का नाम मुंबई बनाया|

प्रदेश का उत्पत्ति मनाने के लिए हर साल १ माय को 'महाराष्ट्र डे' होता है| मुंबई में उत्सव शिवाजी पार्क केंद्रीय मुंबई में होते हैं| हर साल परेड भी होता है| परेड में स्टेट रिज़र्व पोलिस फ़ोर्स और कुछ और अधिकारी पैदल चलते हैं| जब परेड चलता है तब राज्याधिकारी सलाम करता है| कुछ इमारतें पर रंग-रंगीले दीपक के कतार डालाये जाते हैं| त्यौहार मनाने के लिए लोग खास खाना खाते, शराब पीते, और अग्निक्रीडा जलाते हैं|

मुझे इस दिन के कुछ याद है क्योंकि मैं पिछले साल महाराष्ट्र डे को मुंबई में रह रही थी| रात को सारे इमारतों के दीपक बहुत ख़ूबसूरत थे| मनाने के लिए मैं कुछ दोस्तों के साथ अपने दोस्त साहिल के फ्लैट गए| उसका फ्लैट सागर के पास था और ग्यारहवां मंजिल पर था तो उससे दृश्य बहुत अच्छा लगता था| जब हम उसके वारजे पर थे तब मध्यरात्री आई| हम वहां बैठे हुए एकाएकी हर हर ओर से अग्निक्रीडा जलाई जा रही थी| मैंने ज़रूर बहुत बार अग्निक्रीडा देखी है लेकिन उसकी तरह कभी नहीं|


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