Wednesday 13 April 2011

हिन्दू वेद्दिंग्स

हिन्दू शादी में दुल्हन सारी पहनती है । वह उसके बालों में एक घूँघट पहनता है । उसके सर को कवर सम्मान का एक संकेत देवताओं और बड़ों के लिए है । दुल्हन के एक धोती और एक कमीज़ पहनता है । दुल्हन के पिटा दुल्हे दही और शहद स्वागत और सम्मान के लिए देती है । दुल्हन के माता पिता उसे रस्म कहा जाता है बनाया कन्यादान में दे देना । भी , आग के साथ रस्म है । यहाँ, दुल्हन और दुल्हे आग में चावल फेंक देते हैं । इस रस्म 'राजहम' कहा जाता है ।

शादी के दीन पर, दूल्हा दुल्हन के गले में मंगल्सूँ संबंधों है । इस समय, पुजारी वैदिक भजन पीठ करता है । वे यह भी मानना है देवानाओं शादी पर हैं । आज बहुत हिन्दू शादयाँ में आम है । चार बार दुल्हन और दुल्हे आग के चरों ओर चलता हैं । इस जीवन में चार गोल का प्रतिक है । धर्मं, अर्थ, कम, मोक्ष । तो जोड़े सात चारणों लेता है । हर कदम एक व्रत का प्रतिक है ।

पश्चिमी भारतीय शादीयों आमतोर पर सुबह में जगह ले लो । सुबह में, गणेश की पूजा करना जाता है । सुबह में, दुल्हे के परिवार दुल्हन का घर को जाता है और भव्य नाश्ता खाना जाता है .

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