Monday 4 April 2011

दीवाली

 मेरा सबसे पसंद त्यौहार दीवाली है. दीवाली एक त्यौहार मुझे बहुत मज़ा आई. इस त्यौहार मेरी परिवार बार पार्टी मनाते है. हर साल हम बार लक्ष्मी पूजा है और सब से दोस्ते हमारा गर आते है. लक्ष्मी पूजा से पहली मै और मेरा भी गर की सफाई करने लगते है. हम हमारा कमरे वचूम करते है और बिस्तर बनाते है और हमारा कपरे कोठरी में रखते है. कब हम गर की सफाई करने लगते, हमारा माथा जी बहुत खाना बनाती है. वह हलवा, सब्जीया, समोसे, चावल, और आलू टिका. मेरे पिता जी गर के बाहर सफाई करने लगते है. वे गरगे में और गर के सामने झाड़ू लगाते. मेरे पिता जी छोटे लक्ष्मी के फूत्प्रिन्ट्स खीचते है. एक दिन से पहली मेरी माथा जी दुकान जाती है और एक सोना सिक्का बेचती क्यों की वह सोचती की हम शौपिंग करते है. कब हम गर के बाहर और अंडर सबसे सफाई तो हम दियो जलाए जाते है. हम भी क्रिसमस लिघ्ट्स रखते है. बाहर से हमारा गर बहुत सुन्दर लगते है. तो हम अंडर में दियो और सफ़द द्रविंग्स सजाते है. कब हमारा दोस्तों गर में आते तो हम लक्ष्मी के पूजा शरू करते. हम दुसरे कहानी बोलते है और हम फल और मिठाईया लक्ष्मी से प्रस्ताव करते. लक्ष्मी पूजा के बाद हम बहुत खाना खाते और मिठाईया खाते है. हम खाना खाते के बाद हम बाहर जाते है और पटाख छोड़ते है. सब से दोस्तो हमारा गर से छोड़ते और मेरी परिवार एक बार और गर की सफाई करने लगते है. कब हम सोते है, हम कुछ दियो जलाए जाते है. यह इस के लिए दीवाली मेरा सबसे पसंद त्यौहार है. 

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