Monday, 11 April 2011

गरीबी

भारत में गरीबी बहुत समस्या है. लगभग ४१.६% भारत का आबादी गरीबी है. गरीबी के लिए ठीक ठीक माप नही है. दुनिया बक आकलन करता है कि ८० % भारत का आबादी दो दोल्लार्स एक दिन पर बनाता है. 
सरकारी संगठन और नैर सरकारी गरीबी ठीक करने को कम कर रहे हैं. ये खाना घूस दे रहे हैं और कृषि का तकनीक सुधार रहे हैं. ये कार्रवाई अकाल कम करने मदद करते हैं. ये लोग शिक्षा भी बदाव देते हैं. 
इस कि वजह से निरक्षरता और कुपोषण कम किये हैं. भारत के आर्थिअक कुछ साल से धीरे से बढ़ते थे लेकिन यह सम विकास नही थे. 
शहरों में गरीबी तेज कम करता है. लेकिन ग्रामीण गाँवों में अधिकाँश लोग बहुत गरीबी हैं. तथापि एक चौथाई का आबादी कम १२ रुपीस एक दिन पर प्राप्त करते हैं. 
दलित या अस्पृश्य आबादी का थोक हैं. जातिवाद ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित है. यह अलग करने बनाए रख रहा है. लेकिन सामाजिक के सुधार कि वजह से यह असमानता अच्छा कर रहे हैं. 
ब्रिटिश का शासन भारत का अर्थव्यवस्था बाधा डाला था. भारत ब्रिटिश का लाभ के लिए न औघोगीकृत था. खेत और माल निजीकरण और लगाया थे. 
तो तब भारत स्वंतत्रता लाभ किया ये दुसरे देश के पीछा थे. स्वंतत्रते के बाद अलग आर्थिअक प्रणाली होते हैं. गुर्भाग्य भारत के सरकार में भ्रष्टाचार बहुत मामूली है. इस वजह से भारत बहुत संकट साना करता है.
लेकिन कष्टों के बावजूद भारत बहुत प्रगति है. उदाहरण के लिए मध्य वर्ग का विकास है. 

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